प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए, जिसके बाद भारत ने सैन्य, कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर कड़े कदम उठाए हैं। इस विशेष विश्लेषण में हम उन हथियारों और रणनीतियों पर नजर डालेंगे, जो भारत के जवाबी कार्रवाई को और मजबूत कर रहे हैं, खासकर राफेल और अन्य उन्नत हथियारों के संदर्भ में, जो पाकिस्तान की रक्षा रणनीति के लिए चुनौती बन सकते हैं।
भारत ने आतंक पर तत्काल कदम उठाए !
पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस हमले को भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा है। हमले के बाद भारत ने तत्काल कदम उठाए भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही, सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कदमों से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया। भारतीय सेना ने सीमा पर सतर्कता बढ़ाई, और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा की। हमले के तुरंत बाद, भारत ने फ्रांस के साथ 26 राफेल-एम (मरीन) फाइटर जेट्स की 63,000 करोड़ रुपये की डील फाइनल की, जो भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाएगी।
राफेल पाकिस्तान के लिए गेम-चेंजर !
राफेल फाइटर जेट भारत की सैन्य रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 36 राफेल जेट्स हैं, जो अंबाला और हाशिमारा बेस से संचालित होते हैं। अब 26 राफेल-एम जेट्स की डील ने भारत की समुद्री और हवाई ताकत को और बढ़ा दिया है। राफेल एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसमें AESA रडार और स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम है, जो इसे स्टील्थ क्षमता प्रदान करता है। यह हवा, जमीन और समुद्र में एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है।
राफेल मेटियोर (190 किमी रेंज), स्कैल्प (300 किमी रेंज), और एक्सोसेट मिसाइलों से लैस है, जो बिना सीमा पार किए गहरे अंदर तक हमला कर सकती हैं। राफेल-एम को विशेष रूप से INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे विमानवाहक पोतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह नौसेना को समुद्री निगरानी, जासूसी, और एंटी-शिप वॉरफेयर में अभूतपूर्व ताकत देगा। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग में राफेल (9/10) को पाकिस्तान के F-16 (7.8/10) से कहीं बेहतर माना गया है, खासकर हथियारों और तकनीक के मामले में।
पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली ताकत !
पहलगाम हमले के बाद राफेल और सुखोई-30 जेट्स के साथ भारतीय वायुसेना ने युद्धाभ्यास तेज कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली ताकत। राफेल के अलावा, भारत के पास कई अन्य उन्नत हथियार और रक्षा प्रणालियां हैं, जो पाकिस्तान के लिए खतरा बन सकती हैं: S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम: यह हवाई रक्षा प्रणाली 400 किमी की रेंज में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को नष्ट कर सकती है। यह पाकिस्तान के F-16 और मिसाइल हमलों को बेअसर करने में सक्षम है।
तटीय-सैन्य ठिकानों को तुरंत निशाना !
भारतीय नौसेना ने अरब सागर में INS सूरत से मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जिसकी रेंज 70 किमी है। यह समुद्री खतरों को रोकने में कारगर है। भारत ने हाल के वर्षों में ड्रोन तकनीक, सटीक गोला-बारूद, और हाई-टेक निगरानी सिस्टम में भारी निवेश किया है। पहलगाम हमले में ड्रोन से हथियारों की तस्करी की आशंका के बाद भारत इसरो की मदद से संदिग्ध रेडियो सिग्नल्स की जांच कर रहा है। 400 किमी रेंज वाली यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जमीन, समुद्र, और हवा से लॉन्च की जा सकती है। यह पाकिस्तान के तटीय और सैन्य ठिकानों को तुरंत निशाना बना सकती है। तेजस (LCA) और अन्य स्वदेशी मानवरहित सिस्टम भारत की सैन्य क्षमता को और मजबूत कर रहे हैं।
पाकिस्तान की रणनीति और कमजोरियां !
पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाए हैं, जैसे कराची से 18 फाइटर जेट्स तैनात करना, नो-फ्लाई ज़ोन घोषित करना, और 480 किमी रेंज वाली नई मिसाइल का टेस्ट करने की तैयारी। हालांकि, पाकिस्तान की सैन्य और आर्थिक स्थिति भारत की तुलना में कमजोर है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है, जिसके कारण हथियारों की खरीद और रखरखाव में दिक्कतें हैं। पाकिस्तान के ज्यादातर फाइटर जेट्स (F-16, JF-17) पुरानी तकनीक पर आधारित हैं और राफेल जैसे आधुनिक जेट्स का मुकाबला करने में कमजोर हैं।
पाकिस्तान की यह रणनीति कमजोर
भारत ने 20 देशों के राजनयिकों को पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ जानकारी देकर वैश्विक समर्थन जुटाया है, जबकि पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से कमजोर पड़ रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका जताई है और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत के सामने पाकिस्तान की यह रणनीति कमजोर पड़ सकती है।
भारत के संभावित विकल्प क्या ?
पहलगाम हमले के बाद भारत कई स्तरों पर कार्रवाई पर विचार कर रहा है 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की तरह राफेल और सुखोई जेट्स से आतंकी ठिकानों पर हमला संभव है। सीमा पार आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाने के लिए विशेष बलों का इस्तेमाल। INS विक्रांत और राफेल-एम की तैनाती से भारत पाकिस्तान के समुद्री मार्गों को नियंत्रित कर सकता है। ब्रह्मोस और ड्रोन जैसे हथियारों से सटीक हमले किए जा सकते हैं। सिंधु जल संधि को पूरी तरह रोककर और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करके भारत दबाव बढ़ा सकता है।
क्यों डरा हुआ है पाकिस्तान ?
पहलगाम हमले के बाद भारत की त्वरित और आक्रामक प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को कई मोर्चों पर बैकफुट पर ला दिया है। राफेल-एम की डील, INS विक्रांत की तैनाती, और S-400 जैसे हथियारों ने भारत की सैन्य श्रेष्ठता को और मजबूत किया है। पाकिस्तान के पास न तो भारत के राफेल का मुकाबला करने की तकनीक है और न ही भारत के कूटनीतिक दबाव का जवाब देने की स्थिति। सोशल मीडिया पर भी भारतीय सेना की तैयारियों और राफेल की ताकत की चर्चा ने पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है।
आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई !
पहलगाम हमले ने भारत को एक बार फिर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया है। राफेल, S-400, ब्रह्मोस, और INS विक्रांत जैसे हथियार भारत को हवा, जमीन, और समुद्र में अभूतपूर्व ताकत दे रहे हैं। इन हथियारों के साथ भारत न केवल आतंकियों, बल्कि उनके आकाओं को भी कड़ा सबक सिखाने की स्थिति में है। पाकिस्तान की धमकियां और सैन्य तैयारियां भारत की रणनीतिक और सैन्य बढ़त के सामने कमजोर पड़ रही हैं। आने वाले दिन इस तनाव के नए मोड़ को उजागर करेंगे, लेकिन भारत की तैयारियां और हथियारों की ताकत निश्चित रूप से पाकिस्तान की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं।