प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
पटना: पानी की बौछार लाठी का वार…वाह रे नीतीश सरकार…सुशासन की पुलिस ने छात्रों पर बरसाई लाठियां। बिहार के पटना में बीते कई दिनों से लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थियों का आंदोलन चल रहा है। रविवार शाम यहां हालात उस वक्त बिगड़ गए जब परीक्षार्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की और पुलिस ने बल प्रयोग किया। पटना के गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने की कोशिश कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का सहारा लिया। इस घटना में कई छात्रों के घायल होने की ख़बर है। हालांकि पुलिस ने कहा है कि उन्होंने ‘लाठीचार्ज नहीं किया।’
लाठीचार्ज पर एस पी सिटी क्या बोले?
एसपी सिटी स्वीटी सहरावत ने एक्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से बात करते हुए लाठीचार्ज़ की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, “लाठीचार्ज नहीं हुआ बार-बार हमने छात्रों से जगह खाली करने की अपील की थी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। हमने ये भी कहा कि वे अपनी मांग रख सकते हैं, हम सुनने के लिए तैयार हैं. उन्होंने हमें धक्का दिया इसके बाद हमने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।”
इससे पहले रविवार के दिन प्रशांत किशोर ने सरकार की ओर से वार्ता की पेशकश के बारे में जानकारी दी और कहा, “मौके़ पर मौजूद सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों ने साथियों (छात्रों) से बात की।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाक़ात की मांग!
बीपीएससी की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा को लेकर 18 दिसंबर से ही परीक्षार्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को पटना प्रशासन ने छात्रों से बातचीत की रज़ामंदी दी थी, लेकिन छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाक़ात की मांग कर रहे थे।
प्रशांत किशोर शनिवार को धरना स्थल गर्दनी बाग़ पहुंचे थे और रविवार को छात्र संसद का आयोजन करने की बात कही थी। 30 दिसंबर को छात्रों ने बिहार में चक्का जाम का आह्वान किया है और इंडिया गठबंधन में शामिल सीपीआई एमएल ने इसका समर्थन करने की भी घोषणा की है।
इस मामले में प्रदेश की सियासत भी गरमाई हुई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, भाकपा (माले), जनसुराज जैसे विपक्षी दल भी छात्रों की मांग के समर्थन में हैं और सरकार को घेरते हुए इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दे रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (सीपीई) 2024 का मामला 6 दिसंबर से ही विवादों में है। इस परीक्षा का विज्ञापन सितंबर 2024 में जारी हुआ था. 4 लाख 83 हज़ार अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया, जिनमें से 3 लाख 25 हज़ार ने परीक्षा दी। बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच आयोजित की गई. इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 150 प्रश्नों का उत्तर देना था। यह परीक्षा 2,031 पदों के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें 200 एसडीएम, 136 डीएसपी और अन्य अधिकारियों के पद शामिल हैं. इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़ी वैकेंसी बताया जा रहा है।
परीक्षार्थियों ने इसका प्रश्नपत्र लीक होने के साथ-साथ कई और आरोप लगाए. इसके बाद से परीक्षार्थी 18 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि परीक्षा रद्द कर दोबारा कराई जाए। परीक्षार्थियों ने परीक्षा में अनियमितताओं, प्रश्न पत्र के स्तरहीन होने और कोचिंग संस्थानों के मॉडल पेपर से सवालों के मेल खाने का आरोप लगाया है।
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