स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: 13 जून 2025 की सुबह इजरायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए, जिनका लक्ष्य ईरान की परमाणु सुविधाएं, सैन्य ठिकाने और उच्च-स्तरीय सैन्य अधिकारी थे। इस ऑपरेशन को इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” (Am KeLavi) नाम दिया। यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को नई ऊंचाइयों पर ले गया और अमेरिका-ईरान के बीच चल रही परमाणु वार्ताओं को खतरे में डाल दिया। आइए इसे विस्तार से एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
कब और कहां हुआ हमला
हमले 13 जून 2025 को स्थानीय समयानुसार तड़के 3:00 बजे शुरू हुए। तेहरान, नतांज, तबरिज, और अन्य प्रमुख शहरों में विस्फोटों की खबरें आईं। नतांज में ईरान का मुख्य यूरेनियम संवर्धन संयंत्र (Fuel Enrichment Plant और Pilot Fuel Enrichment Plant) और तबरिज में परमाणु अनुसंधान केंद्र।
तेहरान में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का मुख्यालय, शिराज और इस्फहान में सैन्य अड्डे, और मिसाइल भंडारण सुविधाएं। तेहरान के शाहरक-ए-महल्लती और फरहजादी बुलेवार्ड जैसे इलाकों में उच्च-स्तरीय सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों के आवास। इजरायल ने पांच चरणों में सैकड़ों हवाई हमले किए, जिसमें लड़ाकू जेट, ड्रोन, और प्रेसिजन मिसाइलें शामिल थीं।
दावा: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को “बर्बाद करना” और इसकी मिसाइल उत्पादन क्षमता को नष्ट करना था। उन्होंने इसे “इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरे को खत्म करने” का कदम बताया।
कितनी हुई हानि और हताहत
IRGC के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल होसैन सलामी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, और मेजर जनरल घोलाम अली रशीद की मौत की पुष्टि। मोहम्मद मेहदी ताहरांची और फरेदून अब्बासी सहित कई प्रमुख वैज्ञानिक मारे गए। तेहरान के आवासीय क्षेत्रों में नागरिक हताहतों की भी खबरें, हालांकि सटीक संख्या अज्ञात।
बुनियादी ढांचे को नुकसान
नतांज में परमाणु संयंत्र को भारी क्षति। तेहरान में वन होल्डिंग टावर और अन्य इमारतों के शीशे टूटे, कई इमारतें क्षतिग्रस्त। केरमशाह में कूलिंग रॉड उत्पादन सुविधा और यूरेनियम संवर्धन संयंत्र नष्ट।
ईरान की सेमी-आधिकारिक तसनीम न्यूज एजेंसी ने पुष्टि की कि “सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों की मौत हुई, लेकिन नागरिक हताहतों की संख्या को कम करके बताया।
ईरान की प्रतिक्रिया
तेहरान में हवाई अड्डा बंद, स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजरायल को “कठोर सजा” मिलेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमले बिना अमेरिकी “समन्वय और अनुमति” के नहीं हो सकते और अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया।
IRGC कमांडर इस्माइल कानी ने दावा किया कि ईरान की सैन्य क्षमता पहले से बेहतर है और “इतिहास रचने वाला जवाब” देगा। ईरान ने तत्काल जवाबी हमले की योजना बनाई, जिसमें इजरायल और क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागने की बात है। ईरान ने IAEA के साथ सहयोग कम करने और फोर्डो में उन्नत सेंट्रीफ्यूज लगाने की धमकी दी।
इजरायल की क्या स्थिति ?
इजरायल में “विशेष आपातकाल” घोषित, मिसाइल और ड्रोन हमले की आशंका में सायरन बजाए गए। इजरायल में सड़कें सुनसान, लोग बम शेल्टरों में। IDF के चीफ ऑफ स्टाफ एयाल ज़मीर ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम “वापसी के बिंदु” पर था, और इजरायल को “तुरंत कार्रवाई” करनी पड़ी। इजरायल ने हमले से पहले अमेरिका को सूचित किया, लेकिन अमेरिकी सैन्य सहायता के बिना हमला किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमले में अमेरिका शामिल नहीं था, लेकिन इजरायल ने इसे आत्मरक्षा के लिए जरूरी बताया। अमेरिका ने इराक से राजनयिकों को हटाया और मध्य पूर्व में सैन्य परिवारों की स्वैच्छिक निकासी शुरू की। ट्रम्प के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ 15 जून को ओमान में ईरान के साथ छठे दौर की वार्ता के लिए जाने वाले थे, लेकिन अब यह अनिश्चित है।
निदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि “नतांज सुविधा पर हमला हुआ, और विकिरण स्तरों की निगरानी की जा रही है।”
ईरान के परमाणु कार्यक्रम इजरायल के लिए खतरा
ओमान ने हमलों को “खतरनाक और लापरवाह” बताया। जॉर्डन ने अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन रोकने की चेतावनी दी। यूके ने अरब सागर में जहाजों के लिए खतरे की चेतावनी जारी की।
इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने लिए “अस्तित्व का खतरा” मानता है। ईरान ने 2015 के JCPOA समझौते के बाद से यूरेनियम संवर्धन बढ़ाया, जिसे ट्रम्प ने 2018 में रद्द कर दिया था।अप्रैल 2025 से अमेरिका और ईरान के बीच नई परमाणु वार्ताएं चल रही थीं, लेकिन ईरान ने यूरेनियम संवर्धन बंद करने से इनकार कर दिया। इजरायल ने दावा किया कि “ईरान के पास 15 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त संवर्धित यूरेनियम था। अक्टूबर 2024 में इजरायल के हमलों ने ईरान की हवाई रक्षा और मिसाइल उत्पादन को कमजोर किया, जिसे इजरायल ने हमले का “सुनहरा अवसर” माना।
क्या होंगे आर्थिक प्रभाव
हमले के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत 9% बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल हो गई। ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य के पास है, जिससे तेल निर्यात प्रभावित हो सकता है। तेहरान में रियाल की कीमत स्थिर रही, 1 डॉलर के लिए लगभग 840,000 रियाल।
जांच और भविष्य
IAEA और ईरानी अधिकारी नतांज और अन्य सुविधाओं में क्षति का आकलन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि “इजरायल के हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं, लेकिन फोर्डो जैसी गहरी सुविधाएं बच सकती हैं।” ईरान की जवाबी कार्रवाई से मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध शुरू हो सकता है, जिसमें अमेरिकी ठिकाने भी निशाना बन सकते हैं।
इजरायल का 13 जून 2025 का हमला ईरान के परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किया गया एक अभूतपूर्व कदम था। इसने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया और अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ताओं को खतरे में डाल दिया। ईरान की जवाबी कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया से मध्य पूर्व का भविष्य तय होगा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीति को प्रभावित करने वाला घटनाक्रम है।