पालमपुर। सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 13 मई 2024 को मनाया गया। प्रौद्योगिकी का राष्ट्र उत्थान में अभूतपूर्व योगदान रहा है और इसी के प्रतीक के रूप में यह दिवस मनाया जाता है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. सुदेश कुमार यादव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रौद्योगिकी दिवस की शुभकामनाएं दी। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी हमारे जीवन में परिवर्तन ला रही है और ज्ञान के प्रसार को गति दे रही है। उन्होंने कहा की संस्थान विभिन्न परियोजनाओं एवं मिशन के माध्यम से जन समुदाय के समाजिक एवं आर्थिक विकास में अपना योगदान दे रहा है। अरोमा, फ्लॉरिकल्चर, फाइटोफार्मास्यूटिकल्स मिशन के अन्तर्गत संस्थान किसानों को उन्नत फसलों को उगाने एवं उनके प्रसंस्करण द्वारा किसानों की आय बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होने संस्थान द्वारा विकसित प्रोद्योगिकियों का विवरण प्रस्तुत किया तथा उनकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। संस्थान के कार्मिकों का उन्होने उत्साहवर्धन भी किया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. (डा.) अरुण कुमार सिन्हा, पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सी डीआरआई एवं पूर्व उप कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, झारखंड ने अपने संबोधन में कहा कि देश की उन्नति में प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने इस बात पर बल दिया कि हमे असफलता से घबराना नहीं है अपितु उससे आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी है। अपने संबोधन में उन्होंने वैज्ञानिक अभिरुचि को बढ़ाने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. शीर्षेन्दु मुखर्जी, मिशन निदेशक, कार्यक्रम प्रबंधन इकाई, डी बी टी-बीआईआर ए सी, नई दिल्ली; ने आत्मनिर्भर भारत के लिए इनोवेशन इकोसिस्टम विषय पर प्रौद्योगिकी दिवस संभाषण दिया। उन्होने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विशेष बल दिया और सरकार द्वारा चलाई जा रही नवीन योजनाओं जैसे कि बायोनेस्ट, सितारे, बीआईपीपी, पीएसीई, इत्यादि का जिक्र किया। डॉ. मुखर्जी ने बताया कि ये योजनाएं किस तरह से मूलभूत परिवर्तन ला रही हैं तथा नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं।
इस अवसर पर चार प्रौद्योगिकी हस्तांतरण- गोंदला कट फ्लावर क्लस्टर, लाहौल & स्पीति (लिलीयम कंद हेतु); कोमल इनोवेशन एंड वेलनेस, नगरोटा बागवा (ऐरोपोनिक्स हेतु); प्रोरिमा हैल्थकेयर, जयपुर (सीबकथोर्न चाय हेतु); सात्विक एग्रीटेक लैब, कानपुर (एनआरडीसी नई दिल्ली के माध्यम से हाइड्रोपोनिक हेतु) और एक समझौता ज्ञापन, एम/स बैजनाथ फार्मास्यूटिकल्स, पपरोला (वैल्यू एडिशन हेतु) पर भी हस्ताक्षर किए गए। सीएसआईआर फ्लॉरिकल्चर मिशन के अंतर्गत, संस्थान द्वारा सी एस आई आर-आई एच बी टी: सफलता की कहानियां पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
समारोह में संस्थान के स्टाफ, क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों, सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिकों, शोध छात्रों, कर्मियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों ने सहभागिता दर्ज की।