यूपी डेस्क/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और असंवेदनशील रवैये पर कड़ा रुख अपनाया है। 26 जुलाई को, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ऑडियो साझा किया, जिसमें बस्ती जिले के एक अधीक्षण अभियंता (सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर) प्रशांत सिंह और एक रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी के बीच बातचीत थी।
इस ऑडियो को एक वरिष्ठ राजनेता ने शर्मा को भेजा था, जिसमें शिकायत की गई थी कि बस्ती के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक बिजली नहीं थी और अधिकारी फोन नहीं उठा रहे थे। जब रिटायर्ड अधिकारी ने अधीक्षण अभियंता से संपर्क किया, तो उनका व्यवहार असंवेदनशील और अमर्यादित था, जिसमें उन्होंने शिकायतकर्ता को “फालतू में फोन करने” की बात कही।
शर्मा ने अपने पोस्ट में लिखा कि “उन्होंने तीन दिन पहले ही यूपीपीसीएल के चेयरमैन, एमडी और अन्य अधिकारियों को ऐसी लापरवाही के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि 1912 टोल-फ्री व्यवस्था या अन्य तकनीकी सिस्टम मानवीय संवाद का विकल्प नहीं हो सकते। ऑडियो में अधिकारी की जनता के प्रति उदासीनता और सरकार की छवि खराब करने की मंशा स्पष्ट थी, जिसे शर्मा ने गंभीरता से लिया।
कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अभी-अभी अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई बातचीत का ऑडियों निम्नांकित लिखकर मुझे कार्यवाही करने के लिए भेजा है।
यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य अधिकारियों को कहा… pic.twitter.com/xQ5I0XaPQB
— A K Sharma (@aksharmaBharat) July 26, 2025
ऑडियो वायरल के बाद अभियंता निलंबित
ऑडियो वायरल होने के बाद, ऊर्जा मंत्री ने तत्काल प्रभाव से अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को निलंबित कर दिया। शर्मा ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता की शिकायतों को गंभीरता से न लेने और उचित व्यवहार न करने पर “परिणाम भयंकर होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि बिजली विभाग जनसेवा है, न कि बनिए की दुकान, और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपभोक्ता देवो भव:
बिजली उपभोक्ता की शिकायत के प्रति असंवेदनशीलता एवं अमर्यादित व्यवहार की घटना पर बस्ती के SE श्री प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है l
अन्य समस्त विद्युत अधिकारियों एवं कर्मियों को उपभोक्ता समस्याओं के प्रभावी एवं त्वरित समाधान हेतु पुनः… pic.twitter.com/8QRdarbF2n
— A K Sharma (@aksharmaBharat) July 27, 2025
सुधार और जवाबदेही लाने की दिशा
उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती और विभागीय भ्रष्टाचार को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद, अधिकारियों की मनमानी और जनता की परेशानी जारी है। शर्मा ने हाल ही में लखनऊ में एक समीक्षा बैठक में भी अधिकारियों को फटकार लगाई थी, जिसमें उन्होंने कहा कि जनता उन्हें गालियां दे रही है, जबकि अधिकारी “बकवास” और झूठी रिपोर्ट पेश कर रहे हैं।
क्या पड़ेगा इसका प्रभाव
इस घटना ने बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने से जनता में आक्रोश बढ़ा है, और कई लोग इसे सरकार की छवि खराब करने की साजिश मान रहे हैं। वहीं, शर्मा का यह कदम विभाग में सुधार और जवाबदेही लाने की दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का यह गुस्सा और त्वरित कार्रवाई बिजली विभाग में सुधार की जरूरत को दर्शाता है। हालांकि, यह भी सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई स्थायी बदलाव लाएगी या केवल अस्थायी हलचल तक सीमित रहेगी। जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति और बेहतर सेवा के लिए विभाग को और सख्त कदम उठाने होंगे।