Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

ट्रंप का 20-25% टैरिफ: भारत के कपड़ा, जूता, ज्वेलरी उद्योग पर असर, निर्यात घटने का खतरा!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 30, 2025
in राष्ट्रीय, विश्व, व्यापार
A A
भारत का व्यापार
17
SHARES
567
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर 20-25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसका असर कपड़ा, जूते और ज्वेलरी जैसे उद्योगों पर पड़ सकता है। आइए इस नीति के प्रभावों की विस्तृत रिपोर्ट एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।

कपड़ा उद्योग (Textile Industry) प्रभाव

इन्हें भी पढ़े

nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
parliament

ऑपरेशन सिंदूर: संसद में तीखी बहस, सरकार की जीत या विपक्ष के सवाल? 7 प्रमुख हाई पॉइंट्स

July 30, 2025
UNSC

पहलगाम हमला : UNSC ने खोली पाकिस्तान की पोल, लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता उजागर, भारत की कूटनीतिक जीत !

July 30, 2025
pm modi

लोकसभा में पीएम मोदी का दमदार भाषण, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और विपक्ष के हर सवाल का दिया करारा जवाब!

July 30, 2025
Load More

भारत का कपड़ा उद्योग अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करता है। 2023-24 में भारत ने अमेरिका को लगभग 10 अरब डॉलर (करीब 85,600 करोड़ रुपये) का कपड़ा निर्यात किया था। 20-25% टैरिफ के कारण भारतीय कपड़े अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग घट सकती है। इससे निर्यात में 5-6% की कमी आ सकती है।

छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) पर बड़ा असर, जो मुख्य रूप से निर्यात पर निर्भर हैं। रोजगार में कमी, क्योंकि कपड़ा उद्योग भारत में लाखों लोगों को रोजगार देता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, कपड़ा क्षेत्र पर टैरिफ का प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक मांग में कमी से उद्योग की वृद्धि रुक सकती है। यदि भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हासिल कर लेता है, तो भारतीय कपड़ों की मांग बढ़ सकती है, क्योंकि चीन जैसे देशों पर ज्यादा टैरिफ लगने से भारत को प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकता है।

जूते (Footwear Industry) प्रभाव

अमेरिका में 97% कपड़े और जूते एशिया से आयात किए जाते हैं। भारत का जूता उद्योग भी अमेरिकी बाजार पर निर्भर है, और 20-25% टैरिफ से इसकी लागत बढ़ेगी।स्केचर्स जैसी कंपनियों के उदाहरण से पता चलता है कि टैरिफ के कारण उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियां बिक्री या स्थानांतरण जैसी रणनीतियों पर विचार कर रही हैं। भारतीय जूता निर्यात, जो 2023 में लगभग 4.93 अरब डॉलर था, टैरिफ के कारण प्रभावित हो सकता है।

जूता उद्योग में मार्जिन पहले से ही कम है, और टैरिफ से कीमतें बढ़ने पर मांग घट सकती है। चमड़ा और जूता उद्योग में कार्यरत छोटे कारखानों और कारीगरों को नुकसान हो सकता है। अमेरिकी उपभोक्ता सस्ते विकल्पों की ओर जा सकते हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धा में नुकसान होगा। यदि भारत उत्पादन लागत को कम करने और गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दे, तो वह वियतनाम जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा कर सकता है।

ज्वेलरी उद्योग (Jewelry Industry) प्रभाव

भारत का रत्न और आभूषण उद्योग अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करता है, खासकर हीरे और सोने के आभूषण। 2023 में यह निर्यात लगभग 10-12 अरब डॉलर का था। 20-25% टैरिफ से भारतीय ज्वेलरी अमेरिकी बाजार में महंगी हो जाएगी, जिससे मांग पर असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि “ज्वेलरी जैसे उच्च-मूल्य वाले उत्पादों पर टैरिफ का प्रभाव मध्यम स्तर का होगा, क्योंकि ये उत्पाद विशिष्ट ग्राहकों के लिए हैं।”

क्या हो सकते हैं संभावित नुकसान

निर्यात में कमी से भारत के रत्न और आभूषण उद्योग की आय प्रभावित होगी, जो पहले से ही वैश्विक मंदी और आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं से जूझ रहा है। सूरत जैसे ज्वेलरी हब में छोटे व्यापारियों और कारीगरों पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। भारत यदि डिजाइन और ब्रांडिंग पर ध्यान दे, तो प्रीमियम ज्वेलरी की मांग बनाए रख सकता है। यदि अमेरिका अन्य देशों (जैसे चीन) पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो भारत को वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता के रूप में अवसर मिल सकता है।

कुल आर्थिक प्रभाव निर्यात पर असर

2024 में भारत ने अमेरिका को 89 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया था। टैरिफ के कारण इस निर्यात में 5.76 अरब डॉलर (6.4%) की कमी आ सकती है।भारतीय शेयर बाजार में भी अस्थिरता देखी गई है, जिसमें सेंसेक्स और मिडकैप इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भारतीय उत्पाद महंगे होने से उनकी खरीदारी कम हो सकती है, जिससे भारत के निर्यातकों को नुकसान होगा। भारत में भी आयातित कच्चे माल की कीमत बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ सकती है। टैरिफ से निर्यात में कमी और वैश्विक व्यापार युद्ध के कारण रुपये पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे आयातित सामान और महंगा हो सकता है।

भारत सरकार टैरिफ के प्रभावों का आकलन कर रही है और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही है। भारत ने कुछ अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम किया है, जैसे लग्जरी कारों पर टैरिफ 125% से घटाकर 70% कर दिया गया है।

क्या हैं संभावित उपाय

  • फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए बातचीत तेज करना।
  • घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और कच्चे माल पर निर्भरता कम करना।
  • वैकल्पिक बाजारों (जैसे यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया) में निर्यात बढ़ाने की रणनीति।

ट्रंप की टैरिफ नीति का उद्देश्य

अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देना और व्यापार घाटे को कम करना है, लेकिन इससे वैश्विक व्यापार में 3% की कमी आ सकती है। भारत, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों को चीन की तुलना में कम नुकसान हो सकता है, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर अधिक निर्भर है।

हालांकि, यदि भारत BRICS देशों के साथ अमेरिका-विरोधी नीतियों में शामिल होता है, तो अतिरिक्त 10% टैरिफ का खतरा भी है। 20-25% टैरिफ से भारत के कपड़ा, जूते और ज्वेलरी उद्योगों को नुकसान होगा, खासकर निर्यात में कमी और लागत वृद्धि के रूप में। हालांकि, भारत के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है, यदि वह वैकल्पिक बाजारों और FTA पर ध्यान दे। दीर्घकालिक रणनीति के तहत उत्पादन लागत कम करना, गुणवत्ता बढ़ाना और व्यापार समझौतों को मजबूत करना जरूरी है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
PM Modi

इसराइल-गाजा संघर्ष के बीच पीएम मोदी का बड़ा संदेश

October 14, 2023
Khalistani Movement

खालिस्तान समर्थकों को पाकिस्तान से कैसे मिला खाद-पानी?

July 7, 2023
Paper leak

पेपर लीक: ‘सवालाें’ के साथ नकल माफियाओं ने ऐसे खेला खेल

January 14, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य
  • NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!
  • देश पहले खेल बाद में, EaseMyTrip ने WCL भारत-पाकिस्तान मैच से प्रायोजन हटाया, आतंक के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया।

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.