विशेष डेस्क/पटना : बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी के समर्थक और पूर्व राजद नेता दुलारचंद यादव (उम्र लगभग 76 वर्ष) की संदिग्ध मौत ने राजनीतिक हलचल मचा दी। दुलारचंद यादव, जो कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे और बाद में गैंगस्टर के रूप में बदनाम हुए, जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के पक्ष में प्रचार कर रहे थे।
घटना मोकामा के तारतर गांव के पास हुई, जहां जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के समर्थकों के साथ झड़प भड़क गई। शुरुआती खबरों में गोली मारकर हत्या का दावा किया गया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को नया मोड़ दे दिया। आइए, पूरी घटना और रिपोर्ट को विस्तार में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
घटना कब और कैसे हुई ?
30 अक्टूबर दोपहर करीब 2 बजे, मोकामा के टाल इलाके में तारतर गांव के पास। दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। मोकामा सीट पर अनंत सिंह (जेडीयू) और पीयूष के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों पक्षों के बीच पुरानी दुश्मनी रही है। दुलारचंद और उनके समर्थक प्रचार करते हुए पहुंचे, तभी अनंत सिंह समर्थकों ने उन पर हमला बोल दिया।
हमलावरों ने पत्थरबाजी की, जिसमें स्थानीय पत्थर नहीं बल्कि बड़े बोल्डर पत्थरों का इस्तेमाल किया गया (पुलिस जांच के अनुसार)। दुलारचंद को पीछे से किसी भारी चीज (संभवतः पत्थर या धक्का) से मारा गया, जिससे वे गिर पड़े। झड़प में गोलीबारी भी हुई, लेकिन दुलारचंद के बाएं पैर (टखने के पास) में गोली लगी, जो आर-पार हो गई। दुलारचंद को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
शव को ले जाते समय फिर झड़प
शव को ले जाते समय दुलारचंद समर्थकों और अनंत सिंह गुट के बीच फिर झड़प हुई। शव यात्रा में पथराव, लाठी-डंडों का इस्तेमाल हुआ। पुलिस ने भारी फोर्स तैनात की। कुल 3-4 एफआईआर दर्ज हुईं, जिसमें अनंत सिंह समेत कई नामजद हैं। दो लोग (कर्मवीर और राजबीर, अनंत सिंह के करीबी) गिरफ्तार हो चुके हैं। चुनाव आयोग ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है।
यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक 7 दिन पहले हुई, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। मोकामा को हमेशा अपराध और राजनीति का गढ़ माना जाता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
पोस्टमार्टम पटना सदर अस्पताल (अनुमंडलीय अस्पताल) में 31 अक्टूबर को 3 डॉक्टरों की टीम (डॉ. अजय कुमार, डॉ. रोहन, डॉ. दिलीप) ने किया। शव का एक्स-रे भी लिया गया। रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है, और फाइनल रिपोर्ट 1-2 नवंबर तक सार्वजनिक हो सकती है।
कार्डियो-रेस्पिरेटरी फेल्योर (कार्डियक अरेस्ट) फेफड़े फटने (लंग रप्चर) और सीने की कई पसलियां टूटने (रिब फ्रैक्चर, खासकर दाहिनी ओर रीढ़ के पास) से आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) हुआ। इससे हृदय और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया। बाएं पैर के टखने (एंकल जॉइंट) के पास गोली लगी, जो आर-पार हो गई। यह चोट जानलेवा नहीं थी; केवल बाहरी घाव और हल्का रक्तस्राव।
कई गंभीर आंतरिक और बाहरी घाव
पूरे शरीर पर मारपीट, छिलने और खरोंच के निशान। – सीने पर गहरे घाव और खून जमने के चिह्न। – पसलियां टूटने का कारण: भारी धक्का या पत्थरबाजी से गिरना। – कोई बाहरी गोली का घाव सीने या सिर पर नहीं मिला। चोटें इतनी गंभीर थीं कि इंटरनल ब्लीडिंग से कुछ ही मिनटों में मौत हुई। डॉक्टरों ने कहा, “गोली से पहले या बाद में हिंसक पिटाई हुई लगती है।”
डॉक्टरों ने बयान में क्या बताया !
डॉ. अजय कुमार: “गोली पैर में लगी थी, जो पार हो गई। मौत आंतरिक चोटों से हुई। शरीर पर कई जख्म छीलने जैसे हैं। फाइनल रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।” टीम ने जोर दिया कि यह सुनियोजित हमला लगता है, क्योंकि चोटें पत्थरबाजी और धक्के से मेल खाती हैं।
वीडियो सबूत और गवाहों से पूछताछ
जन सुराज (प्रशांत किशोर) ने अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगाया। आरजेडी ने भी दुख जताया। अनंत सिंह ने इनकार किया। मामला बिहार चुनाव को प्रभावित कर सकता है। पुलिस सभी एंगल (गोलीबारी, पत्थरबाजी, साजिश) पर जांच कर रही। वीडियो सबूत और गवाहों से पूछताछ जारी। फाइनल रिपोर्ट आने पर और स्पष्टता आएगी। मोकामा में भारी पुलिस बल तैनात, मतदान (7 नवंबर) शांतिपूर्ण रखने के प्रयास।
यह रिपोर्ट घटना को गोलीबारी से ज्यादा “हैवानियतपूर्ण पिटाई” की ओर इशारा करती है, जो साजिश की आशंका बढ़ाती है।







