Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

2024 में साउथ के ये ‘त्रिमूर्ति’ बिगाड़ेंगे नीतीश कुमार का खेल!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
June 9, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
Nitish Kumar
23
SHARES
766
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष के कई दल एक साथ आने को बेताब हैं तो बीजेपी भी अपनी जमीन मजबूत करने में लगी है। बीजेपी को सत्ता बचाना है और विपक्ष को उससे सत्ता झटकना है। न बीजेपी आसानी से सत्ता छोड़ने को तैयार होगी और न विपक्षी दल सत्ता झटकने की कोशिश छोड़ेंगे। इन्हीं दो बिंदुओं के इर्द गिर्द फिलहाल देश की राजनीति चक्कर काट रही है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने में दिन-रात लगे हुए हैं तो बीजेपी बिना किसी शोरगुल के अपने अभियान में जुटी है। दोनों की कोशिश में फर्क सिर्फ इतना ही है कि विपक्षी दलों को बुलाना-जुटाना पड़ रहा है तो बीजेपी के पास बिन बुलाए लोग चले आ रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस से मात खाए जेडीएस के संस्थापक और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने बीजेपी के साथ जाने का संकेत दिया है तो आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू बिन बुलाए अमित शाह और जेपी नड्डा से आकर मुलाकात कर चुके हैं।

वाईएसआर कांग्रेस के नेता और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की तो पहले से ही बीजेपी से बढ़िया छनती है। नवीन पटनायक ने अकेले रह कर भी बीजेपी का साथ समय-समय पर निभाया है। राजस्थान में सचिन पायलट ने जो नौटंकी शुरू की है, वह उनकी ही पार्टी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव विपक्षी गोलबंदी में शामिल तो हैं, लेकिन अतीत के अनुभव बताते हैं कि कोई करिश्मा ही इन्हें आखिर तक गोलबंदी में बनाए रख पाएगा। तो क्या ये मानना चाहिए कि विपक्ष के नेता ही बीजेपी की राह आसान करने में लगे हैं ?

इन्हें भी पढ़े

सांसद रेणुका चौधरी

मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं

July 31, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु

इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

July 31, 2025

‘एक पेड़ मां के नाम’: दिल्ली के सरस्वती कैंप में वृक्षारोपण कार्यक्रम, समाज को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

July 31, 2025
nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
Load More

जेडीएस को पसंद आने लगा बीजेपी के साथ

कर्नाटक में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी को दक्षिण में साथियों की तलाश है। वह अब दक्षिण में अपनी जमीन मजबूत करने की तैयारी में है। कांग्रेस से असेंबली इलेक्शन में मात खाए देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस को लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गए बिना अपना कल्याण नजर नहीं आता। इस बाबत पार्टी प्रमुख पूर्व पीएम देवेगौड़ा का कहना है- ‘मैं राष्ट्रीय राजनीति का विश्लेषण कर सकता हूं, लेकिन इसका क्या फायदा है?’ उन्होंने सवाल किया कि देश में कोई ऐसी पार्टी है, जो बीजेपी के साथ ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष’ रूप से जुड़ी न रही हो ? देवगौड़ा का संकेत साफ है। वह बीजेपी में संभावना तलाश रहे हैं। अब बीजेपी पर यह निर्भर करता है कि वह उनकी पार्टी को अपना सहयोगी बनाती है या नहीं। कर्नाटक में जेडीएस तीन दर्जन से भी कम सीटों पर सिमट गई है। कर्नाटक का जनादेश ऐसा एकतरफा रहा कि चाह कर भी जेडीएस किंगमेकर नहीं बन सका। अगर जेडीएस के साथ बीजेपी का गठबंधन हुआ तो वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय पर पकड़ मजबूत हो जाएगी।

आंध्र प्रदेश में भाजपा के साथ आएंगे चंद्रबाबू

कुछ ही दिन पहले आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इससे यह संभावना प्रबल हो गई है कि टीडीपी अब बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा बनेगी। पहले भी चंद्रबाबू एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2018 में उन्होंने एनडीए छोड़ा था। तब नीतीश कुमार या दूसरे विपक्षी नेताओं की तरह उन पर भी विपक्षी एकता की धुन सवार थी। विपक्षी एकता तो फ्लॉप ही हो गई थी, चंद्रबाबू की सीएम की कुर्सी भी वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी ने छीन ली थी। नीतीश ने ममता बनर्जी की सलाह से इस बार विपक्षी बैठक पटना में बुलाई है तो चंद्रबाबू ने ममता बनर्जी की ही सलाह पर 2019 में बड़ी विपक्षी रैली कोलकाता में की थी।

YSR Congress के रेड्डी का क्या होगा ?

आंध्रप्रदेश में अभी वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी सीएम हैं। केंद्र की बीजेपी सरकार से उनकी अच्छी ट्यूनिंग रही है। खासकर राज्यसभा में विधेयकों को पारित कराने में वाईएसआर कांग्रेस बीजेपी की मददगार बनती रही है। चंद्रबाबू नायडू अगर एनडीए फोल्डर में आना चाहते हैं तो बीजेपी के सामने दोनों को बैलेंस करने की समस्या होगी। उसे रेड्डी और नायडू में किसी एक को चुनना होगा या फिर दोनों के सहमति-समझौते से बीजेपी उन्हें जोड़ सकती है। चंद्रबाबू नायडू का स्वार्थ सिर्फ आंध्रप्रदेश तक ही सीमित नहीं है। उन्हें तेलंगाना में भी अपनी स्थिति सुधारनी है। तेलंगाना में बीजेपी की पकड़ उतनी अच्छी नहीं है। उसके पास तो उम्मीदवारों का टोटा भी हो सकता है। इसलिए बीजेपी चंद्रबाबू नायडू को तेलंगाना में मजबूत बनाने का आश्वासन दे सकती है। आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी को भरोसे में लिए बगैर बीजेपी घातक कदम नहीं उठाएगी।

नवीन पटनायक अलग होकर भी बीजेपी संग

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के बारे में तो यह जगजाहिर है कि वे मोदी का साथ छोड़ना नहीं चाहेंगे। वे कहते भी रहे हैं कि मोदी अच्छा काम कर रहे हैं। वे उनके अच्छे मित्र भी हैं। लोकतंत्र खतरे में है और संघीय ढांचा तहस-नहस हो गया है जैसी बातें करने वाले विपक्षी दलों को पटनायक ने साफ सुना दिया था कि ऐसा कुछ नहीं है। नीतीश कुमार जब उनसे मिलने गए थे, तब भी पटनायक ने विपक्षी एकता से अपने को दूर ही रखा। इतना ही नहीं दिल्ली में पीएम मोदी से मिलने के बाद तो उन्होंने यह भी कहा था कि थर्ड फ्रंट संभव नहीं है। नवीन पटनायक ने अपने राजनीतिक जीवन में सिर्फ और सिर्फ ओडिशा की चिंता की है। संसद में बीजू जनता दल के सदस्यों ने जरूरत पड़ने पर बीजेपी का ही साथ दिया है। इसलिए अब यह मानने में किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि नवीन पटनायक बीजेपी की ही मदद करेंगे।

राजस्थान में सचिन पायलट भी गुल खिलाएंगे

राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत का झगड़ा सास-बहू के झगड़े से कम नहीं है। दोनों में तल्खी चरम तक जाती है। आलाकमान हस्तक्षेप करता है। कुछ दिन शांति रहती है और बात वहीं आपसी टकराव पर आ जाती है। गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पायलट ने तो अब अपनी नई पार्टी बनाने का भी संकेत दिया है। हालांकि इसके लिए प्राथमिक कार्य भी अभी तक नहीं हुए हैं। बहरहाल, दोनों के बीच खटास जिस मुकाम तक पहुंची है, वहां से किसी का भी पीछे हटना खतरे से खाली नहीं। इसलिए आलाकमान का राग अलापते हुए दोनों अपनी राह चलते रहेंगे। जाहिर है कि दो के झगड़े में तीसरे को लाभ होना ही है। पायलट-गहलोत विवाद का फायदा सीधे-सीधे बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में होगा।

ममता, केजरीवाल व अखिलेश पर भरोसा नहीं

ममता बनर्जी पर उनकी पार्टी के लोग ही भरोसा नहीं करते। वे कब क्या कहती हैं और क्या करेंगी, कोई नहीं जानता। पहले तो उन्होंने कांग्रेस रहित विपक्षी एकता की बात कही। नीतीश के समझाने पर कांग्रेस के साथ आने को तैयार हुईं, लेकिन इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस का एमएलए तोड़ कर उसे झटका भी दे दिया। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने भी कह दिया है कि लोकसभा चुनाव में किसी दल या गठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता। उनका यह तेवर तब से और तल्ख हो गया है, जब कांग्रेस ने सेवा अध्यादेश पर साथ देने से मना कर दिया है। रही बात अखिलेश यादव की तो उन्होंने बसपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर उसका परिणाम देख लिया है। इसलिए एन मौके पर अखिलेश भी पीछे हट जाएं तो अचरज की बात नहीं होगी। और, ऐसा हुआ तो फायदा बीजेपी को ही होगा।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
CM Ibrahim

कर्नाटक : बीजेपी से गठबंधन का विरोध करने वाले सीएम इब्राहिम जेडीएस से निष्कासित

October 19, 2023
ISRO

ISRO अब इन रहस्यों से उठाएगा पर्दा, जानिए अगले प्लान के बारे

September 27, 2023

राजनीति में विचारधारा का क्या कोई महत्त्व नहीं

April 24, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में किन उद्योगों के लिए बजाई खतरे की घंटी!
  • इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.