Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राजनीति

मोदी सरकार की तीसरी बार वापसी से विपक्षी दलों को मजबूती?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
August 23, 2024
in राजनीति, राष्ट्रीय, विशेष
A A
Modi government
16
SHARES
532
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर


नई दिल्ली: लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर पंडित जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार और विपक्ष की भी तस्वीर बदली-बदली-सी नजर आ रही है। 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों से बहुमत के लिए राजग के सहयोगी दलों पर बढ़ी निर्भरता के बावजूद नरेंद्र मोदी ने इसे निरंतरता का जनादेश बताया था। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की 234 सीटों के मुकाबले राजग को मिली 293 सीटों के मद्देनजर वह गलत भी नहीं थे, मगर भाजपा के बहुमत से चूक जाने पर विपक्ष के तेवर इतने आक्रामक हो जाएंगे, इसका अनुमान शायद उन्हें भी न रहा होगा। सरकार में प्रमुख मंत्री वही हैं। विपक्ष में भी ज्यादातर नेता वही हैं, लेकिन समीकरण और संतुलन बदल गया दिखता है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल को छोड़ भी दें, तो बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ग्यारहवां साल है। पिछले दस साल के प्रधानमंत्रित्व काल में यह कल्पना भी मुश्किल लगी कि विपक्ष उनके ऊपर किसी मुद्दे पर दबाव भी बना सकता है, लेकिन महज ढाई महीने की तीसरी पारी में चौथी बार सरकार को अपने फैसले से कदम वापस खींचने पड़े हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में लेटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लेना ऐसा ही चौथा कदम है।

इन्हें भी पढ़े

Attack-in-Pahalgam

पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

August 1, 2025
Supreme court

पूरा हिमाचल गायब हो जाएगा… सुप्रीम कोर्ट ने क्यों चेताया?

August 1, 2025
india turkey trade

भारत से पंगा तुर्की को पड़ा महंगा, अब बर्बादी तय

August 1, 2025
fund

टैरिफ वार : सरकार के थिंक टैंक ने बढ़ा दी चिंता!

August 1, 2025
Load More

विवादास्पद कानूनों पर सरकार का रुख!

ध्यान रहे कि इससे पहले लांग टर्म कैपिटल गेन संबंधी अपने बजटीय प्रावधान में सरकार को संशोधन करना पड़ा, तो वक्फ बोर्ड संबंधी विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजना पड़ा। चर्चित ब्रॉडकास्टर्स बिल भी फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल देना पड़ा है। मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल के मद्देनजर देखें, तो ये कोई बहुत बड़े फैसले नहीं नजर आते। दूसरे कार्यकाल में तो विवादास्पद कृषि कानूनों से लेकर तीन तलाक और अनुच्छेद 370 की समाप्ति जैसे दूरगामी असर वाले निर्णय लिए गए थे। बेशक तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए गए, लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से भी ज्यादा चले किसान आंदोलन के दबाव में, न कि विपक्ष के। सीएए जैसे मुद्दे पर भी विपक्ष के बजाय नागरिक संगठनों का विरोध ज्यादा मुखर नजर आया, पर वह भी बेअसर ही साबित हुआ। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की बात करें, तो नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों पर भी विपक्ष ने शोर तो मचाया, पर उसकी सुनी नहीं गई। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि सरकार के सारे फैसले सही नहीं थे। कुछ फैसले ऐसे होते हैं, जिनके सही या गलत होने का आकलन इतिहास करता है। फिर भी, तीसरी पारी में सरकार और विपक्ष के तेवर परस्पर बदल गए लगते हैं, तो उसका कारण 18 वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम के अलावा दूसरा नहीं दिखता। पहले कार्यकाल में भाजपा को 282 सीटों के साथ अकेले दम बहुमत हासिल था, तो दूसरे कार्यकाल में उसकी सीटें बढ़कर 303 हो गईं। राज्यसभा में भी गणित अनुकूल था।

लोकसभा में विपक्ष मजबूत स्थिति में!

इसीलिए नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के उस परंपरागत एजेंडे पर भी बेहिचक आगे बढ़ते दिखे, जिसे अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे विराट व्यक्तित्व ने भी अपने प्रधानमंत्रित्व काल में सहयोगियों के समर्थन की खातिर ‘शासन के एजेंडे’ के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। 16वीं और 17 वीं लोकसभा के मुकाबले 18वीं लोकसभा में निरंतरता के जनादेश के बावजूद यह समीकरण तो बदला ही है कि 240 सीटों पर सिमट गई भाजपा 272 के बहुमत के आंकड़े के लिए तेलुगु देशम पार्टी, जद-यू और लोजपा (रामविलास) जैसे सहयोगी दलों पर निर्भर है, जबकि ‘इंडिया’ गठबंधन की 234 सीटों के साथ लोकसभा में विपक्ष मजबूत स्थिति में है। नई लोकसभा के पहले और दूसरे सत्र में विपक्ष की तकरीरों और तेवरों से भी साफ है कि वह आक्रामकता के मामले में सत्ता पक्ष से आगे निकलने को बेताब है। शायद बदले समीकरण का परिणाम है कि पिछली लोकसभा में अडानी समूह की बाबत हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर जेपीसी की मांग अनसुनी कर देने वाली मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड संबंधी बिल को जेपीसी को भेजने में ज्यादा ना-नुकुर नहीं की।

विरोधियों की चिंता सरकारी नौकरियों में आरक्षण!

वैसे वक्फ बोर्ड और लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भाजपा को सहयोगी दलों का समर्थन भी हासिल नहीं हुआ। वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर तो चिराग पासवान ही मुखर दिखे, पर लेटरल एंट्री के मुद्दे पर जद-यू के स्वर भी विरोध में सुनाई दिए। हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी विशेषज्ञता के नाम पर लेटरल एंट्री के पक्ष में नजर आई। विरोधियों की चिंता सरकारी नौकरियों में आरक्षण और सामाजिक न्याय को लेकर मुखर हुई, लेकिन जद-यू नेता के सी त्यागी ने साफ कहा कि हम विपक्ष को ऐसा मुद्दा तश्तरी में रखकर नहीं दे सकते। उन्होंने यह भी आशंका जता दी कि इससे तो राहुल गांधी सामाजिक रूप से वंचितों के चैंपियन बन जाएंगे, हम विपक्ष के हाथों में ऐसा हथियार नहीं दे सकते। ध्यान रहे कि सबसे पहले राहुल गांधी ने ही आरक्षण समाप्त करने की साजिश बताते हुए संघ लोक सेवा आयोग के उस विज्ञापन का विरोध किया था, जिसके जरिये 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप- सचिव स्तर पर 45 लोगों की सीधी भर्ती होनी थी। ये पद मूलतः आईएएस के लिए हैं, जिनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग एक तय प्रक्रिया से करता है और उसमें बाकायदा आरक्षण लागू रहता है। लेटरल एंट्री में सिर्फ साक्षात्कार के जरिये सीधी भर्ती होती है, जिसमें आरक्षण का प्रावधान नहीं होता है। इसीलिए यह मुद्दा भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ ही आरक्षण से भी जुड़ा था। आरक्षण सीधा वोटबैंक से जुड़ता है, इसलिए यह मुख्य मुद्दा बन गया।

मोदी सरकार ओर बीजेपी पर संविधान बदलने का आरोप?

दरअसल, लेटरल एंट्री के मुद्दे पर मोदी सरकार द्वारा कदम पीछे खींचने के मूल में विपक्ष व सहयोगियों के विरोध से ज्यादा आरक्षण के मुद्दे पर खुद को कठघरे में खड़ा किए जाने के राजनीतिक नुकसान की चिंता रही है। जाति गणना समेत तमाम मुद्दों के जरिये मोदी सरकार और भाजपा पर आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने की साजिश के आरोप 18 वीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लगाए गए थे। चुनावी पंडितों के साथ ही संघ और भाजपा से जुड़े वरिष्ठ लोग भी मानते हैं कि इस बार अकेले दम बहुमत से चूक जाने में विपक्ष के प्रचार की बड़ी भूमिका रही। सही है कि लेटरल एंट्री से पहले भी विशेषज्ञ नौकरशाही में आते रहे हैं। दूसरे प्रशासनिक सुधार । दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी कुछ सिफारिशें की थीं और छठे वेतन आयोग ने भी, पर ऐसे संवेदनशील विषय को चर्चा से दूर रखने के राजनीतिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं, यह सरकार को तीन दिन में ही समझ में आ गया और 17 अगस्त को जारी विज्ञापन 20 अगस्त को वापस ले लिया गया।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Siddaramaiah DK Shivakumar

कर्नाटक के विकास में और कितने स्पीडब्रेकर?

July 27, 2023
lalu prasad

‘क्या हैं नरेंद्र मोदी’ हम मिलकर लड़ेंगे और इनको हटाएंगे

December 18, 2023
WCL

वेकोलि को मिला ‘स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड’

September 8, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ
  • प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार
  • पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.