विकासनगर। शक्ति नहर किनारे बने आवासीय मकानों पर लाल निशान लगाए जाने से आक्रोशित लोगों ने विधायक आवास का घेराव किया। बड़ी संख्या में विधायक आवास पहुंचे लोगों ने शासन, प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि इस दौरान विधायक के आवास में मौजूद नहीं होने से लोगों ने विधायक कार्यालय के एक कर्मचारी को ज्ञापन सौंपा।
बुधवार को भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के बैनर तले लोगों ने विधायक आवास के बाहर नारेबाजी की।
सुबह 11 बजे पहुंचे आक्रोशित लोग चिलचिलाती धूप में करीब आधा घंटा तक विधायक आवास के बाहर नारेबाजी करते रहे। भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के संयोजक दौलत कुंवर ने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने बिना नोटिस दिए शक्ति नहर के दोनों किनारे पर बने 900 आवासीय भवनों पर लाल निशान लगा दिए हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। पचास साल से अधिक पुराने मकानों पर भी लाल निशान लगाए गए हैं। जल विद्युत निगम आवासीय भवनों पर बुल्डोजर चलाने का भय दिखाकर लोगों में दहशत पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में झुग्गियों को हटाए जाने पर कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि 12 साल से एक जगह पर बसी बस्तियों को उजाड़ने से पूर्व उनका पुनर्वास किया जाना जरूरी है।
पुनर्वास या जमीन आवंटन नहीं होने की दशा में बस्तियों को उजाड़ा नहीं जा सकता है। कहा कि प्रशासन भी पीड़ित परिवारों को बुल्डोजर चलाए जाने का भय दिखा रहा है। लाल निशान लगाए जाने के बाद सही नौ सौ परिवार डर के साए में जी रहे हैं। कहा कि सरकार की ऐसी किसी भी कार्रवाई का जमकर विरोध किया जाएगा। घेराव करने वालों में हुमेरा, अपरोज, सुमेर चंद धीमान, नजीर, नूर हसन, वसीम, इमराना, अनीस अंसारी, शौकीन, शमशाद, गुलशन, सरिता, सुकेश, सुनीता देवी, मनीषा देवी, शिवचंद , जुबैदा, इकराम, कमला, आरती, शानू, रवि, दिलशाद, नौशाद आदि शामिल रहे।