नई दिल्ली : दिल्ली में चल रहे करीब 70 फीसदी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्र जल्द ही बंद हो सकते हैं। देश में सरोगेसी को लेकर आए नए कानून के बाद आईवीएफ केंद्र के संचालन के लिए सख्त नियमों का पालन करना होगा। इन्हें पूरा करने में करीब 70 फीसदी केंद्र असफल साबित हो रहे हैं। नए नियम के तहत अभी तक केवल 180 केंद्रों ने ही पंजीकरण करवाया है, जबकि दिल्ली में चलने वाले केंद्रों की संख्या करीब 580 है।
इन केंद्रों में से अधिकतर आईवीएफ केंद्र छोटे व मध्यम स्तर के हैं। ऐसे में इन केंद्रों को लेकर कानूनी स्तर पर चर्चा चल रही हैं। इसे लेकर दिल्ली में गायनी, सेरोगेसी और आईवीएफ से जुड़े दिल्ली के डॉक्टरों का संगठन आकृति की बैठक हुई। इस मौके पर आईवीएफ केंद्रों को बंद होने से बचाने के लिए कानूनी स्तर पर चर्चा कर इस दिशा में प्रयास करने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आईवीएफ केंद्रों को लेकर नियम बनाए हैं। दिल्ली में जो भी केंद्र चलाना चाहते हैं उन्हें इसके तहत पंजीकरण करवाना होगा।
पिछले सात सालों में बढ़ी संख्या
महिला रोग विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली में पिछले सात साल में आईवीएफ केंद्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उनका कहना है कि लाइफ स्टाइल में आए बदलाव, देर से होने वाली शादी व अन्य कारणों से महिलाओं में ये समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा जो महिलाएं एक से अधिक साथी के साथ यौन संबंध रख रही हैं, उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है और उनकी फेलोपाइन ट्यूब भी सिकुड़ रही है। मौजूदा समय में बहुतायत में आ रहे ऐसे मामले चिंता का कारण बने हुए हैं। इन महिलाओं में सामान्य तरीके से गर्भधारण करने की क्षमता नहीं होती। इस वजह से उन्हें आईवीएफ का विकल्प दिया जाता है।
शादी की सही उम्र 25 तक
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रीता बक्शी ने कहा कि महिलाओं के लिए शादी की सही उम्र 21 से 25 साल है। इस आयु में महिलाओं में अंडाणु की संख्या बेहतर पाई जाती है। उम्र बढ़ने के साथ इनकी संख्या घटती है, साथ ही गुणवत्ता में भी कमी आती है। ऐसा देखा गया है कि 40 साल तक की उम्र की महिलाओं में गर्भधारण करने की क्षमता काफी कम हो जाती है। नए ट्रेड में ज्यादातर महिलाएं 35 साल की उम्र के बाद ही गर्भ धारण कर रही है। इससे उनमें अंडाणुओं की संख्या काफी कम होती है। इसके अलावा पुरुषों में भी स्पर्म काउंट घटने के मामले सामने आ रहे हैं।
नए कानून में बढ़ा जुर्माना
डॉ. बक्शी का कहना है कि नए कानून में पंजीकरण शुल्क में इजाफा, भारी जुर्माना, सजा सहित अन्य को लेकर काफी सख्ती है। ऐसा करना सही है। इस कदम से वहीं केंद्र खुल पाएंगे, जिनके पास पूरी व्यवस्था होगी। साथ ही बेहतर स्टाफ होगा। इससे आईवीएफ सुविधाओं में सुधार होगा।