नई दिल्ली: अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात के बाद यूरोपियन यूनियन के देशों का बड़ा बयान सामने आया है. यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने यूक्रेन का समर्थन जारी रखने का ऐलान किया है. यह मांग की गई है कि यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी मिले. बयान में कहा गया कि यूरोपीय देश अपनी भूमिका निभाने का तैयार है. इसके साथ ही कहा गया है कि यूरोपियन यूनियन जबरदस्ती यूक्रेन की सीमा में बदलाव मंजूर नहीं करेगा.
यूरोपियन यूनियन की प्रेसिडेंट वॉन डेर लेयेन, राष्ट्रपति मैक्रों, प्रधानमंत्री मेलोनी, चांसलर मर्ज़, प्रधानमंत्री स्टारमर, राष्ट्रपति स्टब, प्रधानमंत्री टस्क, राष्ट्रपति कोस्टा की ओर जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक के बाद हमें और राष्ट्रपति जेलेंस्की को विस्तृत जानकारी दी.
बयाव में कहा गया कि नेताओं ने यूक्रेन में हत्याओं को रोकने, रूस के आक्रामक युद्ध को समाप्त करने और न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति स्थापित करने के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया. जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था, ‘जब तक समझौता नहीं होता, तब तक कोई डील नहीं होता.’ राष्ट्रपति ट्रंप का अब अगला कदम राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ आगे की बातचीत करना है, जिनसे वह जल्द ही मिलेंगे.
यूक्रेन को मिले सुरक्षा गारंटी
बयान में कहा गया कि हम यूरोपीय समर्थन के साथ एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की दिशा में राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ काम करने के लिए भी तैयार हैं. हम इस बात पर स्पष्ट हैं कि यूक्रेन को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की प्रभावी रक्षा के लिए ठोस सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए. हम राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान का स्वागत करते हैं कि अमेरिका सुरक्षा गारंटी देने के लिए तैयार है. इच्छुक गठबंधन सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं या तीसरे देशों के साथ उसके सहयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए. रूस, यूरोपीय संघ और नाटो तक पहुंचने के यूक्रेन के रास्ते पर वीटो का अधिकार नहीं रख सकता है.
बयान में कहा गया कि अपने क्षेत्र पर निर्णय लेना यूक्रेन पर निर्भर होगा. अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए. यूक्रेन को हमारा समर्थन जारी रहेगा. हम यूक्रेन को मजबूत बनाए रखने के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए दृढ़ हैं ताकि लड़ाई समाप्त हो और एक न्यायसंगत एवं स्थायी शांति स्थापित हो.
बयाान में कहा गया कि जब तक यूक्रेन में हत्याएं जारी रहेंगी, हम रूस पर दबाव बनाए रखने के लिए तैयार हैं. हम रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाने के लिए प्रतिबंधों और व्यापक आर्थिक उपायों को तब तक मजबूत करते रहेंगे जब तक कि एक न्यायसंगत और स्थायी शांति स्थापित न हो जाए.
यूक्रेन को समर्थन रहेगा जारी
उन्होंने कहा कि यूक्रेन हमारी अटूट एकजुटता पर भरोसा कर सकता है क्योंकि हम एक ऐसी शांति की दिशा में काम कर रहे हैं जो यूक्रेन और यूरोप के महत्वपूर्ण सुरक्षा हितों की रक्षा करती है.
इससे पहले यूरोपीय आयोग की प्रवक्ता एरियाना पोडेस्टा ने बताया कि ट्रंप ने जेलेंस्की, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ़िनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर स्टब, पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और नाटो महासचिव मार्क रूट से बात की.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कही ये बात
बैठक के बाद इमैनुएल मैक्रों ने बयान जारी कर कहा कि अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बैठक के बाद आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप, राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय सहयोगियों के साथ समन्वय बैठक हुई. उन्होंने कहा कि इस बैठक के समापन पर, हमने अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ अपनी चर्चा जारी रखी. हम इस बात पर एकमत हैं:
यूक्रेन का समर्थन जारी रखना और रूस पर दबाव बनाए रखना जरूरी है जब तक कि उसका आक्रामक युद्ध जारी रहे और जब तक यूक्रेन के अधिकारों का सम्मान करते हुए एक ठोस और स्थायी शांति स्थापित न हो जाए.
किसी भी स्थायी शांति के साथ अटूट सुरक्षा गारंटी भी होनी चाहिए. इस संबंध में, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के योगदान की तत्परता का स्वागत करता हूं. हम उनके साथ और गठबंधन के अपने सभी सहयोगियों के साथ, जिनके साथ हम जल्द ही फिर से मिलेंगे, ठोस प्रगति करने के लिए इस पर काम करेंगे. पिछले 30 वर्षों से, विशेष रूप से रूस की अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान न करने की सुस्थापित प्रवृत्ति से, सभी सबक सीखना भी आवश्यक होगा.
हम एकता और जिम्मेदारी की भावना से अपने हितों की रक्षा के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. फ्रांस पूरी तरह से यूक्रेन के पक्ष में है.