Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

आम चुनाव से पहले देश में लागू हुआ CAA, मिलेगी न्यायपूर्ण नागरिकता

लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पहले देश में नागरिकता संशोधन) ( अधिनियम (सीएए) लागू ने करके सरकार अपना एक वादा पूरा कर दिया है।

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
March 12, 2024
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
17
SHARES
574
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा


नई दिल्ली। लगभग चार वर्ष के इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम अर्थात सीएए को देश भर में लागू करके न केवल अपने आलोचकों को चौंकाया है, बल्कि देश अपने लोगों की नागरिकता सुनिश्चित करने की जरूरी दिशा में बढ़ चला है। इस नए कानून का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे देशों से आने वाले मुस्लिमों को अब भारत में सहजता से नागरिकता नहीं मिलेगी, जबकि इन देशों से आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई व अन्य धर्म के लोगों को सहजता से नागरिकता हासिल हो जाएगी। कानून के तहत पात्र लोग नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। गौर करने की बात है कि पिछले दिनों से अनेक नेता सीएए के लागू होने के संकेत दे रहे थे। यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि आम चुनाव से पहले ही सीएए को लागू कर दिया जाएगा। चुनाव की घोषणा के ठीक पहले सीएए को लागू कर सरकार ने अपना एक वादा पूरा कर दिया है।

इन्हें भी पढ़े

population

2 चरणों में होगी जनगणना, जाति भी बतानी होगी!

December 2, 2025
cji surya kant

रोहिंग्याओं के मुद्दे पर भड़के CJI सूर्यकांत बोले-‘क्या घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएं?

December 2, 2025
Lok Bhavan

राजभवन बन गए लोकभवन, अब PMO भी कहलाएगा सेवा तीर्थ?

December 2, 2025
pension

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, पेंशन स्कीम के बदले गए नियम

December 2, 2025
Load More

2019 में पारित हुआ CAA

दरअसल, सीएए एक ऐसा मोर्चा है, जिसे लेकर केंद्र सरकार की आलोचना हो रही थी। सीएए का विरोध करने वाले ज्यादातर लोग शांत थे और अनेक लोग सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे थे। वाकई, संसद में 11 दिसंबर, 2019 को सीएए पारित हो गया था, और कुछ ही घंटों में कानून को अधिसूचित भी कर दिया गया था, पर इसके लिए नियम तय नहीं हुए थे। कानून बन जाने के बाद नियम तय करना जरूरी होता है और नियम तय करने के लिए सरकार लगातार समय ले रही थी। इस वजह से सरकार की आलोचना भी हो रही थी। बहरहाल, नियम न तय होने से आगे नई लोकसभा में तकनीकी परेशानियां आ सकती थीं, अतः केंद्र सरकार ने चुनाव से ठीक पहले इस कार्य को अंजाम देकर एक तरह से अपना ही अधूरा काम पूरा किया है। अब चुनाव में साफ तौर पर सीएए विरोधियों के पास यह मौका होगा कि वे लोगों के बीच अपनी बात रखें। मतलब, आगामी चुनाव एक तरह से सीएए पर जनमत संग्रह जैसा होगा। यहां यह याद करने की बात है कि सीएए लागू करने का वादा पिछले लोकसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से उठाया गया प्रमुख मुद्दा था और इससे भाजपा को चुनाव में बहुत फायदा भी हुआ था।

भारतीय नागरिकता लेने का हक!

देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है, जो मानते हैं कि भारत का विभाजन मुस्लिमों की अलग राष्ट्र की मांग की वजह से हुआ था, अतः जिन मुस्लिमों ने भारत छोड़कर अलग देश में रहना चुना, उन्होंने भारत की नागरिकता मांगने का हक खो दिया। दूसरी ओर, सीएए का विरोध करने वालों का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिमों के साथ भारतीय नागरिकता देने में भेदभाव नहीं होना चाहिए। एक तर्क यह भी है कि धर्मनिरपेक्ष भारत में नागरिकता का फैसला किसी की आस्था के आधार पर नहीं होना चाहिए। बहरहाल, अपने देश में धर्म की राजनीति नई नहीं है, इसके पक्ष और विपक्ष में लगभग हर पार्टी राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। बेशक, राजनीति से अलग होकर सोचना ज्यादा जरूरी है। जो मजबूर लोग पाकिस्तान या बांग्लादेश से भारत में आए हुए हैं, उनकी समस्याओं का समाधान देश के लिए प्राथमिकता होनी ही चाहिए। भूलना नहीं चाहिए, नागरिकता का तार्किक व मानवीय वितरण इस देश की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की संस्कृति का अंग है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
nitish-lalu

1991 का वो किस्सा… जब नीतीश-लालू दुलारचंद यादव से वोट मांगने ‘टाल’ गए थे!

November 3, 2025

क्यों ट्रेंड हो रहा ‘All Eyes On Rafah’? जानें वजह

May 31, 2024
brics 2024

BRICS सम्मेलन में अपने हितों को रखते विश्व के देश!

October 25, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • 2 चरणों में होगी जनगणना, जाति भी बतानी होगी!
  • रोहिंग्याओं के मुद्दे पर भड़के CJI सूर्यकांत बोले-‘क्या घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएं?
  • राजभवन बन गए लोकभवन, अब PMO भी कहलाएगा सेवा तीर्थ?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.