स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: 1 अगस्त से भारत में कई वित्तीय और जीवनशैली से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आम लोगों के मासिक खर्च को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें क्रेडिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) से संबंधित बदलाव शामिल हैं। आइए इन बदलावों का विश्लेषण एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं, जो आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं
क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव
11 अगस्त 2025 से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने कुछ को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड्स (जैसे UCO बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, करूर वैश्य बैंक और इलाहाबाद बैंक के साथ मिलकर जारी ELITE और PRIME कार्ड्स) पर मिलने वाला मुफ्त एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर बंद कर रहा है। अभी तक इन कार्ड्स पर 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का कवर मिलता था। इस बदलाव से क्रेडिट कार्ड धारकों को अतिरिक्त इंश्योरेंस लेने की जरूरत पड़ सकती है, जिससे खर्च बढ़ सकता है।
अन्य क्रेडिट कार्ड बदलाव
कुछ बैंकों, जैसे HDFC और कोटक महिंद्रा, ने हाल के महीनों में क्रेडिट कार्ड पर मासिक फाइनेंस चार्ज बढ़ाया है (उदाहरण के लिए, 3.5% से 3.75% तक) और यूटिलिटी बिल भुगतान पर रिवॉर्ड पॉइंट्स की सीमा तय की है। हालांकि, 1 अगस्त के लिए विशेष रूप से कोई नया क्रेडिट कार्ड नियम सामने नहीं आया है, लेकिन मौजूदा बदलावों का असर अभी भी देखा जा सकता है।
UPI नियमों में बदलाव
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI को तेज और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। 1 अगस्त 2025 से:एक दिन में UPI ऐप्स (जैसे Paytm, PhonePe, GPay) से बैलेंस चेक करने की सीमा 50 बार होगी। मोबाइल नंबर से लिंक बैंक खातों की जांच 25 बार तक सीमित होगी। ऑटोपे ट्रांजैक्शन (जैसे नेटफ्लिक्स या म्यूचुअल फंड की किश्त) अब केवल तीन समय स्लॉट में प्रोसेस होंगे: सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे, और रात 9:30 बजे के बाद।
इन बदलावों का उद्देश्य सर्वर पर अनावश्यक दबाव कम करना और धोखाधड़ी की आशंका को घटाना है। हालांकि, बार-बार बैलेंस चेक करने वाले यूजर्स को असुविधा हो सकती है, जिससे उनके दैनिक वित्तीय प्रबंधन पर असर पड़ सकता है।
LPG सिलेंडर के दाम में बदलाव
हर महीने की तरह, 1 अगस्त 2025 को भी तेल कंपनियां घरेलू और कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करेंगी। कीमतों में बढ़ोतरी या कटौती संभव है, जो कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करेगी। हाल के महीनों में कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है (उदाहरण: जुलाई 2025 में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 57-58 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती हुई थी)।
घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बदलाव सीधे रसोई के बजट को प्रभावित करेगा। अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो मासिक खर्च में वृद्धि होगी।
CNG और PNG के दाम में संभावित बदलाव
तेल कंपनियां हर महीने CNG और PNG की कीमतों की भी समीक्षा करती हैं। अप्रैल 2025 के बाद से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन 1 अगस्त को कीमतों में संशोधन की संभावना है। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2025 में मुंबई में CNG की कीमत 79.50 रुपये/किलोग्राम और PNG की कीमत 49 रुपये/यूनिट थी। अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो वाहन और घरेलू ईंधन खर्च पर असर पड़ सकता है।
बैंक हॉलिडे
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर महीने बैंक छुट्टियों की सूची जारी करता है। अगस्त 2025 में बैंकों की छुट्टियों की संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन मार्च 2025 में 14 दिन बैंक बंद रहने की बात कही गई थी। इन छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं 24/7 उपलब्ध रहेंगी, लेकिन शाखा-आधारित सेवाओं के लिए पहले से योजना बनानी होगी, जिससे कुछ वित्तीय लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं।
अन्य संभावित बदलाव
जेट फ्यूल (ATF) की कीमतें हर महीने की तरह, 1 अगस्त को एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में भी संशोधन हो सकता है। जुलाई 2025 में दिल्ली में ATF की कीमत 83,072.55 रुपये प्रति किलोलीटर थी, जिसमें कटौती देखी गई थी। अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो हवाई यात्रा महंगी हो सकती है, जिससे यात्रा खर्च पर असर पड़ेगा।
UPI चार्ज बैक प्रक्रिया में राहत जुलाई 2025 से UPI चार्जबैक क्लेम को बिना NPCI की मंजूरी के दोबारा प्रोसेस करने की सुविधा शुरू हो चुकी है, जो अगस्त में भी जारी रहेगी। इससे शिकायतों का समाधान तेज होगा, लेकिन इसका सीधा असर मासिक खर्च पर नहीं पड़ेगा।
मासिक खर्च पर प्रभाव क्रेडिट कार्ड
मुफ्त इंश्योरेंस कवर हटने और संभावित फाइनेंस चार्ज बढ़ने से क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं का खर्च बढ़ सकता है, खासकर अगर वे बिल भुगतान में देरी करते हैं।
UPI: बैलेंस चेक और ऑटोपे की नई सीमाएं यूजर्स को अपने लेनदेन की आदतों में बदलाव करने के लिए मजबूर कर सकती हैं, जिससे छोटे व्यवसायों और नियमित UPI यूजर्स को असुविधा हो सकती है।
LPG और CNG/PNG: सिलेंडर और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से रसोई और वाहन खर्च बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर 14 किलो के घरेलू सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ती है, तो सालाना 600 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।
ATF: हवाई यात्रा की लागत बढ़ने से यात्रियों का बजट प्रभावित होगा, खासकर बार-बार यात्रा करने वालों का।