Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home लाइफस्टाइल

क्या 7 साल में पूरा का पूरा बदल जाता है हमारा शरीर?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
February 4, 2025
in लाइफस्टाइल, स्वास्थ्य
A A
body
19
SHARES
641
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली। ऐसा तो आपने भी जरूर सुना होगा, हमारा पूरा शरीर 7 साल में बिलुकल नया हो जाता है. तब तक शरीर की हर कोशिका यानी सेल बदल जाती है. इस दलील के आधार पर कई लोग यह तक कहते हैं कि इंसान अगर चाहे तो खुद की हर बीमारी की ठीक कर सकता है और 7 साल में उसकी शरीर का हर तरह का जख्म पूरी तरह से ठीक हो सकता है. लेकिन ऐसा होता नहीं है. तो ये 7 साल में शरीर बदलने के सच आखिर क्या है. क्या इससे मेडिकल साइंस को फायदा मिलता है? क्या हम वाकई अपने हर लंबे रोग को ठीक कर सकते हैं? आइए जानते हैं कि इस पर क्या कहता है विज्ञान?

एक अहम सवाल

इन्हें भी पढ़े

सेब

‘एक सेब रोज खाओ डॉक्टर से दूर रहो’ वाली कहावत में कितनी सच्चाई जानिए!

June 26, 2025
heart

दिल की सेहत को पांच स्वाद के साथ हमेशा जवान…जानिए क्या हैं ?

June 10, 2025
Corona virus

फिर पैर पसार रहा है कोरोना, भारत में मिले 257 मरीज, 2 की मौत !

May 21, 2025
Corona virus 'X

कोरोना की वापसी… हांगकांग, सिंगापुर से थाईलैंड तक अलर्ट, क्या फिर लौटेगा 2020 वाला डर ?

May 19, 2025
Load More

साइंस का कहना है कि हमारा शरीर नियमित तौर से करीब  370 खरब मानव कोशिकाएं बदलता रहता है. ऐसे में यह लगना स्वाभाविक कि अगर शरीर की कोशिका बदलती है तो वह पहले से बेहतर हो कर भी बदल सकती है और इस तरह से तो हमारे कई रोगों का उपचार भी इसी समय में हो सकता होगा.

कोशिकाओं का बदलना एक नियमित प्रक्रिया

इससे पहले कि हम इस सवाल के जवाब में जाएं कि कोशिकाओं का बदलना हमारे सभी रोगों के उपचार में सहायक हो सकता है या नहीं, हमें पहले कोशिकाओं के बदलाव की प्रक्रिया को समझना होगा. सेल्स के बदलने की प्रक्रिया ना केवल लगातार और नियमित है बल्कि अलग अलग भी है. इसे सेल रीजनरेशन कहते हैं. सेल्स बनती हैं परिपक्व होती है. फिर खराब होकर या धीरे धीरे कमजोर हो कर मर जाती है और  उनकी जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं.

रिजनरेशन की प्रक्रिया!

दिलचस्प बात ये है कि कई जीवों में कोशिका बदलने की प्रक्रिया शरीर के हिस्से को फिर से बनाने की प्रक्रिया की तरह है. इसलिए  जब उनका वह खासअंग खराब होता है, तब ना केवल  कोशिकाएं, बल्कि ऊतक भी एक साथ बदलते हैं और नतीजे में पूरा का पूरा अंग ही एक साथ बदल जाता है.

इंसानों के साथ नहीं होता है ऐसा

लेकिन इंसान के मामले में ऐसा नहीं होता है. इंसान का कोई भी अंग एक साथ पूरा का पूरा नहीं बदलता है. यहां तक कि टिशू या ऊतक भी एक बार में पूरे नहीं बदलते हैं. और यही कारण है कि इंसानों में कभी भी ऑर्गन रीजनरेशन यानी पूरा का पूरा अंग फिर से विकसित होने की प्रक्रिया देखने को नहीं मिलती है.

क्या हर सेल एक रफ्तार से बदलती है

मानव शरीर की बदलने वाली 370 खरब कोशिकाओं में से करीब 330 अरब कोशिकाएं रोज ही बदल जाती है और यह शरीर का केवल एक फीसदी हिस्सा ही है. वहीं कुछ कोशिकाएं हर हफ्ते बदल जाती हैं. इनमें पेट की कई कोशिकाएं शामिल हैं. त्वचा की कोशकाओं को पूरी तरह बदलने में कुछ हफ्तों का समय लगता है. जबकि 50 करोड़ त्वचा कोशिकाएं रोज बदल जाती हैं.

कौन सी सेल्स बदलने में लगाती हैं ज्यादा वक्त

वहीं कुछ कोशिकाएं बदलने में कुछ ज्यादा ही समय लगा देती हैं. इसकी सबसे अच्छी मिसाल हड्डियों की कोशिकाएं होती हैं. वे बदलने में 10 से 15 साल तक का वक्त लगा देती हैं.  इस तरह से वैज्ञानिक पाते हैं लगभग पूरा शरीर बदलने में औसतन 7 से 10 साल का वक्त लग जाता है. यह शरीर की कोशिकाओं की औसत आयु है.

कुछ कोशिकाएं नहीं बदलती कभी

आपको जानकर हैरानी होगी की शरीर की कुछ चुनिंदा कोशिकाएं ऐसी भी होती हैं, जो कभी नहीं बदलती. इंसान की आंखों के लेंस की कोशिकाएं, दिमाग के सेरेब्रल कॉर्टेक्स की तंत्रिकाएं, शरीर के खत्म होने के साथ ही खत्म होती हैं और कभी नहीं बदलती हैं.

ऐसे में समस्या कोशिका बदलने की नहीं बल्कि वो सारी प्रक्रियाएं हैं जो शरीर से जुड़ी हैं. आमतौर पर शरीर की कोशिकाएं खुद को फाड़ कर उनकी नकल बनाती हैं. बीमार या घाव वाली कोशिकाओं में उपचार की प्रक्रिया अलग होती है जो कि कोशिका के पैदा होने और मरने से पहले दूसरी बनने की प्रक्राया से काफी अलग होती है. ये प्रक्रियाएं उम्र ढलने के  साथ बदलती भी हैं. ऐसे में यह उम्मीद करना की 7 साल में शरीर बदलने का फायदा उपचार में होगा सही नहीं है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
EC

बट्टेखाते में जाती चुनाव आयोग की साख!

October 11, 2022
REC Limited signs MoU with Madhya Pradesh Government

आरईसी लिमिटेड ने MP सरकार के साथ किए एमओयू पर हस्ताक्षर

March 4, 2025
Rashtriya Divyang Sena's

विकास की राह में बाधा बनते चबूतरे, गांव-शहर में बदला लेकिन व्यवहार नहीं

May 22, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • सीएम नीतीश ने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप वैशाली का किया उद्घाटन
  • कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य
  • NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.