नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया है. नेशनल हेराल्ड केस में पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर छानबीन चल रही है. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने इसी मामले में नए सिरे से FIR दर्ज की है. ऐसे में नेशनल हेराल्ड केस मामले में आने वाले दिनों में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
EOW ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा उनके 6 अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठान (business entities) के नाम भी शामिल हैं. आरोप है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को धोखे से एक्वायर करने के लिए आपराधिक साजिश रची गई थी, जिनमें ये सभी शामिल थे. यह अधिग्रहण यंग इंडियन के जरिये किया गया था, जिसमें गांधी परिवार की 76 फीसद हिस्सेदारी (shareholding) है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से 3 अक्टूबर 2025 को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ नई एफआईआर की गई.’टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस EOW की ओर से यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मुख्यालय जांच इकाई (Headquarters Investigative Unit) की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है.
शिकायत में 2008 से 2024 तक नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच से जुड़े विस्तृत ब्योरे शामिल हैं. PMLA की धारा 66(2) के तहत जानकारी साझा करने का मतलब है कि ED किसी दूसरी एजेंसी से कह सकती है कि वह एक केस दर्ज करे और उसकी जांच शुरू करे. वही केस फिर ED की अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के लिए जरूरी ‘मुख्य अपराध’ (predicate offence) बन जाता है. मतलब कि इस आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी अपने स्तर पर छानबीन शुरू कर सकती है.
नेशनल हेराल्ड मामले में ED की चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच पूर्व BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत और 2014 में पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उसकी स्वीकार्यता पर आधारित है. इस मामले में ED ने 9 अप्रैल को गांधी परिवार और अन्य आरोपियों के खिलाफ PMLA के तहत एक अभियोजन शिकायत मतलब चार्जशीट दायर की थी, जिसे राउज एवेन्यू स्थित विशेष MP/MLA अदालत में पेश किया गया है. अदालत ने अभी इस पर संज्ञान नहीं लिया है.
चौंकाने वाली बात यह है कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज नई एफआईआर के बारे में कांग्रेस पार्टी को पता ही नहीं है. कांग्रेस लगातार इन आरोपों को गलत बताती रही है और कहती है कि ईडी सरकार के इशारे पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही है. पार्टी ने कहा कि उसे नई एफआईआर के बारे में कोई सूचना नहीं है.
दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज FIR में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा तीन अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा का नाम भी है. FIR में तीन कंपनियों एजेएल, यंग इंडियन और डॉटेक्स मर्चेंडाइज़ प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी शामिल हैं. आरोप है कि कोलकाता स्थित यह शेल कंपनी यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये देती है, जिसके जरिए गांधी परिवार ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये देकर AJL को हासिल किया.
दिल्ली पुलिस EOW का अगला कदम क्या होगा?
सूत्रों ने बताया कि पुलिस जल्द ही एजेएल (AJL) के शेयरधारकों को पूछताछ के लिए बुला सकती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कांग्रेस ने कंपनी को ‘यंग इंडियन’ को सौंपने से पहले उनसे सलाह ली थी या उनकी मंजूरी ली थी या नहीं. यंग इंडियन कंपनी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली है. सूत्रों के मुताबिक, यंग इंडियन (जिसकी कोई ज्ञात कारोबारी गतिविधि नहीं है) को साल 2017-18 में 18 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में मिले थे, जो 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय था.
इसी दौरान, एजेएल (जो उस समय तक गांधी परिवार के नियंत्रण में आ चुकी थी) को 38 करोड़ रुपये अग्रिम किराए के रूप में मिले और 2017-18 से 2020-21 के बीच उसके अख़बारों में प्रकाशित विज्ञापनों से 29.5 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. ईडी की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में आरोप है कि ये सभी लेन-देन फर्जी थे और दोनों संस्थाओं द्वारा अन्य जगहों पर दिए गए बयानों से मेल नहीं खाते. एफआईआर में शिकायत के हवाले से कहा गया है कि कथित ‘अपराध से हुई कमाई’ (proceeds of crime) कुल 988 करोड़ रुपये है.







