मंडी : पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम के बेटे एवं सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के शासन में कुछ लोगों ने उन्हें काम नहीं करने दिया। अब वह क्षेत्र का हर तरह से विकास करवाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उनके मंत्रियों से मेरे बेहतर संबंध हैं, जो क्षेत्र के विकास में बहुत ही फायदेमंद साबित होंगे। यह बात उन्होंने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कांग्रेस के मंडी के एक बड़े नेता पर भी तंज किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम की अब कोई पहचान नहीं है, यह कहने वाले नेताओं की अब बोलती बंद हो गई है।
यह उल्लेखनीय है कि अनिल शर्मा पिछले दो कार्यकाल में भी मंत्री रहते हुए अपनी ही सरकारों के खिलाफ असंतोष से कडे तेवर दिखा चुके हैं। वह जब वीरभद्र सरकार में मंत्री थे तो भी ऐसा कर चुके हैं, जयराम सरकार में तो वह अक्सर विरोध जताते रहे। उन्होंने कहा कि मंडी के एक बड़े नेता ने चुनाव से तीन चार दिन पूर्व बयान देकर कहा था कि पं. सुखराम की कभी पहचान थी मगर अब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बेटा होने के नाते मेरे लिए एक चुनौती थी और इस चुनाव में सदर की जनता ने यह साबित कर दिया कि आज भी पंडित सुखराम की पहचान है, जबकि बयान देने वाले वो नेता चुनाव हार गए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन की परंपरा कायम रही। इसके चलते जनकल्याण की कई योजनाएं लागू करने के बाद भी भाजपा दोबारा सरकार नहीं बना पाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दस गारंटियों की वजह से सत्ता में आई है। यह अलग बात है कि कांग्रेस सरकार इसमें कितनी सफल हो पाती है। कहा कि आज तक हुए 13 चुनावों में से आठ पंडित सुखराम और पांच उन्होंने स्वयं लड़े और जीते हैं।
तीन बार वे कांग्रेस और दो बार भाजपा से चुनाव जीते हैं। पूर्व में मेरे और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ी थीं। चुनाव से पूर्व मैंने निर्णय लिया कि मैं जिस पार्टी में हूं उसी से चुनाव लड़ूंगा। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा ने जेपी नड्डा को इतने ऊंचे औहदे तक पहुंचाया और दूसरा मंडी के हित के लिए वे दूसरों की तरह नहीं करना चाहते थे, जैसा कि मंडी के नेताओं ने पंडित सुखराम के साथ किया था।
गलत नीतियों का करूंगा विरोध
सदर विधायक ने कहा कि जहां तक विरोध की बात है तो पार्टी का सिपाही होने के नाते सरकार की गलत नीतियों का विरोध विधानसभा के अंदर और बाहर बराबर करेंगे। उन्होंने कहा कि पं. सुखराम ने बुरे वक्त सुखविंद्र सिंह सुक्खू की मदद की है, जिसे वे आज भी याद रखते हैं। इसी के चलते हाल ही में प्लानिंग की मीटिंग में मुख्यमंत्री से मंडी नगर निगम के लिए 15 करोड़ जारी करने की बात की तो मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार कर लिया।
सुक्खू सरकार ने नहीं ठेकेदार की वजह से रुका शिवधाम का काम
अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी का शिवधाम प्रोजेक्ट सुक्खू सरकार ने नहीं रोका, बल्कि ठेकेदार के आरबिट्रेशन में जाने की वजह से काम रुका है। वहीं पर 191 मेगावाट के थौना पलौना प्रोजेक्ट का केस पर्यावरण मंत्रालय ने कुछ आपत्तियों के साथ लौटा दिया है। इसका दोबारा सर्वे किया जाना है। इसमें पांच से छह माह का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि मंडी की अलग पहचान बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
मंडी शहर में नहीं हुआ कोई संस्थान बंद नहीं किया विरोध
अनिल ने कहा कि हर सरकार अपने तरीके से शासन चलाती है। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पिछले नौ माह में खोले गए संस्थानों को बंद कर दिया। इसका भाजपा मंडल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान और प्रदर्शन कर विरोध कर रही है। लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र में इस तरह के संस्थान बंद नहीं हुए हैं। इसलिए मंडी सदर मंडल भाजपा की ओर से इस तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने का कार्य किया जाएगा। इसकी रणनीति भाजपा विधायक दल की ओर से बनाई गई है।