नई दिल्ली। दुनियाभर में आठ जंग रुकवाने का क्रेडिट लेने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्या नौंवी जंग भी रुकवाएंगे? क्या अफगानिस्तान और पाकिस्तान की जंग रुकवाकर ट्रंप एक और क्रेडिट लेने जा रहे हैं? अफगानिस्तान के साथ झड़प और अस्थाई सीजफायर से उपजे तनाव के बीच पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगी है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मध्यस्थता करने का अनुरोध किया. उन्होंने चापलूसी भरे लहजे में कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति युद्धों के लिए जिम्मेदार रहे हैं. लेकिन ट्रंप अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने युद्ध रुकवाए हैं. बीते 15 से 20 साल में अमेरिका ने युद्ध स्पॉन्सर किए हैं लेकिन ट्रंप पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने शांति वार्ता की है. अगर वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान युद्ध में मध्यस्थता करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है.
दरअसल ट्रंप ने पिछले हफ्ते संकेत दिए थे कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान जंग में हस्तक्षेप कर शांति लाने में मदद कर सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मिस्र में गाजा पीस समिट के दौरान कहा था कि मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है. मुझे वापस लौटने तक इंतजार करना पड़ेगा. मैं एक और युद्ध रुकवाऊंगा क्योंकि में युद्ध रुकावने में माहिर हूं.
ख्वाजा आसिफ ने संदेह जताते हुए कहा कि तालिबान सरकार भारत की ओर से प्रॉक्सी वॉर लड़ रही है. उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि अगर सीजफायर आगे बढ़ता है क्योंकि तालिबान का फैसला भारत से स्पॉन्सर हो रहा है. फिलहाल, काबुल भारत के लिए प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है. तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत के एक हफ्ते के दौरे से लौटे हैं. ऐसे में देखा जाना है कि वह क्या प्लान लेकर लौटे हैं.
क्या ट्रंप का कोई हिडन एजेंडा है?
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या इसके पीछे ट्रंप का कोई हिडन एजेंडा है. पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका काबुल के पास अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्जा करना चाहता है. यह एयरबेस उस जह से लगभग घंटेभर की दूरी पर है, जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है. हालांकि, तालिबान ने बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंपे जाने से इनकार किया था.