डाo आशीष कुमार कुलश्रेष्ठ
नई दिल्ली: रोहिणी की एक शीर्ष अदालत में एक फीस वापसी केस की सुनवाई के दौरान यह पाया गया की स्कूल में रैगिंग संबंधित नियमों का उल्लंघन हुआ है। दिनांक 22.9.2023 को माननीय अदालत ने छात्र को संपूर्ण फीस वापसी का आदेश देते हुए मानसिक क्षतिपूर्ति का भी आदेश दिया।
हमारे संवाददाता से बात करते हुए वादी के अधिवक्ता डाo आशीष कुमार कुलश्रेष्ठ ने बताया की यूनिवर्सिटी आफ केरला बनाम काउंसिल आफ प्रिंसिपल्स, कॉलेज ऑफ़ केरला (2004) में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ती हुई रैगिंग की समस्या पर चिंता जताते हुए एजुकेशनल संस्थानों के लिए गाइडलाइन जारी की थी एवं राघवन कमेटी का गठन उन पर नजर रखने के लिए किया था जो की आज भी मान्य है। परंतु कुछ स्कूलों एवं अन्य संस्थानों द्वारा आज भी रैगिंग रोकने की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं जो की माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है।
डा०कुलश्रेष्ठ ने बताया की स्कूलों एवं अन्य संस्थानों को छात्रों में रैगिंग संबंधित नियमों की जागरूकता लानी चाहिए बजाय मनमानी फीस वसूलने के। स्कूलों की जिम्मेदारी है कि उन्हें प्रवेश के समय एडमिशन फॉर्म पर एंटी रैगिंग संबंधित डिस्क्लेमर लिखना चाहिए, प्रोस्पेक्टस पर अन्य नियमों के साथ एंटी रैगिंग संबंधित नियम भी लिखने चाहिए, छात्रों से प्रवेश के समय एंटी रैगिंग संबंधित अंडरटेकिंग लेनी चाहिए तथा रैगिंग संबंधित किसी भी शिकायत पर विधि सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए और उसका रिकॉर्ड भी रखना चाहिए। इसके साथ-साथ ही समय-समय पर छात्रों को रैगिंग रोकने संबंधित नियमों से जागरूक कराना चाहिए।