जिला परिषद बिलासपुर के अध्यक्ष के पद को लेकर दोनों दलों में आज चेक मेट का दिन है। बिलासपुर में सबसे कम आयु की अध्यक्ष बनने वाली मुस्कान के हाथों से केवल अढाई वर्षों में ही कुर्सी छिनती नजर आ रही है। भाजपा ने मुस्कान के ऊपर दाव खेलकर जिला परिषद के ताज पर कब्जा किया था। अब देखना यह है कि भाजपा दोबारा कुर्सी पर काबिज होती है या फिर कांग्रेस बाजी मारती है।
दोनों ही दल फूंक-फूंक कर उठा रहे कदम
कांग्रेस इस सीट को हर हाल में हासिल करने का प्रयास कर रही है, ताकि उपाध्यक्ष पद पर मिली शिकस्त की भरपाई की जा सके। दोनों ही दल फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। हालांकि दोनों दलों ने अपने अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं, लेकिन बड़े हेरफेर के डर से दोनों दल इन्हें सार्वजनिक करने से डर रहे हैं।
दोनों ही दलों द्वारा बैठक रखी गई है। भाजपा के लिए रूठों को मनाना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। यदि भाजपा रूठों को नहीं मना पाई तो इसके लिए अध्यक्ष पद पर दोबारा से काबिज होना मुश्किल होगा। जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में उलटफेर होने की संभावना जताई जा रही है।
भाजपा के आठ जिला परिषद सदस्य
14 सदस्यों वाली जिला परिषद बिलासपुर में भाजपा के आठ सदस्य हैं। इनमें से पांच सदस्यों ने ही कांग्रेस के छह पार्षदों की मदद से मौजूदा जिला परिषद अध्यक्ष के विरुद्ध हटाने की मुहिम शुरू की है। संबंधित सदस्यों ने उपाध्यक्ष को पद से हटाया था तथा इनमें से ही एक सदस्य मान सिंह उपाध्यक्ष बना है।
तीन सदस्यों की नाराजगी भाजपा को पड़ सकती है भारी
भाजपा के निवर्तमान उपाध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर, निवर्तमान अध्यक्ष व एक अन्य सदस्य को मनाकर ही भाजपा दोबारा से इस पद पर काबिज हो सकती है। तीन सदस्यों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है। कांग्रेस की तरफ से प्रोमिला बासु व शालू रणौत अध्यक्ष पद के दावेदार बताए जा रहे हैं, जबकि भाजपा की तरफ से शैलजा अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल बताई जा रही हैं। कांग्रेस के लिए किसी एक का चयन करना कठिन होगा।