नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर बुधवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत की एकता और सामाजिक समरसता के सामने बाहरी घुसपैठ से भी बड़ा खतरा देश के भीतर हो रहा जनसांख्यिकीय परिवर्तन (डेमोग्राफिक चेंज) है। पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि घुसपैठ और बाहरी ताकतों ने लंबे समय से देश की एकता के लिए खतरा पैदा किया है, लेकिन आज बड़ी चुनौती जनसांख्यिकीय परिवर्तन से आ रही है जो सामाजिक समानता को कमजोर कर रहे हैं।
आरएसएस के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विविधता में एकता’ भारत की आत्मा है, लेकिन जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और अतिवादी सोच से प्रेरित विभाजन अगर नहीं सुलझाए गए तो राष्ट्र को कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा हमेशा से विविधता में एकता रही है, और चेतावनी दी कि यदि इस सिद्धांत को तोड़ा गया, तो राष्ट्र की शक्ति भी कमजोर हो जाएगी।
इस मूल्य को निरंतर बनाए रखने और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि आज सामाजिक समानता को घुसपैठ से भी ज्यादा जनसांख्यिकीय परिवर्तन से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घुसपैठ लंबे समय से एक चुनौती रही है, लेकिन जनसंख्या में हो रहे बदलाव उससे भी बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाल किले से मैंने डेमोग्राफिक मिशन की घोषणा इसलिए की थी, क्योंकि यह मुद्दा देश की आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति से जुड़ा हुआ है।
मोदी ने कहा कि आरएसएस ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार में विश्वास करता है, हालांकि आजादी के बाद इसे राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा, विविधता में एकता हमेशा से भारत की आत्मा रही है, अगर यह सिद्धांत टूटा तो भारत कमजोर हो जाएगा। चुनौतियों के बावजूद आरएसएस मजबूती से खड़ा है और निरंतर राष्ट्र की अथक सेवा कर रहा है