प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली : बजट भले ही अंतरिम होगा, लेकिन उद्योग और वाणिज्य संगठनों ने बजट से अपनी उम्मीदों और अपनी मांगों का विस्तृत खाका हमेशा की ही तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा है। इनमें ज्यादातर वे मांगे हैं, जो शायद चुनाव के माहौल में सरकार की प्राथमिकताओं में जगह न बना पाएं। कौन-सी चीजें हैं, जो सरकार की प्राथमिकताओं में जगह बना पाएंगी, इसे लेकर अटकलें जरूर लगाई जाने लगी हैं।
यह माना जा रहा है कि सरकार कल्याण योजनाओं के प्रावधान को न सिर्फ बढ़ा सकती है, बल्कि कुछ नई कल्याण योजनाओं की भी घोषणा कर सकती है।
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