प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: कनाडा सरकार ने अपनी 2025 की रिपोर्ट, “2025 Assessment of Money Laundering and Terrorist Financing Risks in Canada”, में पहली बार आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों को कनाडा की धरती से वित्तीय सहायता (फंडिंग) मिल रही है। यह रिपोर्ट कनाडा के वित्त मंत्रालय और वित्तीय खुफिया एजेंसी (FINTRAC) द्वारा जारी की गई है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के जोखिमों का आकलन किया गया है। इसने भारत के उन दावों की पुष्टि की है कि “कनाडा में खालिस्तानी समूहों को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए खुली छूट मिली हुई है।”
खालिस्तानी संगठनों का नाम और गतिविधियां
रिपोर्ट में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) जैसे खालिस्तानी संगठनों को स्पष्ट रूप से आतंकवादी संगठन बताया गया है। इन संगठनों को राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (Politically Motivated Violent Extremism – PMVE) की श्रेणी में रखा गया है, जिसमें हमास और हिजबुल्लाह जैसे अन्य आतंकवादी संगठन भी शामिल हैं।
इन समूहों का उद्देश्य हिंसा के माध्यम से नई राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करना है, विशेष रूप से भारत के पंजाब में “खालिस्तान” नामक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग।
फंडिंग के स्रोत ?
खालिस्तानी संगठन कनाडा में गैर-लाभकारी संगठनों (NPOs) और चैरिटेबल ट्रस्टों का दुरुपयोग करके धन जुटा रहे हैं। प्रवासी समुदायों, विशेष रूप से सिख डायस्पोरा, से चंदा इकट्ठा किया जाता है। फंडिंग के लिए आधुनिक तरीकों जैसे क्राउडफंडिंग, क्रिप्टोकरेंसी, और बैंकिंग सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
कुछ मामलों में, नशीले पदार्थों की तस्करी और ऑटो चोरी जैसे आपराधिक गतिविधियों से भी धन प्राप्त हो रहा है।
कनाडा की नाकामी
रिपोर्ट में यह माना गया है कि कनाडा की कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने इन संगठनों को वित्तीय सहायता प्राप्त करते हुए देखा है, लेकिन कार्रवाई में कमी रही है। पहले खालिस्तानी संगठनों का कनाडा में बड़ा फंडिंग नेटवर्क था, लेकिन अब छोटे-छोटे व्यक्तिगत समूहों के जरिए धन जुटाया जा रहा है, जिसे ट्रैक करना कठिन है। कनाडा ने इन संगठनों को “सुरक्षित पनाह” दी है, जिससे वे भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
अन्य आतंकी संगठनों का जिक्र
खालिस्तानी समूहों के साथ-साथ, रिपोर्ट में हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को भी कनाडा से फंडिंग मिलने की बात कही गई है। 2022 की FINTRAC रिपोर्ट में हिजबुल्लाह को कनाडा से धन प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन बताया गया था।
यह खुलासा भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मुद्दा है, क्योंकि खालिस्तानी समूह भारत में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। कनाडा की ओर से इन संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करना भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित कर सकता है और प्रवासी भारतीय समुदायों में वैमनस्य पैदा कर सकता है।
भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत
यह पहली बार है जब कनाडा ने आधिकारिक रूप से खालिस्तानी संगठनों को अपनी धरती से फंडिंग मिलने की बात स्वीकारी है, जो भारत के लंबे समय से चले आ रहे आरोपों की पुष्टि करता है।
यह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत मानी जा रही है, क्योंकि यह कनाडा पर इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ाता है।हालांकि, रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि कनाडा की कानून व्यवस्था इन गतिविधियों को पूरी तरह रोकने में असमर्थ रही है, जो एक नाकामी के रूप में देखा जा रहा है।