मुरार सिंह कण्डारी
नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक पूज्य श्री तनसिंह का जन्म शताब्दी समारोह
लाखों राजपूतों ने अपनी आन बान शान से बड़े अनुशासन के साथ दिया क्षत्रिय एकता का परिचय।
तनसिंह जी बाड़मेर जिले के रामदेरिया गांव के ठा. बलवंत सिंह महेचा एवम् शक्ति स्वरूपा माता श्रीमती मोती कंवर जी के सुपुत्र थे। जन्म 25 जनवरी,1924 को जैसलमेर जिले के बैरसियाला गांव (ननिहाल) में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर में प्राप्त करने के पश्चात आपने 1942 में चैपासनी स्कूल जोधपुर से मैट्रिक परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा हेतु पिलानी गये। सन् 1944 में नागपुर से वकालत की परीक्षा पास कर बाड़मेर आये एवं बाड़मेर नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 1952 एवं 1957 में आप बाड़मेर से विधायक चुने गए। 1962 में संसार के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर से मात्र 9 हजार रुपये खर्च कर सांसद चुने गए। 1979 को आपने अपनी शक्ति स्वरूपा माता की गोद में अंतिम सांस ली। आप प्रथम विधानसभा में कुछ माह नेता प्रतिपक्ष भी रहे। श्री क्षत्रिय युवक संघ जैसी अनूठी संस्था को जन्म देने वाले पूज्य तनसिंह जी राजनीतिज्ञ के साथ-साथ उत्कृष्ट कोटी के लेखक, कवि, वकील, व्यवसायी, श्रेष्ठ वक्ता, कर्मठ कार्यकर्ता भक्त, विचारक भी थे।
भगवान सिंह रोलसाहबसर, श्री क्षत्रिय सेवा सघ प्रमुख, ने कहा कि पूज्य तनसिंह जी ने समाज की सेवा के माध्यम से जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग श्री क्षत्रिय युवक संघ के रूप में दिया। त्याग, तपस्या और संयम का यह मार्ग मुश्किल जरूर है लेकिन समाज में वास्तविक परिवर्तन इसी से आ सकता है।
पूज्य तनसिंह जी द्वारा स्थापित यह संगठन पिछले 77 वर्षों से निरंतर आगे बढ़ रहा है। संघ का मूल कार्य शाखा और शिविरों के माध्यम से युवा पीढ़ी में क्षत्रियोचित संस्कारों का निर्माण करना है जिससे क्षात्रधर्म का पालन करते हुए हम गीता में कही गई ‘परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्’ की क्षत्रिय की परिभाषा को सार्थक कर सकें।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा सभी सामाजिक जनों को इस आयोजन का भागीदार होने के लिए विनम्रता से आमंत्रित करता हूँ। आइये, इतिहास लिखने वाले तन सिंह जी का संदेश दोहराने और हर जन तक पहुँचाने।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने सम्बोधन में कहा- श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रणेता परम पूज्य तनसिंह जी की 100वीं जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नम ऐसे युगपुरुष विरले ही होते हैं, जो देहवसान के इतने वर्षों के बाद भी समुदाय के इतने सारे लोगों को एक साथ जोड़ पाने में और समाज को एक सूत्र में बांध पाने में समर्थ हों।
आदरणीय तनसिंह जी ने श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना राजपूत युवकों में क्षत्रियोचित संस्कारों के निर्माण के लिए की थी व श्री क्षत्रिय युवक संघ के रूप में क्षत्रिय समाज की युवा पीढ़ी को धर्म, संस्कृति, राष्ट्र और मानवता के कल्याण में नियोजित करने का मार्ग बना गए। उनके सिद्धांतों को अनुपालन करते हुए हम एक समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए आजीवन कार्यरत रहेंगे।इतिहास के सुनहरे पृष्ठों में तनसिंह जी के उच्च विचार और आदर्शों की एक अमिट छाप है। वे एक उच्च संस्कार और आदर्शों के वाहक थे, जिसने आज भी समाज के लोगों के हृदय में एक दर्शन की लौ जला रखी है। आज पूज्य श्री तनसिंह जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
दीया कुमारी उप मुख्यमंत्री राजस्थान ने अपने उद्बोधन में कहा तनसिंह जी के उच्च विचार और आदर्श हम सबको सदैव प्रेरित करते रहेंगे। वे एक विचार, एक दर्शन, एक संस्कार और जीवंत संस्कृति के अगुवा थे। मैं नतमस्तक होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और आशा करती हूं कि आज का हर एक युवा उनके पदचिन्हों पर अग्रसर हो। दिल्ली में लहराया केसरिया।
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में लाखों राजपूतों ने अपनी आन बान शान से बड़े अनुशासन के साथ दिया क्षत्रिय एकता का परिचय।
केसरिया रंग में रंगा पूरा स्टेडियम। कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, युवराज लक्ष्यराज सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौर, हैदराबाद के विधायक टी राजा, युवराज शक्ति सिंह, क्षत्रिय युवक संघ के चतुर्थ संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर, संघ के संस्थापक तन सिंह जी की पुत्री जागृति कंवर सहित अनेक विधायक, सांसद व गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।