नई दिल्ली: कर्नाटक चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया में भाग लेने रामनगर के एक मतदान केंद्र पर कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी सपरिवार पहुंचे थे. मतदान करने के बाद उन्होंने कहा लोगों से कहा कि ‘हमारी पार्टी किंग बनने जा रही है.’ कुमारस्वामी ने कहा कि‘हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे उचित विकास पाने के लिए जेडीएस उम्मीदवारों को आशीर्वाद दें. हमारी पार्टी किंग बनने जा रही है.’
एचडी कुमारस्वामी के इस बयान के क्या हैं मायने
सबसे पहली बात यह जेडी (एस) कर्नाटक में एक क्षेत्रीय पार्टी है. यह पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की है और एचडी कुमरास्वामी उनके बेटे हैं. 2018 यानी की पिछले विधानसभा में जनता दल (सेक्युलर) किंगमेकर की भूमिका में रही थी. यानी उस वक्त कर्नाटक में किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई थी जोकि सिर्फ 14 महीने ही टिक पाई थी. लेकिन इस बार जेडी (एस) अपनी राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.
एचडी कुमारस्वामी बतौर पार्टी प्रमुख अपनी अंतिम पारी खेल रहे हैं. यह चुनाव उनका अंतिम चुनाव है. इस बार के चुनाव प्रक्रिया से पहले ही उन्होंने इसका संकेत दे दिया था. इसलिए वे चाहते हैं कि अपने राजनीतिक सफर के अंतिम पड़ाव पर अपनी पार्टी और अपनी सीट पर बढ़त हासिल करें. इस संदर्भ में उन्होंने यह कहा है कि उनकी पार्टी किंग बनने जा रही है. लेकिन किंग बनना इतना आसान नहीं है. हां, उनके इस दावे से एक बात स्पष्ट है कि अगर उनकी पार्टी किंग नहीं बनेगी तो वह 2018 की तरह फिर से किंगमेकर की भूमिका जरूर निभा सकती है. लेकिन यह तभी संभव है हो पाएगा जब इस बार भी किसी एक पार्टी के पक्ष में बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिएलोग वोट नहीं करें.
जेडीएस का अबतक का प्रदर्शन
पार्टी के 1999 में अस्तित्व में आने के बाद से अब तक वह दो बार कर्नाटक में सत्तारूढ़ हो पाई है. लेकिन दोनों ही बार भाजपा और कांग्रेस का सहारा लेना पढ़ा था. कभी पार्टी ने अपने बूते सरकार नहीं बनाई है. इस बार, जेडीएस कुल 224 सीट में से 123 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ी है. पार्टी ने इसे ‘मिशन 123’ का नाम दिया है. अब ये तो 13 मई को परिणाम सामने आएगा कि जेडी (एस) का मिशन-123 को कितना सफल रहेगा. बता दें कि जेडीएस ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन 2004 के विधानसभा चुनाव में किया था. उस वक्त जेडीएस के खाते में कुल 58 सीटें गईं थी. इसके बाद 2013 में 40 सीट और 2018 में इसके खाते में 37 सीट आई थी.