पश्चिम बंगाल सरकार में नंबर दो की हैसियत के मंत्री पार्था चटर्जी पूरी तरह से अलग थलग पड़ गए हैं। ममता बनर्जी ने दो टूक अंदाज में कहा कि अगर उन्होंने गलत किया है तो उनको सजा मिलनी चाहिए। इससे पहले ममता बनर्जी के कई मंत्री इस किस्म के विवादों में फंसे और हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए पर ममता ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा। कुछ समय पहले सीबीआई ने उनके मंत्रियों को हिरासत में लिया था तब वे सीबीआई के कार्यालय पहुंच गई थीं और कई घंटे वहां बैठी रही थीं। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सडक़ों पर प्रदर्शन किया। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है। पार्था चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और तृणमूल कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी पर कोई सवाल नहीं उठाया।
तभी सवाल है कि ऐसा क्यों हुआ? क्या यह पार्टी के अंदर किसी आंतरिक खींचतान की वजह से है या पार्था चटर्जी बलि का बकरा बने हैं? बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को बचाने के प्रयास के तहत पार्था की बलि हुई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्था चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के बारे में केंद्रीय एजेंसियों को सूचना पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से ही गई थी। अर्पिता मुखर्जी के घर में 20 करोड़ से ज्यादा नकद रकम होने की सूचना भी जान बूझकर लीक की गई थी। हालांकि पार्था की गिरफ्तारी इस बात की गारंटी नहीं है कि कोयले की तस्करी या धन शोधन के मामले में अभिषेक और उनकी पत्नी की जानबख्शी हो जाएगी। लेकिन इतना जरूर है कि पश्चिम बंगाल में कुछ असामान्य सी राजनीति हो रही है।