नई दिल्ली: लोकसभा में भारत सरकार के बयान के बाद पाकिस्तान फिर गीदड़ भभकी पर उतर आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने भारतीय संसद में हुई चर्चा के दौरान लगाए गए आरोपों को ‘निराधार’ बताया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी भी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दुनिया जानती है कि भारत ने पाकिस्तान पर पहलगाम हमले को लेकर बगैर किसी सबूत या भरोसेमंद जांच के पाकिस्तान पर हमला कर दिया…। भारत अपनी किसी भी रणनीति उपलब्धि को हासिल करने में असफल रहा। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय लड़ाकू विमानों और सैन्य ठिकानों को तबाह करने में पाकिस्तान की सफलता एक निर्विवाद सत्य है।’
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान सरकार के बयान में इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय अधिकारियों को उनके सशस्त्र बलों को हुए नुकसान को मानना चाहिए। साथ ही कहा कि ‘सीजफायर तय करने में तीसरे पक्ष की भूमिका को भी स्वीकार करना चाहिए।’ खास बात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने व्यापार के जरिए दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष रुकवाया है।
भारत ने किया साफ
पीएम मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया, साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इस अभियान के दौरान पूरी दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन जवानों के पराक्रम को मुख्य विपक्षी दल का समर्थन नहीं मिला।
उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों और इसे लेकर विपक्षी दलों के सवालों की पृष्ठभूमि में कहा, ‘दुनिया के किसी भी नेता ने हमें ऑपरेशन (सिंदूर) रोकने के लिए नहीं कहा।’ मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की सेना ने 22 मिनट में 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ और तय कार्रवाई के अनुसार लिया।