देहरादून : मैंने लॉटरी पाने के लिए मेहनत के चार लाख रुपये गंवा दिए। मैं साइबर ठगी से आशंकित तो था, लेकिन 25 लाख पाने के लालच में आ गया। अब पछतावा होता है कि काश मैंने अपने डाक्यूमेंट, बैंक की जानकारी साइबर ठग को न दी होती।
मुझे नवंबर 2023 में एक अनजान नंबर से व्हाट्एप पर एक फोटो और वॉइस रिकॉडिंग मिली थी। रिकॉडिंग ऑन करते ही शानदार अंदाज में एक व्यक्ति मेरा नाम लेकर बोलता है, बधाई हो..! आप ने 25 लाख रुपये की लॉटरी जीती है। आप का फोन नंबर आप के लिए काफी लकी साबित हुआ है। यह रिकॉर्डिंग सुनने के बाद मैं असमंजस में था। इसके बाद मैंने फोटो डाउनलोड किया। फोटो के बीच में केबीसी लॉटरी लिखा था। इसमें मेरे नंबर के आगे 25 लाख के लकी विजेता लिखा था।
दूसरे दिन फिर मैसेज आए
दूसरे दिन दोबारा उसी नंबर से मुझे मैसेज आने लगे। मैंने कॉल कि, व्यक्ति ने कॉल उठाकर वहीं बातें दोहराई। फिर मैं अपनी डिटेल बताने के लिए तैयार हो गया। उसके कहे अनुसार मैंने अपने सभी डाक्यूमेंट संबंधित नंबर पर भेज दिए। कुछ देर बाद मुझे कॉल आता है कि आप को प्रोसेसिंग फीस के दस हजार रुपये देने होंगे, तो मैंने कहा 25 लाख रुपये में से काट दीजिए। लेकिन उसका जवाब था कि सरकारी की गाइड लाइन के अनुसार विजेता के खाते में पूरे 25 लाख रुपये ही डाले जाने हैं। ऐसे में यह रुपये अलग से देने होंगे।
मुझे बातों में फंसाया, फिर लूट लिया
मैंने फोटो पर लिखे नंबर पर व्हाट्एसप कॉल की, तो एक व्यक्ति से बात हुई। उसने मुझे बधाई देते हुए कहा कि आप 25 लाख रुपये जीते हैं। मैंने कहा कि मैंने किसी भी लॉटरी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था, तो मेरे नाम लॉटरी कैसे लग गई? उसने बताया कि संचार कंपनियों ने केवीसी के साथ मिलकर एक लकी ड्रॉ निकाला था। इसमें भारत में रजिस्टर्ड सभी नंबरों को शामिल किया था। आप खुशकिस्मत हैं कि आप की पहली लॉटरी लगी है।
मैंने कहा-रकम मेरे खाते में डाल दो
फिर मैंने उस व्यक्ति को कहा कि यदि मैंने 25 लाख रुपये जीत ही लिए हैं तो रकम सीधा मेरे खाते में डाल दीजिए, मैं अकाउंट नंबर दे देता हूं। उसने कहा कि अकाउंट नंबर के साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक की डिटेल भी देनी होगी। मैंने इसका कारण पूछा। उसने बताया कि पुरस्कार राशि पर कुछ टैक्स भी देना होगा। इसके लिए यह जरूरी है। मैं डिटेल बताने को तैयार नहीं था, तो मैंने फोन काट दिया।
रकम डालकर मैं फंस गया
25 लाख रुपये के लालच में मैंने आरोपी द्वारा बताए गए क्यूआर कोड पर 10 हजार रुपये डाल दिए। इसके बाद मुझसे जीएसटी, अन्य टैक्स के नाम पर 30 हजार रुपये और लिए गए। मैं 40 हजार रुपये दे चुका था। जब मैं जाल में फंस चुका था तो आरोपी ने मुझसे एक एप डाउनलोड कराई। उन्होंने कहा कि इसमें आप को बताई गई जानकारी डालनी होगी। यह भारत सरकार को भेजी जानी है। मैंने एप डाउनलोड कर जानकारी डाल दी। उसने बताया कि अब आप लखपती हो गए हैं, शाम तक 25 लाख रुपये टैक्स काटकर आप के खाते में डाल दिए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, कुछ देरबाद मेरे खाते से दो किश्तों में दो लाख रुपये और 1.60 लाख रुपये कटने का मैसेज मिला। मैं समझ चुका था मुझसे साइबर ठगी हो चुकी है। मैंने तत्काल अपना खाता ब्लॉक करा दिया।