Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

सिंगापुर और हमारे देश के द्विपक्षीय संबंध अब बनेंगे ऐतिहासिक!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
September 7, 2024
in राष्ट्रीय, विशेष, विश्व
A A
24
SHARES
784
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया ब्रुनेई और सिंगापुर दौरे से एक बार फिर यह साबित होता है कि भारत के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया कितनी अहमियत रखता है। ब्रुनेई की जमीन पर किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला कदम था, जबकि सिंगापुर में बतौर प्रधानमंत्री पांचवीं बार नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। इससे पहले वियतनाम और मलेशिया के शासनाध्यक्ष भी हाल-फिलहाल नई दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। जाहिर है, पिछले कुछ हफ्तों की यह गहमागहमी संकेत है कि दक्षिण-पूर्व एशिया को लेकर हमारा कूटनीतिक रुझान बदला है। । हम ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर शिद्दत से आगे बढ़ रहे हैं और पहले जहां इस क्षेत्र को भारत आर्थिक नजरिये से ही देखा करता था, वहीं अब सामरिक संबंधों के लिहाज से भी इसकी अहमियत समझी जाने लगी है।

इन्हें भी पढ़े

nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
भारत का व्यापार

ट्रंप का 20-25% टैरिफ: भारत के कपड़ा, जूता, ज्वेलरी उद्योग पर असर, निर्यात घटने का खतरा!

July 30, 2025
parliament

ऑपरेशन सिंदूर: संसद में तीखी बहस, सरकार की जीत या विपक्ष के सवाल? 7 प्रमुख हाई पॉइंट्स

July 30, 2025
UNSC

पहलगाम हमला : UNSC ने खोली पाकिस्तान की पोल, लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता उजागर, भारत की कूटनीतिक जीत !

July 30, 2025
Load More

हमारी बढ़ती आर्थिक ताकत!

हमारी यह कोशिश हिंद प्रशांत के लिए भी काफी उल्लेखनीय मानी जाएगी, क्योंकि दक्षिण-पूर्व एशिया इसके मध्य में ही स्थित है और यहां सबसे जटिल समस्या दक्षिण-पूर्व एशिया से ही पैदा हो रही है, फिर चाहे वह चीन का बढ़ता प्रभाव हो, या समुद्री सुरक्षा संबंधी विवाद, या फिर दक्षिण चीन सागर की परेशानी। आसियान को लेकर भी इन दिनों अलग तरह का तनाव बना हुआ है, क्योंकि पहले यह एक प्रभावी संगठन माना जाता था, लेकिन अब काफी हद तक बंटा हुआ दिखता है। चीन के दखल ने इसे इस कदर विभाजित कर दिया है कि इसके सदस्य देश अलग-अलग नीतियों को आगे बढ़ाते दिखते हैं। वे क्षेत्रीय मसलों पर भी आम राय नहीं बना पा रहे। दक्षिण चीन सागर को लेकर तो यह संगठन कोई नियम-कानून तक तय नहीं कर पाया है। ऐसे में, यहां के देशों की मंशा भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की है, क्योंकि हम किसी गुट के सदस्य नहीं हैं और हमारी बढ़ती आर्थिक ताकत उनके लिए कई नए अवसर पैदा कर सकती है।

पीएम मोदी की हालिया यात्रा पृष्ठभूमि!

स्पष्ट है, प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा इसी पृष्ठभूमि में हुई है। भारत आसियान के प्रति आग्रही तो है, लेकिन इस कोशिश में भी है कि इसके सदस्य देशों के साथ प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध बनाए जाएं। यह रिश्ता सिर्फ अर्थ की बुनियाद पर न हो, बल्कि सामरिक तौर पर भी मजबूत हो। इसमें निस्संदेह सिंगापुर का स्थान सबसे ऊपर है, क्योंकि वह बहुत पहले से भारत का सहयोगी रहा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दौर से लेकर अब तक सिंगापुर और भारत के आपसी रिश्ते लगातारं आगे बढ़े हैं। वहां जाने वाले भारतवंशियों ने भी इस संबंध को काफी निखारा है।

सिंगापुर हमेशा वकालत करता है !

यही कारण है कि सिंगापुर हमेशा यह वकालत करता रहा है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत बड़ी भूमिका निभाए। अमेरिका और चीन के तनाव से जो समस्याएं इस क्षेत्र में पैदा हो रही हैं, उनसे पार पाने में भी भारत की मदद की बात वह बार-बार दोहराता रहा है। इसका मतलब यही है कि दक्षिण-पूर्व एशिया की ओर भारत की बढ़ती राह सिंगापुर होकर ही गुजरती है, जिस कारण इस देश को भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया का सेतु कहना भी गलत नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा इस पुल को और मजबूत बनाती दिखी है। दोनों देश एक-दूसरे के यहां कई तरह के निवेश कर रहे हैं।

सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंध अब ऐतिहासिक !

अब कौशल विकास, यानी स्किल डेवलपमेंट पर जोर देने पर सहमति बनी है। उल्लेखनीय यह भी है कि सिंगापुर की आर्थिक तरक्की में भारत मूल के लोगों की बड़ी भूमिका है। वहां कई पेशेवर भारतीय हैं, जो अहम पदों पर मौजूद हैं। लिहाजा, दोनों देश आर्थिक तौर पर भी एक-दूसरे से अधिक जुड़ने को तत्पर हैं। वहां के डिजिटल लेन-देन में पहले से ही यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है, अब डिजिटल कनेक्टिविटी पर अधिक ध्यान देने की वकालत की गई है। यह इस बात का संकेत है कि भारत और सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंध अब ऐतिहासिक से सामरिक बनते जा रहे हैं।

देशों की बढ़ती आर्थिक ताकत नए अवसर !

दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर क्लस्टर डेवलपमेंट और सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग व मैन्युफैक्चरिंग पर भी बल देने का फैसला किया है। यह हमारे लिए काफी अनुकूल है, क्योंकि इसकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में हम बड़ी भूमिका निभाने को इच्छुक हैं। उम्मीद है, जल्द ही इस दिशा में काम हो सकेगा और दोनों देश एक-दूसरे की क्षमताओं का भरपूर लाभ उठा सकेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले विदेश, वित्त, उद्योग जैसे अहम मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी सिंगापुर का दौरा कर चुके थे, जिस कारण प्रधानमंत्री कई उपलब्धियों के साथ सिंगापुर से विदा हुए हैं।

चूंकि संबंधों को लेकर सिंगापुर भी समान तत्परता दिखा रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि दोनों देशों की बढ़ती आर्थिक ताकत कई नए अवसरों के दरवाजे खोल सकती है। विशेषकर, रक्षा, समुद्री सुरक्षा, आर्थिक आदि से जुड़ी कई बुनियादी समस्याओं का दोनों देश मिलकर समाधान निकाल सकेंगे। स्वास्थ्य और दवा, शिक्षा आदि से जुड़े विषयों पर भी समझौता करना इस बात की पुष्टि है कि वे द्विपक्षीय रिश्तों को बहुआयामी बनाने को लेकर काफी उत्सुक हैं।

रिश्तों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद !

बहरहाल, सिंगापुर से पहले प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई में थे। इस देश को भारत अब तक आसियान के चश्मे से ही देखता रहा है, अब द्विपक्षीय लैंस से भी इसे देखा जा रहा है। हम अब यह मानने लगे हैं कि ब्रुनेई सिर्फ आसियान का हिस्सा नहीं है, बल्कि अपने पांव पर खड़ा ऐसा देश है, जिसके साथ आपसी संबंध बेहतर बनाए जाने की जरूरत है। वहां प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, तकनीक, व्यापार, रक्षा जैसे अहम मसलों पर बात की। यह महत्वपूर्ण है कि कूटनीतिक संबंध के 40 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने वहां जाना उचित समझा। इसका दोनों देशों के रिश्तों पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

ब्रुनेई सिर्फ एक समूह का हिस्सा नहीं !

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में उचित रेखांकित किया गया कि ब्रुनेई सिर्फ एक समूह का हिस्सा नहीं, बल्कि अपने आप में अहम है। जिस तरह से आसियान के देशों में चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, यह काफी जरूरी हो जाता है कि भारत भी इसके सदस्य देशों के साथ आपसी रिश्ते मजबूत बनाए। कूटनीति के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिस पर हमें गंभीरता से आगे बढ़ना चाहिए। अच्छी बात है कि सिंगापुर में प्रधानमंत्री ने जहां ‘कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटीजिक पार्टनरशिप’ (व्यापक रणनीतिक साझेदारी) की घोषणा की, तो ब्रुनेई में ‘इन्दैन्स्ड पार्टनरशिप’, यानी विकसित साझेदारी की। इससे दोनों तरफ से संबंधों को नई ऊंचाई मिल सकेगी।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

भारत-तुर्की व्यापार में 63% की कमी और बायकॉट की लहर !

May 16, 2025
heavy rain

मानसून का रहस्य सुलझाने में नाकाम हो रहे हैं मौसम विज्ञानी

May 28, 2023
महात्मा गांधी भगत सिंह

आत्म पराजय का रास्ता

October 18, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य
  • NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!
  • देश पहले खेल बाद में, EaseMyTrip ने WCL भारत-पाकिस्तान मैच से प्रायोजन हटाया, आतंक के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया।

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.