स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: एलन मस्क ने 29 मई 2025 को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया, जो उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख के रूप में निभाई थी। मस्क का 130 दिन का कार्यकाल कई विवादों से भरा रहा, जिसने उनके और ट्रंप प्रशासन के बीच तनाव को उजागर किया। उनके कार्यकाल के पांच प्रमुख विवादों को विस्तार से विशेष विश्लेषण में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
ट्रंप के “बिग ब्यूटीफुल बिल” पर असहमति
मस्क ने ट्रंप के प्रस्तावित “One Big, Beautiful Bill Act” की तीखी आलोचना की थी, जिसे उन्होंने एक “विशाल व्यय विधेयक” करार दिया। इस बिल को मस्क ने DOGE के मिशन, यानी सरकारी फिजूलखर्ची को कम करने के खिलाफ बताया क्योंकि यह संघीय घाटे को बढ़ाने वाला था। यह असहमति मस्क के इस्तीफे का एक प्रमुख कारण बनी। मस्क की सार्वजनिक आलोचना ने ट्रंप प्रशासन के भीतर नीतिगत मतभेदों को उजागर किया और उनके बीच बढ़ते तनाव का संकेत दिया।
In the coming days, legacy media will try to convince you that President Trump and Elon Musk are no longer friends and that’s why Musk left.
What they won’t tell you is that Elon was a Special Government Employee, limited to 130 days of service and that term ends tomorrow. pic.twitter.com/blNzVm9Gnd
— DogeDesigner (@cb_doge) May 29, 2025
कैबिनेट मंत्रियों के साथ तीखी बहस
26 फरवरी 2025 को आयोजित एक कैबिनेट बैठक में मस्क और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच कर्मचारी छटनी और नीतिगत निर्णयों को लेकर तीखी बहस हुई। मस्क ने रुबियो पर उनकी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को बंद करने का आरोप लगाया, जबकि रुबियो ने मस्क की आलोचना की और उनकी नीतियों को अव्यवहारिक बताया। ट्रंप ने इस बैठक में हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय मंत्रियों का होगा न कि मस्क का, जिससे मस्क की शक्तियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई। इस घटना ने मस्क की प्रशासन में प्रभावशाली स्थिति को कमजोर किया और उनके इस्तीफे की ओर इशारा किया।
रेजोल्यूट डेस्क विवाद
फरवरी 2025 में खबर आई कि मस्क के बेटे ने ओवल ऑफिस में मौजूद ऐतिहासिक रेजोल्यूट डेस्क पर नाक पोंछी, जिसके बाद ट्रंप ने इसे हटाने का आदेश दिया। यह डेस्क 1880 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति को उपहार में दी गई थी और इसकी कीमत लगभग 52 लाख रुपये आंकी गई थी। हालांकि, यह पुष्टि नहीं हुई कि डेस्क हटाने का कारण केवल यह घटना थी या ट्रंप का जर्मोफोबिया (रोगाणुओं का डर) भी इसका कारण था। इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा उत्पन्न की और मस्क के परिवार को अनावश्यक विवाद में घसीटा, जिससे उनकी छवि प्रभावित हुई।
भारत में चुनावी हस्तक्षेप का आरोप
विवाद: मस्क के नेतृत्व में DOGE ने भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए USAID द्वारा आवंटित 2.1 करोड़ डॉलर के अनुदान को रद्द कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद हुआ, जिसके दौरान मस्क और मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण मुलाकात हुई थी। इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा किया और मस्क की नीतियों को लेकर सवाल उठाए, खासकर भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ संबंधों पर।
DOGE की आक्रामक छटनी और नीतिगत हस्तक्षेप
DOGE के तहत मस्क ने संघीय सरकार के 23 लाख कर्मचारियों में से लगभग 12% (2,60,000) कर्मचारियों की छटनी की सिफारिश की, जिसमें कुछ को नौकरी से निकाला गया और कुछ को समय से पहले रिटायर किया गया। इन नीतियों को कई कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों ने आक्रामक और अव्यवहारिक माना, जिससे मस्क और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ा। इसके अलावा, USAID जैसी एजेंसियों को बंद करने के फैसले ने भी विवाद को जन्म दिया। इन कटौतियों ने मस्क को ट्रंप प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ टकराव की स्थिति में ला दिया और उनकी नीतियों को लागू करने में बाधाएं उत्पन्न हुईं।
मस्क के इस्तीफे के कारण
मस्क का विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में 130 दिन का कार्यकाल समाप्त हो रहा था। ट्रंप के साथ नीतिगत मतभेद विशेष रूप से “बिग ब्यूटीफुल बिल” और अन्य खर्च नीतियों पर असहमति। मस्क पर टेस्ला और अन्य व्यवसायों पर ध्यान देने का दबाव बढ़ रहा था, जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में उल्लेख किया गया। मस्क की आक्रामक सुधार नीतियों को कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों ने पसंद नहीं किया, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई।
एलन मस्क का ट्रंप प्रशासन में 130 दिन का कार्यकाल नीतिगत सुधारों, छटनी और विवादास्पद निर्णयों के कारण चर्चा में रहा। उनके इस्तीफे ने ट्रंप प्रशासन के भीतर शक्ति संतुलन और नीतिगत दिशा को लेकर सवाल खड़े किए। मस्क ने अपने इस्तीफे में कहा कि DOGE का मिशन समय के साथ मजबूत होगा, लेकिन उनके और ट्रंप के बीच बढ़ते मतभेदों ने उनकी साझेदारी को समाप्त कर दिया।