पणजी। दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विरिएटो फर्नांडेज के एक बयान पर विवाद हो गया है। दरअसल कांग्रेस उम्मीदवार ने दावा किया कि ‘साल 1961 में पुर्तगाल से आजादी मिलने के बाद गोवा पर भारतीय संविधान थोपा गया।’ कांग्रेस उम्मीदवार के बयान पर सीएम प्रमोद सावंत ने नाराजगी जताई और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार विरिएटो फर्नांडेज ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर किसी से भी बहस के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार के बयान पर गोवा सीएम ने बोला हमला
कांग्रेस उम्मीदवार के बयान पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कड़ी आपत्ति जताई है। प्रमोद सावंत ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार की टिप्पणी से मैं हैरान हूं। वे दावा कर रहे हैं कि गोवा पर संविधान थोपा गया। हमारे स्वतंत्रता सेनानी मानते थे कि गोवा, भारत का अभिन्न हिस्सा है। कांग्रेस ने गोवा की आजादी में 14 साल की देरी की। अब उनके उम्मीदवार भारत के संविधान को कमतर आंक रहे हैं।’ सावंत ने कांग्रेस ने पर देश को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस, लोकतंत्र के लिए खतरा है।
फर्नांडेज बोले- बहस के लिए तैयार
सीएम के पोस्ट पर फर्नांडेज ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि ‘प्रिय गोवा के सीएम, राजनीतिक फायदे के लिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश न करें। मैंने जो बोला उस पर, और भाजपा सरकार में गोवा की पहचान को तबाह करने, बेरोजगारी, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी से भी बहस के लिए तैयार हूं।’ गोवा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यूरी अलेमाओ भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में उतरे हैं और उनका कहना है कि भाजपा को संविधान के बारे में बोलने का हक नहीं है। गोवा में लोकसभा की दो सीटें हैं और इन पर आगामी 7 मई को मतदान होना है।
फर्नांडेज की किस टिप्पणी पर हुआ विवाद
सोमवार को दक्षिण गोवा में एक जनसभा में कांग्रेस उम्मीदवार फर्नांडेज ने बताया कि ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’ फर्नांडेज ने कहा कि ‘साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हमने राहुल गांधी के सामने यह मामला उठाया था और उन्हें बताया था कि ‘जब गोवा को 1961 में आजादी मिली थी, तो उस पर भारतीय संविधान थोपा गया था।’ फर्नांडेज ने बताया कि ‘हमने उस वक्त राहुल गांधी के सामने 12 मांग रखीं थी, जिनमें एक गोवा में रहने वाले पुर्तगाल के लोगों को दोहरी नागरिकता की सुविधा देने की मांग शामिल थी।
राहुल गांधी ने इस पर पूछा कि क्या यह मांग संवैधानिक है? जब हमने मना किया तो उन्होंने कहा कि तो फिर इस मांग पर विचार नहीं किया जाएगा।’ फर्नांडेज ने बताया कि मैंने राहुल गांधी को समझाया कि ‘देश में संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जबकि गोवा को 1961 में पुर्तगाली शासन से आजादी मिली थी। हम पर संविधान थोपा गया, हम संविधान बनाने की प्रक्रिया में शामिल नहीं थे।’ फर्नांडेज एक एनजीओ गोएंचो अवे से जुड़े हुए थे, जो गोवा में पुर्तगाली मूल के लोगों को दोहरी नागरिकता देने की मांग कर रहा है।