Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

कितना सही था अविश्वास प्रस्ताव पर PM मोदी का विपक्ष पर तंज?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
August 11, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
PM modi
755
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली : मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस और इंडिया की प्लानिंग धरी की धरी रह गई. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जो मुकाबला देश की आम जनता को देखने को मिला वो ऑस्ट्रेलिया और केन्या के बीच क्रिकेट मैच के जैसा हो गया. लोकसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार पीएम से मणिपुर हिंसा पर बोलने को कह रहा था. पीएम की ओर से कोई जवाब मिलते न देख विपक्ष को लगा कि उसे बीजेपी सरकार को घेरने का बढ़िया मुद्दा मिल गया. विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा कि वो जानबूझकर संसद में मणिपुर हिंसा पर बहस नहीं चाहता है. अंतत : विपक्ष मोदी सरकार को घेरने के इरादे से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया.

मणिपुर हिंसा पर सरकार से जवाब मांगता विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के नाम एक बारगी तो सत्ता पक्ष पर हावी नजर आया. अविश्वास प्रस्ताव पर जीत तय होने के बावजूद भी सरकार बैकफुट नजर आ रही थी. लेकिन एनडीए को घेरने के फेर में इंडिया खुद चक्रव्यूह में फंस गया. कहां तो होना था कि विपक्ष सरकार को जनता के कटघरे में खड़ाकर आरोपों की बौंछार लगाता जिसका जवाब देना मुश्किल हो जाता. पर एनडीए सरकार ने आपदा में अवसर ढूंढ लिया और अपने तर्कों की बौंछार से हमलावर विपक्ष को ही डिफेंसिव मोड में पहुंचा दिया. पीएम मोदी के ही शब्दों में कहें तो कोई तैयारी नहीं , कोई इनोवेशन नहीं , न कोई घेरने के लिए ढंग के मुद्दे तो अविश्वास प्रस्ताव लाया ही क्यों? जाहिर है कि कांग्रेस और विपक्ष ने 2024 के चुनावों के पहले जनता की अदालत में सरकार को घेरने का एक बढ़िया मौका गंवा दिया. तो ऐसा क्यों हुआ?

इन्हें भी पढ़े

Sheikh Hasina

शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोली- आतंकी हमला US ने रचा, PAK ने अंजाम दिया

November 2, 2025
amit shah

अमित शाह ने बताया- भारत में क्यों नहीं हो सकता Gen-Z प्रदर्शन!

November 2, 2025
Gold

तीन महीने में भारतीयों ने कितना सोना खरीदा? ये आंकड़े चौंका देंगे

November 2, 2025
adi kailash

22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च

November 1, 2025
Load More

राहुल का शुरुआत में ही पीछे हटना

अविश्वास प्रस्ताव के पहले ही दिन जिस आक्रामकता के साथ कांग्रेस ने बैटिंग की थी उससे यही लगा था कि इस बार मुकाबला जोरदार होने वाला है. राहुल की संसद में बहाली और इंडिया गठबंधन के एकजुट होने से ऐसा लगना लाजिमी था.कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर ये जानकारी दे दी थी कि मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी सरकार को घेरने की शुरुआत खुद करेंगे. पर राहुल गांधी ने जैसे पहले दिन बोलने से विद्ड्रा कर लिया, ये संदेश चला गया था कि लगता है कि तैयारी ठीक से नहीं हुई थी.हालांकि राहुल की टीम के मैनेजरों ने इसे रणनीति बताकर अपने नेता की छवि बचाने की कोशिश की पर शायद यह कोशिश सिरे नहीं चढ़ी. पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि ऐसे मौके सालों में एक बार मिलते हैं जिसे राहुल ने खो दिया. गोगोई ने विश्वास प्रस्ताव पटल पर रखा और सबकी नजरों में आ गए. हो सकता है कि राहुल गांधी पहले दिन बोलते तो तस्वीर कुछ और होती. सलामी बल्लेबाज जब बढ़िया खेल जाता है तो पूरी टीम बढ़िया खेलती है. ऐसा माना जाता है जो अकसर सही होता है.

राहुल का संक्षिप्त भाषण और नाराज होकर निकल लेना

राहुल गांधी अपने भाषण के कीमती समय में पहले इधर-उधर की बातें करते रहे. काफी देर तक वो भारत जोड़ो यात्रा के किस्से सुनाते रहे जबकि उन्हें मणिपुर पर शुरू से ही फोकस होना चाहिए था.जब मणिपुर पर बोलने का मौका आया तो भारत माता की हत्या, हनुमान ने नहीं रावण के अहंकार ने लंका जलाया और राम ने नहीं रावण को मारा उसके अहंकार ने मारा था कि नई थियरी दे दी. राहुल ने ये सब ऐसे समय कहा, जब उनके खास क्षत्रप राम कथा सुन रहे हैं और बाबाओं के दरबार में मत्था टेक रहे हैं. ऐसे मौके पर तमाम वक्ता अपना टाइम बीत जाने के बाद भी अपनी बात रखने के लिए अध्यक्ष से रिक्वेस्ट करते हुए भाषण जारी रखते हैं. शुरुआती भाषण को छोड़े दें जल्द ही राहुल गांधी ने लय ताल पकड़ ली थी. थोड़ी देर और टिकते तो हो सकता है कि ऐतिहासिक स्पीच साबित होती. राजनीतिक विष्लेषक शंभूनाथ शुक्ला कहते हैं कि राहुल को अपने कीमती समय का सही मैनेजमेंट करना चाहिए था. मणिपुर हिंसा पर थोड़ा और फोकस करना चाहिए था. मणिपुर में सरकार की कमजोरियों को उजागर करने के लिए फैक्ट्स रखे जाने चाहिए थे.

कांग्रेस की ओर से मंझे हुए वक्ताओं का दिखा अकाल

आम तौर पर ऐसे मौकों पर विपक्ष को बोलने के लिए तमाम मुद्दे होते हैं.सरकार के खिलाफ बोलना ज्यादा आसान होता है बनिस्बत सरकार की नीतियों के समर्थन में. पर यहां उल्टा ही दिख रहा था. पूरे अविश्वास प्रस्ताव के समय विपक्ष के कुछ वक्ताओं को छोड़ दिया जाए तो सभी का या तो कॉन्फिडेंस लूज था या वे ओवर कॉन्फिडेंस में थे. विपक्ष के नेता जिस हमलावर अंदाज में घेरते हैं सरकार को वो केवल महुआ मोइत्रा में ही दिखा. इंडिया गठबंधन से इतर एक और विपक्ष के नेता ने शानदार भाषण दिया, वो थे असद्दीन ओवैसी . उन्होंने अपने वोट बैंक के लिए मजबूती से अपनी बात रखी. कांग्रेस की ओर से बोलने वाला कोई या तो लोकसभा में था ही नहीं या उन्हें मौका नहीं मिला. शशि थरूर जैसे नेताओं को ऐसे मौकों पर अवसर न मिलना चौंकाता है. कांग्रेस पार्टी के सदन में नेता अधीर रंजन को भी पहले दिन बोलने वालों की सूची में शामिल नहीं किया गया था. अधीर रंजन पर इसके लिए मंगलवार को अमित शाह और बुधवार को नरेंद्र मोदी ने भी चुटकी ली .

मोदी सरकार को घेरने का नहीं दिखा जज्बा

मणिपुर मुद्दे के बहाने से सरकार की कई मुद्दे पर घेरेबंदी हो सकती थी, पर वो जज्बा ही नहीं दिखा.यहां तक कि कलावती के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह को सदन में या सदन के बाहर घेरने की कोशिश तक नहीं हुई. जबकि यह बात बुधवार को ही सामने आ गई थी कि कलावती की मदद राहुल गांधी ने बड़े पैमाने पर की थी. पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि आयुष्मान भारत में सामने आया घोटाले हो या अभी हाल ही में महाराष्ट्रा में तमाम भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कराना रहा हो बीजेपी को घेरने के लिए तमाम मुद्दे थे.उसे सही समय पर सही तरीके से उठाकर सत्ता पक्ष की बोलती बंद की जा सकती थी. गोगोई और महुआ मोइत्रा को छोड़कर शायद ही विपक्ष के किसी वक्ता ने प्रभावी भाषण दिया.

दूसरी ओर बीजेपी के वक्ताओं ने अपनी पारी की शुरुआत ही शानदार तरीके से की. सांसद निशिकांत दूबे ने कांग्रेस और राहुल-सोनिया-प्रियंका पर जमकर हमला बोला. निशिकांत ने इंडिया गठबंधन के सभी दलों का इतिहास बताया. और घटक दलों के बारे में बारी-बारी उन घटनाओं का जिक्र किया जब कांग्रेस ने उनके साथ अत्याचार किया था. ममता बनर्जी , मुलायम सिंह यादव, लालू यादव , शरद पवार, डीएमके के नेताओं को उन घटनाओं को याद दिलाया जब कांग्रेस की प्रताड़ना के चलते लोकतंत्र का गला घोंटा गया. दूबे ने इन नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि आप को बीजेपी का शुक्रगुजार होना चाहिए पर आप लोग कांग्रेस को ही मजबूत करने में लगे हुए हैं. लॉकेट चटर्जी की स्पीच भी जोरदार रही. स्मृति इरानी अपने पूरे रंग में नहीं दिखीं फिर भी बेहतर रहीं.

मोदी और शाह ने पूरी तैयारी की थी

मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह और बुधवार को बहस के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लोकसभा में तीर चलाए उसे देखकर लगा जैसे इनके तरकश को न घटने का आशीर्वाद मिला हो. इन लोगों को अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष को इस तरह घेरा जैसे कल ही देश में वोटिंग होनी हो और वो मतदाताओं को पूरा समझाकर भेजेंगे कि वोट किसे देना है. मणिपुर हिंसा का जवाब देने के बहाने पहले तो सरकार ने अपनी उपलब्धियों को बताया. फिर कारवां क्यों लुटा ये बताते हुए कांग्रेस के इतिहास और भूगोल को बाताया. यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सारी समस्याओं का जड़ नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह सरकार तक की नीतियां थीं.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
teacher

राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के आधार स्तंभ हैं शिक्षक

September 4, 2024
Rahul Gandhi

चौंका देंगे 2024 के नतीजे, राहुल गांधी के दावे में कितना है दम?

June 4, 2023
महिला समूह

जी-20 भारत : महिलाओं के लिए समान और निष्पक्ष समाज बनाने का आह्वान

December 5, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • विवादों के बीच ‘द ताज स्टोरी’ ने बॉक्स ऑफिस पर कर दिया बड़ा खेल
  • मल्लिकार्जुन खरगे को अमित शाह का जवाब, गिनाया RSS का योगदान
  • दिल्ली सरकार का तोहफा, महिलाओं के लिए ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.