स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: 13 जून 2025 को सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बनाया, जब यह पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 5 अगस्त वायदा के लिए सोना 1,742 रुपये की तेजी के साथ 1,00,154 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,01,600 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। चांदी की कीमत भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, जो MCX पर 1,06,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार चली गई।
तेजी का क्या कारण ?
भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव, खासकर ईरान की राजधानी तेहरान पर इजरायल के हमले के बाद, वैश्विक अनिश्चितता बढ़ गई है। इस कारण निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं। पश्चिम एशिया में युद्ध जैसे हालात और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने भी सोने की मांग को बढ़ाया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का भुगतान अक्सर सोने के रूप में होता है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और कमजोर अमेरिकी डॉलर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्यूमीनियम पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। इससे अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ, जो तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर की कमजोरी सोने की कीमतों को समर्थन देती है, क्योंकि सोना डॉलर में मूल्यांकित होता है।
ट्रंप और फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीच ब्याज दरों में कटौती को लेकर मतभेद ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई, जिससे सोने में निवेश बढ़ा।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक, खासकर भारत और चीन, आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने के भंडार में वृद्धि कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी सोने की खरीदारी में नया रिकॉर्ड बनाया है। यह मांग सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,480 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। कॉमेक्स पर सोना 3,450 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रहा है। गोल्ड फ्यूचर्स ने भी पहली बार 3,400 डॉलर का स्तर पार किया, जो वैश्विक मांग में वृद्धि को दर्शाता है।
भारत में अक्षय तृतीया और शादी के सीजन के कारण सोने की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। सांस्कृतिक और निवेश दोनों दृष्टिकोण से सोना भारतीय बाजार में हमेशा आकर्षक रहा है।
रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) 24 कैरेट सोने की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई, जो 24 घंटे में 3,300 रुपये की वृद्धि दर्शाती है। कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह: सोने की कीमतों में तेजी का कारण ट्रंप की नीतियां, डॉलर की कमजोरी, और व्यापार युद्ध की अनिश्चितता है। वे अनुमान लगाते हैं कि वित्त वर्ष 2026 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,600 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकता है।
सोना दिवाली तक 87,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है, लेकिन 1 लाख रुपये का स्तर 2025 में स्थायी रूप से पार करना मुश्किल हो सकता है। वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें 25% बढ़ी हैं, और भारत में यह रिकॉर्ड स्तर पर है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य
सोने की कीमतों में यह तेजी 2025 में अब तक 32% रिटर्न दे चुकी है, जो शेयर बाजार से भी अधिक है।आर्थिक मामलों के जानकार प्रकाश मेहरा का मानना है कि “अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव जारी रहता है, तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति या डॉलर में मजबूती की स्थिति में कीमतों में गिरावट भी संभव है।” भारत में त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में मांग बढ़ने से कीमतों को और समर्थन मिल सकता है, लेकिन ऊंची कीमतें खुदरा खरीद को प्रभावित कर सकती हैं।
सोने की कीमतों में यह ऐतिहासिक तेजी वैश्विक अनिश्चितता, कमजोर डॉलर, और बढ़ती मांग का परिणाम है। निवेशकों के लिए सोना अभी भी “संकट का साथी” बना हुआ है, लेकिन खरीदारी से पहले बाजार के रुझानों और विशेषज्ञ सलाह पर ध्यान देना जरूरी है।