स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली: 2025 में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल भारत की आर्थिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक मंच पर देश के बढ़ते कद को भी रेखांकित करती है। इस विशेष रिपोर्ट में हम इस उपलब्धि के कारणों, प्रभावों और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, 2025 में भारत का नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो जापान के अनुमानित 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा अधिक है। यह अंतर भले ही मामूली हो, लेकिन यह भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रतीक है।
पिछले वर्ष तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन इस साल यह जापान से आगे निकल गया। आईएमएफ के अनुसार, भारत की GDP वृद्धि दर 2024 में 7% थी और 2025 में 6.5% रहने का अनुमान है, जबकि जापान की विकास दर मात्र 0.3% रही।
अर्थशास्त्र विशेषज्ञ प्रकाश मेहरा का मानना है कि “ये भारत की आर्थिक उड़ान हैं, भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है।”
इस उपलब्धि के क्या कारण ?
भारत की इस सफलता के पीछे कई कारक हैं भारत की युवा आबादी इसकी सबसे बड़ी ताकत है। अगले दो दशकों तक भारत की अर्थव्यवस्था को इस जनसांख्यिकीय लाभ से बल मिलता रहेगा। सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधार जैसे जीएसटी, मेक इन इंडिया, और डिजिटल इंडिया ने निवेश को आकर्षित किया और कारोबारी माहौल को बेहतर बनाया। सड़क, रेल, और डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारी निवेश ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हुई है, खासकर टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में। दूसरी ओर, जापान की अर्थव्यवस्था दशकों से ठहराव का सामना कर रही है। जनसंख्या में कमी और कम विकास दर ने जापान को पीछे धकेला।
पड़ोसी देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत !
वैश्विक मंच पर भारत का कद यह उपलब्धि भारत को वैश्विक आर्थिक नीतियों में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर देगी। भारतीय उद्यमियों, निवेशकों, और नागरिकों में इस उपलब्धि से आत्मविश्वास बढ़ेगा। दक्षिण एशिया में भारत की आर्थिक ताकत अन्य पड़ोसी देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। हालांकि, बढ़ती असमानता, बेरोजगारी, और पर्यावरणीय मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन से निपटना अभी भी जरूरी है।
भविष्य की क्या राह ?
आईएमएफ और मॉर्गन स्टेनली जैसी संस्थाओं का अनुमान है कि “भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम महत्वपूर्ण होंगे। शिक्षा और कौशल विकास में युवा आबादी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। पर्यावरण के अनुकूल नीतियों को अपनाकर भारत को दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करना होगा। स्टार्टअप्स और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देकर भारत वैश्विक टेक हब बन सकता है।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था !
जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह उपलब्धि न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और वैश्विक स्तर पर भी भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। हालांकि, इस सफलता को बनाए रखने और भविष्य में और ऊंचाइयों को छूने के लिए नीतिगत सुधारों, समावेशी विकास, और टिकाऊ प्रथाओं पर ध्यान देना होगा। भारत का यह आर्थिक सफर न केवल इसके नागरिकों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा है।