नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को एक बार फिर भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की है। इसमें जम्मू-कश्मीर, सिंधु जल संधि, व्यापार और आतंकवाद जैसे अहम विषय शामिल हैं। शरीफ ने यह बात अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ फोन पर बातचीत के दौरान कही। इस बातचीत को पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल पीटीवी ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया है।
बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण और गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दीं और उनके साहसी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि रुबियो की सक्रिय कूटनीति ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की समझौता प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई।
शरीफ ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति सकारात्मक टिप्पणियां दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की दिशा में उत्साहजनक हैं। यह तभी संभव है जब पाकिस्तान और भारत के बीच सार्थक संवाद की शुरुआत हो।”
भारत का स्टैंड क्लियर, सिर्फ PoK और आतंकवाद पर ही होगी बात
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी। ऐसे में शरीफ की इस पेशकश को भारत के नजरिए से कोई नई पहल नहीं माना जा रहा।
दोनों नेताओं के बीच ईरान-इजरायल युद्ध पर भी बात हुई। शरीफ ने कहा कि यह संकट केवल क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक है और इसका समाधान संवाद व कूटनीति के जरिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति के लिए किसी भी रचनात्मक प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के साथ व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खनन, रेयर अर्थ मेटल्स और आईटी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की इच्छा भी जताई। उन्होंने ट्रंप के व्यापार को लेकर फोकस का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका को मिलकर परस्पर लाभकारी साझेदारी पर काम करना चाहिए।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान पूरे देश में विशेष रूप से चरमपंथी संगठनों से आने वाले खतरों के खिलाफ आतंकवाद से लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सेक्रेटरी रुबियो ने पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ हर संभव सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते को बनाए रखने के पाकिस्तान के प्रयासों की भी तारीफ की।