प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
पटना। हाल ही में बिहार के जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पटना कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त पोस्टर लगाए गए, जिसने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी। इन पोस्टरों में NDA की एकजुटता और केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने की बात कही गई है, साथ ही ‘महिलाओं की जयजयकार’, ‘नौकरी रोजगार’, और ‘खुशहाल बिहार’ जैसे नारे शामिल हैं।
एकजुटता का प्रतीक JDU के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ये पोस्टर NDA की एकता को दर्शाते हैं। उन्होंने इसे स्वाभाविक बताया क्योंकि BJP और JDU गठबंधन सहयोगी हैं और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में साथ मिलकर लड़ेंगे। JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “जहां नीतीश हैं, वहां शांति है, और जहां मोदी हैं, वहां विश्वास है। बिहार 2025 में फिर से नीतीश के लिए तीर (JDU का चुनाव चिन्ह) चलाएगा।”
मजबूरी या उलटी गिनती ? RJD का तंज
RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे नीतीश कुमार की “मजबूरी” करार दिया। उन्होंने कहा कि “2010 में नीतीश ने मोदी के साथ तस्वीर लगाने पर BJP नेताओं के डिनर को रद्द कर दिया था, लेकिन अब JDU कार्यालय में मोदी की तस्वीर लगाना नीतीश की कमजोरी और BJP के दबाव को दिखाता है। तिवारी ने दावा किया कि “ये BJP की रणनीति है जिसके तहत वो JDU को खत्म करना चाहती है।”
RJD का आरोप !
RJD के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि “ये पोस्टर इस बात का संकेत हैं कि JDU में BJP की विचारधारा घुसपैठ कर रही है और नीतीश का नेतृत्व खत्म करने की कोशिश हो रही है। विपक्ष, खासकर RJD, ने इसे नीतीश कुमार के राजनीतिक प्रभाव की “उलटी गिनती” शुरू होने का संकेत बताया। उनका कहना है कि नीतीश अब BJP के सामने मजबूर हैं और JDU अपनी स्वतंत्र पहचान खो रही है।
BJP का जवाब सबका साथ, सबका विकास’
BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि “ये पोस्टर NDA की एकजुटता और बिहार के विकास के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को दर्शाते हैं। उन्होंने RJD पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया।”
2013 में भी JDU कार्यालय में नीतीश और मोदी की तस्वीरें लगी थीं, जिसके बाद नीतीश नाराज हुए थे और NDA गठबंधन टूट गया था। अब नीतीश और मोदी के बीच गठबंधन मजबूत दिख रहा है, लेकिन विपक्ष इसे JDU की कमजोरी और BJP की बढ़ती ताकत के रूप में देख रहा है। पोस्टरों को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA की एकजुटता और सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल
JDU कार्यालय में मोदी-नीतीश के पोस्टर बिहार की सियासत में एक नया विवाद बन गए हैं। JDU इसे गठबंधन की ताकत और एकता का प्रतीक बता रही है, जबकि विपक्ष इसे नीतीश की मजबूरी और JDU की कमजोर होती पहचान के रूप में पेश कर रहा है। विपक्ष का “उलटी गिनती” वाला बयान नीतीश के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठाता है, जबकि NDA इसे विकास और एकजुटता का संदेश देना चाहता है।