स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली: पहलगाम हमले (22 अप्रैल) के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए, जिन्हें “असली बदला” के रूप में देखा जा रहा है। यह हमला, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या की, ने पूरे देश को झकझोर दिया। नीचे इस हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाइयों और उनके प्रभावों पर एक विशेष रिपोर्ट दी गई है
आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई !
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमले के बाद दो आतंकी ढेर किए गए, और पुलवामा में लश्कर के आतंकी एहसान अहमद शेख का घर आईईडी से उड़ा दिया गया। खबरें हैं कि भारत PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की योजना बना रहा है। LoC पर हेवी आर्टिलरी, सर्वेलांस, और रडार सिस्टम तैनात किए गए हैं।
कूटनीतिक और आर्थिक दबाव !
भारत ने पहली बार इस संधि को स्थगित किया, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है। भारत ने पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजा, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद किया, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिए। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थक के रूप में उजागर करने की कोशिश की। FATF की ग्रे-लिस्ट में वापसी के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन ?
अमेरिका, रूस, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस, और सऊदी अरब जैसे देशों ने हमले की निंदा की और भारत के साथ खड़े होने का वादा किया। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “बर्बर हमला” करार दिया।भारत ने विदेशी राजनयिकों को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति की जानकारी दी, जिससे वैश्विक दबाव बढ़ा।
आंतरिक सुरक्षा और जांच !
जम्मू-कश्मीर पुलिस, RAW, और IB ने 70 से अधिक ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ शुरू की। संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए गए, जिनमें आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबु तल्हा शामिल हैं। हमले की जांच में खुलासा हुआ कि 20 पुरुष मृतकों की पैंट उतारी गई थी, जो आतंकियों की क्रूरता और धार्मिक निशाने को दर्शाता है।
आतंकी कैंपों पर हमले की तैयारी !
सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक से बड़ी कार्रवाई की चर्चा है। कुछ सूत्रों का दावा है कि भारत PoK में आतंकी कैंपों पर हमले की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करना और उसकी अर्थव्यवस्था पर दबाव डालना। सिंधु जल संधि का निलंबन और FATF की कार्रवाई इसके प्रमुख कदम हैं। हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद कसूरी जैसे आतंकियों को निशाना बनाना। विपक्ष ने सरकार को पूर्ण समर्थन दिया, जैसा कि 2019 के पुलवामा हमले के समय देखा गया था। राहुल गांधी ने कहा, “विपक्ष सरकार के हर कदम के साथ है।”
भारत की पाक को सख्त चेतावनी दी इस पर विशेषज्ञ के तौर पर प्रकाश मेहरा कहते हैं “पाकिस्तान टुकड़ों में बंटने वाला है,और इसका जिम्मेदार भी वही है। जब युद्ध होता है तो सिर्फ फौज नहीं लड़ती, पूरा देश लड़ता है”
जनता और पीड़ितों का दर्द !
हमले में मारे गए नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की कहानी ने देश को झकझोर दिया। उनकी शादी को मात्र 6 दिन हुए थे। चश्मदीद पल्लवी ने बताया कि “आतंकियों ने उनके पति को गोली मारने के बाद कहा, “जाकर मोदी को बोलो।”
असली बदला केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं !
पहलगाम हमले का “असली बदला” केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं है। भारत की रणनीति आतंकवाद के खिलाफ सैन्य, कूटनीतिक, और आर्थिक मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़ने की है। सिंधु जल संधि का निलंबन और वैश्विक समर्थन इस दिशा में बड़े कदम हैं। हालांकि, सुरक्षा चूक और स्थानीय स्तर पर आतंकवाद के मूल कारणों को खत्म करना अभी भी चुनौती है। जनता का गुस्सा और एकता इस बात का संकेत है कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।