नई दिल्ली: पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से कभी भी बाज नहीं आ सकता है. पाकिस्तानी सेना अब लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़ी ‘द रेजिस्टेंट फोर्स’ नाम की आतंकी संस्था को समर्थन दे रही है. आजतक को मिली सूत्रों की जानकारी के अनुसार, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने मुख्यालय को मुरीदके से बहावलपुर ले जाने की तैयारी कर रहा है.
भारतीय खुफिया एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी से नजर बनाए हुए है. एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना चाहती है कि लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंट फोर्स का मुख्यालय एक ही जगह ‘बहावलपुर’ में हो, ताकि दोनों संगठनों को आसानी से संभाला जा सके और उनके बीच तालमेल बढ़ाया जा सके.
यह घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे आतंकवादी गतिविधियों को नया बल मिल सकता है और सीमापार से खतरा और बढ़ सकता है.
ऑपरेशन सिंदूर में बहावलपुर और मुरीदके पर हमला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी घटना में 26 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान को उसी के भाषा में जवाब दिया था.
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित दो बेहद संवेदनशील आतंकी ठिकानों – मुरीदके और बहावलपुर – को निशाना बनाया था. बहावलपुर और मुरीदके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ड्रोन, रॉकेट या मिसाइल हमले किए गए थे. पाकिस्तान की ओर से इन घटनाओं को लेकर कोई औपचारिक स्वीकारोक्ति नहीं दी गई है, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर विस्फोट की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुईं थी.