नई दिल्ली : दिल्ली को MCD चुनाव के 80 दिन बाद बुधवार को अपना नया मेयर मिल जाएगा। दिल्ली नगर निगम द्वारा मेयर चुनने के पिछले तीन असफल प्रयासों के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेयर चुनाव के लिए मंच तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत का रास्ता साफ या भाजपा अब भी चौंका सकती है यह कल ही पता चलेगा। मेयर पद के लिए ‘आप’ की ओर से शैली ओबरॉय और भाजपा की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा पिछले सप्ताह नगर निगम सदन की बैठक 22 फरवरी को बुलाने की मंजूरी दी है। बुधवार को होने वाली बैठक में मेयर के साथ ही डिप्टी मेयर और स्टैंडिग कमेटियों के छह सदस्यों को चुना चाएगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए नगर निगम को 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।
मनोनीत पार्षद नहीं डालेंगे वोट
अदालत ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया, जिन्होंने जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। वहीं, शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में मनोनीत सदस्य (एल्डरमैन) मेयर का चुनाव करने के लिए वोट नहीं कर सकते।
दिल्ली नगर निगम (DMC) अधिनियम, 1957 के अनुसार, निकाय चुनावों के बाद सदन के पहले ही सत्र में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाता है। हालांकि, बीते साल 4 दिसंबर को हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election) हुए दो माह से अधिक का समय हो गया है।
मेयर चुनाव के लिए 6 जनवरी को बुलाई गई थी पहली बैठक
नतीजे आने के एक महीने बाद मेयर चुनाव के लिए सदन की पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी। भाजपा और ‘आप’ के सदस्यों के बीच हंगामे के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद 24 जनवरी और फिर 6 फरवरी को भी बैठकें बुलाई गईं और दोनों बैठकों को भी मेयर का चुनाव किए बिना ही स्थगित कर दिया गया, जिससे दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। बार-बार मेयर चुनाव टलने के चलते याचिकाकर्ता शैली ओबरॉय ने 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
‘आप’ एमसीडी में सबसे बड़ी पार्टी
गौरतलब है कि 7 दिसंबर को आए एमसीडी चुनाव के नतीजों में ‘आप’ कुल 250 में से 134 वार्डों पर जीत हासिल कर स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी थी और एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था। भाजपा ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि कांग्रेस के हिस्सा में केवल नौ सीटें आई थीं।
कौन-कौन डालेगा वोट
मेयर के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 250 निर्वाचित पार्षद, 7 लोकसभा सांसद और दिल्ली के 3 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में ‘आप’ के 13 और भाजपा के एक सदस्य को मनोनीत किया है। मेयर चुनावों में कुल वोटों की संख्या 274 है। अभी नंबर गेम ‘आप’ के पक्ष में है, जिसके पास भाजपा के 113 के मुकाबले 150 वोट हैं।