प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्राजील के रियो डि जिनेरियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती करार दिया और कहा कि “आतंकवाद के पीड़ित और इसके समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता।” यह बयान विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के संदर्भ में था, जिसे उन्होंने भारत की आत्मा पर हमला बताया।
There must be absolutely no hesitation in imposing sanctions against terrorists. We cannot weigh victims of terrorism and its supporters on the same scale. Any silent support or approval to terrorism for personal or political interests must be unacceptable.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2025
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस
पीएम मोदी ने कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। उन्होंने दोहरे मानदंडों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर शब्दों और कार्यों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।”
ब्रिक्स घोषणापत्र में पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। पीएम मोदी ने इसे न केवल भारत पर, बल्कि पूरी मानवता पर हमला बताया। उन्होंने इस हमले का जिक्र करते हुए आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार न करने की बात दोहराई। पीएम ने स्पष्ट किया कि “आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को बेनकाब करना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी ओर इशारा किया, यह कहते हुए कि भारत आतंकवाद का शिकार है, जबकि कुछ देश इसका समर्थन करते हैं।”
आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध
पीएम मोदी ने आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में किसी भी तरह की हिचकिचाहट को अस्वीकार्य बताया। उन्होंने वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। वैश्विक एजेंडा तय करना: पीएम मोदी ने ब्रिक्स मंच का उपयोग आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाने के लिए किया। उनके संबोधन में आतंकवाद को निजी स्वार्थ के लिए समर्थन देने की प्रवृत्ति को अमान्य करार दिया गया।
ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) ने अपने घोषणापत्र में आतंकवाद की सभी रूपों में निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताया। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि इस मंच पर पाकिस्तान की मौजूदगी के बावजूद आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया गया।
Addressed the BRICS Summit Plenary session on ‘Strengthening Multilateralism, Economic-Financial Affairs, and Artificial Intelligence.’ Focused on how to make the BRICS platform even more effective in this increasingly multipolar world. Also gave a few suggestions which are… pic.twitter.com/zRqyEa9q2v
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला, जिसमें नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया गया, इस चर्चा का केंद्र बिंदु रहा। पीएम ने इसे कायरतापूर्ण और मानवता पर हमला बताया। बिना नाम लिए पीएम मोदी ने उन देशों को आड़े हाथों लिया जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। यह भारत की उस नीति को दर्शाता है जो आतंकवाद के प्रायोजकों को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने पर जोर देती है। पीएम मोदी का यह संबोधन न केवल भारत की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि ब्रिक्स जैसे मंचों के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को स्पष्ट करते हुए वैश्विक समुदाय से एकजुटता की अपील की। उनके बयान “आतंकवाद के पीड़ित और समर्थक एक तराजू पर नहीं तौले जा सकते” ने आतंकवाद के प्रति भारत की नीति और वैश्विक मंच पर उसकी नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया।