नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले निर्यात पर 1 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि सब कुछ सही नहीं है, इसलिए हमें कड़े फैसले लेने होंगे। ट्रंप ने एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया तो वहीं टैरिफ बढ़ाने को अमेरिका की जरूरत करार दिया। अब सवाल यह है कि अमेरिका के इस फैसले से भारत में किन उद्योगों पर बड़ा असर होगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप के इस सख्त फैसले से इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा सेक्टर, आईटी, डायमंड और जूलरी, टैक्सटाइल जैसे कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत में अमेरिकी उत्पादों पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगता है। इसके अलावा वह रूस से ऊर्जा उत्पाद खरीद रहा है। उनका इशारा पेट्रोल खरीद पर था। इन बातों का उदाहरण देकर डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाया है। माना जा रहा है कि यदि यह लगा औॅर जारी रहा तो भारत में कुछ उद्योगों पर सीधा असर होगा। दरअसल जापान पर 15 फीसदी, इंडोनेशिया पर 19 और वियतनाम पर 20 फीसदी ही टैरिफ लगाया है। ऐसे में भारत के पिछड़ने का भी डर पैदा हो रहा है।
जूलरी और फार्मा को बड़ा नुकसान, इन कंपनियों को US से मिलता है 30% रेवेन्यू
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई से सितंबर तिमाही में भारत के निर्यात में 10 फीसदी की कमी आ सकती है। यदि टैरिफ में इजाफा जारी रहा तो भारत में तमाम उद्योगों में हलचल मचेगी। इनमें प्रमुख उद्योग हीरा और जूलरी का कारोबार है। अमेरिकी टैरिफ में इजाफे से इस उद्योग पर सीधा असर होगा और लाखों लोगों की आजीविका पर संकट पैदा हो सकता है।
इसके अलावा फार्मा सेक्टर भी गहरे तौर पर प्रभावित होगा। भारत की तरफ से 8 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएं हर साल अमेरिका भेजी जाती हैं। भारत की टॉप कंपनियां जैसे सन फार्मा, रेड्डीज लैबेरेट्रीज, सिपला जैसी कंपनियों को 30 फीसदी रेवेन्यू अमेरिका से ही मिलता है। अमेरिका में यदि 10 दवाएं खरीदी जाती हैं तो उनमें से 4 भारतीय कंपनियों की होती हैं।
कपड़ा उद्योग पर भी सीधा असर, क्यों होगा ज्यादा नुकसान
अब बात करते हैं टेक्सटाइल इंडस्ट्री और कपड़ा उद्योग की। अमेरिका भेजे जाने वाले उत्पादों में इनकी बड़ी हिस्सेदारी है। भारत में तैयार होने वाले कपड़े बड़े पैमाने पर अमेरिका जाते हैं। अब टैरिफ बढ़ने से इनके दाम बढ़ेंगे तो दूसरे देशों को मौका मिलेगा। ऐसी स्थिति भारत के लिए चिंताजनक होगी। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री का कहना है कि भारत पर अब तक वियतनाम जैसे देशों से कम टैरिफ था। अब यदि बढ़ा तो नुकसान होगा। बता दें कि अमेरिका की The Gap Inc., Pepe Jeans, Walmart Inc. और Costco Wholesale Corp. जैसी कंपनियां भारत में ही कपड़े तैयार कराती रही हैं। यही नहीं अमेरिका निर्यात करने वाली वर्धमान टेक्सटाइल कंपनी का कहना है कि पहले ही ऑर्डर कम हो गए हैं और हमारे काम में मंदी का दौर है।
इलेक्ट्रॉनिक्स के बिजनेस पर भी होगा सीधा असर
अमेरिका में स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात बड़े पैमाने पर चीन से होता रहा है। लेकिन अब भारत भी इन उत्पादों का हब बना है। खासतौर पर कर्नाटक के देवनहल्ली में ऐपल ने बड़ा प्लांट लगाया है। लेकिन नए टैरिफ के बाद यहां बने स्मार्टफोन्स का निर्यात अमेरिका होना मुश्किल होगा। यही नहीं ऐपल को भी भारत में अपने प्लांट लगाने के प्लान पर विचार करना पड़ सकता है।
रिलायंस समेत रिफाइनरी कंपनियों को होगा नुकसान
यदि अमेरिकी पाबंदियों के चलते भारत की ओर से रूस से तेल आयात बंद हुआ तो रिफाइनरी इंडस्ट्री को झटका लगेगा। इंडियन ऑइल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों को झटका लगेगा। इसके अलावा रिलायंस भी बुरी तरह से प्रभावित होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल महंगा आएगा तो इन कंपनियों को मार्जिन में कमी आएगी। इसी साल रिलायंस ने रूस के साथ 5 लाख बैरल प्रति दिन तेल आयात को लेकर डील की थी। अब इसके भविष्य पर संकट की स्थिति होगी।