प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 35 मिनट की फोन कॉल पर बातचीत की। इस कॉल का आग्रह ट्रंप की ओर से था, जो जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान तय मुलाकात रद्द होने के बाद हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बातचीत का विवरण साझा किया।
मध्यस्थता पर भारत का स्पष्ट रुख
पीएम मोदी ने ट्रंप को दो टूक कहा कि “भारत ने भारत-पाकिस्तान के बीच कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और न ही भविष्य में करेगा। यह बयान ट्रंप के उन दावों के जवाब में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। ट्रंप ने 13 बार यह दावा किया था कि उनकी वजह से युद्ध रुका।
ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर
पीएम मोदी ने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर, जो 6-7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर लक्षित सैन्य कार्रवाई थी, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था।सीजफायर पाकिस्तान की अपील पर हुआ, जब उपराष्ट्रपति जेडी वॉन्स ने कॉल किया और पाकिस्तान ने तनाव कम करने का आग्रह किया। मोदी ने स्पष्ट किया कि “सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य चैनलों के माध्यम से द्विपक्षीय बातचीत हुई, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
आतंकवाद पर भारत का रुख
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि युद्ध के रूप में देखता है। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और भारत भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ा जवाब देगा।उन्होंने ट्रंप को बताया कि “भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को।
ट्रंप का अमेरिका आने का न्योता
ट्रंप ने पीएम मोदी से कनाडा से लौटते समय अमेरिका रुकने का आग्रह किया, लेकिन मोदी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। मोदी ने ट्रंप को भारत में QUAD शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने पर सहमति जताई।
दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व में इजरायल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की। रूस-यूक्रेन मुद्दे पर दोनों ने सहमति जताई कि शांति के लिए दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत जरूरी है।
ट्रंप के दावों का खंडन !
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-अमेरिका ट्रेड डील या मध्यस्थता जैसे विषयों पर कोई बातचीत नहीं हुई। ट्रंप के बार-बार सीजफायर का श्रेय लेने पर भारत ने कहा कि यह पूरी तरह द्विपक्षीय फैसला था।
पहलगाम हमला: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद माना।
ऑपरेशन सिंदूर: 6-7 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसने पाकिस्तान के सैन्य और आतंकी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
सीजफायर: 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद सीजफायर की घोषणा हुई।
भारत का क्या संदेश ?
पीएम मोदी ने ट्रंप से बातचीत में भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, और भारत अपनी शर्तों पर जवाब देगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति और स्वदेशी हथियारों की ताकत दिखाई।
ट्रंप की भूमिका और विवाद
ट्रंप ने सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। कुछ भारतीयों और विपक्षी नेताओं ने ट्रंप के दावों पर नाराजगी जताई, इसे भारत की स्वतंत्र नीति पर सवाल उठाने की कोशिश माना।
पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को सबक सिखाने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को मजबूत करने का प्रतीक है। यह बातचीत भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत को दर्शाती है।