प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के लिए अपने बेलआउट कार्यक्रम के अगले हिस्से की रिलीज के लिए 11 नई शर्तें लागू की हैं, जिससे कुल शर्तों की संख्या 50 हो गई है। इसके अतिरिक्त, IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को बेलआउट कार्यक्रम के वित्तीय, बाहरी और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम के रूप में चिह्नित किया है।
क्या हैं IMF की 11 नई शर्तें ?
17.6 ट्रिलियन रुपये के बजट की संसदीय मंजूरी: पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 17.6 ट्रिलियन रुपये (लगभग 62.2 बिलियन डॉलर) का संघीय बजट, जिसमें 1.07 ट्रिलियन रुपये विकास व्यय के लिए हैं, जून 2025 तक IMF के लक्ष्यों के अनुरूप संसद से पारित करना होगा। इसमें 8.7 ट्रिलियन रुपये ब्याज व्यय, 2.1 ट्रिलियन रुपये का प्राथमिक बजट अधिशेष, और 6.6 ट्रिलियन रुपये का कुल घाटा शामिल है। चारों प्रांतों को जून 2025 तक नए कृषि आयकर कानून लागू करने होंगे। इसमें कर रिटर्न प्रोसेसिंग, करदाता पहचान और पंजीकरण, जन जागरूकता अभियान, और अनुपालन सुधार के लिए एक डिजिटल मंच स्थापित करना शामिल है।
IMF के गवर्नेंस डायग्नोस्टिक मूल्यांकन के आधार पर एक शासन सुधार योजना प्रकाशित करनी होगी, जो महत्वपूर्ण शासन कमजोरियों को दूर करने के लिए सुधार उपायों की पहचान करेगी। बिजली टैरिफ रिबेसिंग लागत वसूली सुनिश्चित करने के लिए 1 जुलाई, 2025 तक वार्षिक बिजली टैरिफ रिबेसिंग की अधिसूचना जारी करनी होगी। लागत वसूली के लिए 15 फरवरी, 2026 तक अर्ध-वार्षिक गैस टैरिफ समायोजन की अधिसूचना जारी करनी होगी।
संसद को कैप्टिव पावर लेवी अध्यादेश !
कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी करना मई 2025 के अंत तक संसद को कैप्टिव पावर लेवी अध्यादेश को स्थायी करने के लिए कानून पारित करना होगा, ताकि औद्योगिक ऊर्जा उपयोग को राष्ट्रीय ग्रिड की ओर स्थानांतरित किया जा सके। बिजली क्षेत्र की अक्षमताओं के लिए ईमानदार उपभोक्ताओं को दंडित करने वाले 3.21 रुपये प्रति यूनिट की ऋण सेवा अधिभार की सीमा को जून 2025 तक हटाने के लिए कानून पारित करना होगा। विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्र (STZ) प्रोत्साहन समाप्त करना 2035 तक विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों और अन्य औद्योगिक पार्कों के लिए सभी प्रोत्साहनों को समाप्त करने की योजना वर्ष के अंत तक तैयार करनी होगी।
पुरानी गाड़ियों के आयात पर प्रतिबंध हटाना !
पुरानी गाड़ियों के आयात पर प्रतिबंध हटाना जुलाई 2025 तक संसद को पांच साल से कम पुरानी गाड़ियों के वाणिज्यिक आयात पर सभी मात्रात्मक प्रतिबंध हटाने के लिए कानून प्रस्तुत करना होगा। वर्तमान में केवल तीन साल से कम पुरानी गाड़ियों के आयात की अनुमति है। वित्तीय क्षेत्र रणनीति (2028 से आगे) 2027 के बाद के लिए वित्तीय क्षेत्र की संस्थागत और नियामक ढांचे की रूपरेखा तैयार करने वाली एक दीर्घकालिक रणनीति योजना जून 2026 तक तैयार और प्रकाशित करनी होगी। नकद हस्तांतरण कार्यक्रम में मुद्रास्फीति समायोजन बेनज़ीर आय सहायता कार्यक्रम जैसे बिना शर्त नकद हस्तांतरण कार्यक्रमों में लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति बनाए रखने के लिए वार्षिक मुद्रास्फीति समायोजन देना होगा।
भारत-पाकिस्तान तनाव पर IMF की चेतावनी !
IMF के स्टाफ-स्तरीय रिपोर्ट (17 मई, 2025 को जारी) में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव, यदि यह बना रहा या और बिगड़ गया, तो कार्यक्रम के वित्तीय, बाहरी और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ा सकता है। रिपोर्ट में उल्लेख है कि पिछले दो हफ्तों में तनाव काफी बढ़ा है, हालांकि बाजार की प्रतिक्रिया अब तक सीमित रही है, जिसमें स्टॉक मार्केट ने अपनी हाल की बढ़त को बरकरार रखा है और स्प्रेड्स मामूली रूप से बढ़े हैं।
रक्षा बजट पर टिप्पणी!
IMF ने पाकिस्तान के 2025-26 के रक्षा बजट को 2.414 ट्रिलियन रुपये (लगभग 8.5 बिलियन डॉलर) अनुमानित किया है, जो पिछले वर्ष से 252 बिलियन रुपये या 12% अधिक है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ हाल के सैन्य तनाव (मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर) के बाद 2.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक, यानी 18% अधिक आवंटन का संकेत दिया है। IMF ने चेतावनी दी है कि रक्षा खर्च में वृद्धि आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।
बेलआउट कार्यक्रम का विवरण
IMF ने 9 मई, 2025 को 7 बिलियन डॉलर के विस्तारित कोष सुविधा (EFF) के तहत 1 बिलियन डॉलर (लगभग 760 मिलियन SDR) की तत्काल रिलीज को मंजूरी दी, जिससे कुल रिलीज 2.1 बिलियन डॉलर हो गई। इसके अतिरिक्त, IMF ने 1.4 बिलियन डॉलर की रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) को मंजूरी दी, जो जलवायु लचीलापन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए है। यह कार्यक्रम 37 महीने का है और सितंबर 2024 में शुरू हुआ, जिसमें छह समीक्षाएं शामिल हैं। अगली समीक्षा सितंबर 2025 में होगी।
भारत का विरोध और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था !
भारत ने IMF के इस बेलआउट पर कड़ा विरोध जताया, खासकर ऑपरेशन सिंदूर (7 मई, 2025 को भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर प्रेसिजन स्ट्राइक) के बाद। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि IMF का वित्तीय सहायता आतंकवाद को बढ़ावा देने के समान है। भारत ने IMF की प्रक्रियाओं की प्रभावकारिता और पाकिस्तान के सुधारों के खराब रिकॉर्ड पर सवाल उठाए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दशकों से अस्थिर रही है, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति (2024 में 23.4%) और स्थिर GDP (2023 में 338 बिलियन डॉलर) शामिल है। IMF ने 1958 से अब तक पाकिस्तान को 24 बार बेलआउट दिया है, जो इसकी दीर्घकालिक आर्थिक कमजोरियों को दर्शाता है। IMF और विश्व बैंक ने खराब ऊर्जा नीतियों और शासन की कमी को बिजली क्षेत्र में सर्कुलर डेट (ऋण चक्र) के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
नई शर्तें पाकिस्तान पर आर्थिक अनुशासन !
IMF की नई शर्तें पाकिस्तान पर आर्थिक अनुशासन और सुधारों को लागू करने का दबाव बढ़ाती हैं, खासकर वित्तीय, ऊर्जा, और शासन क्षेत्रों में। भारत-पाकिस्तान तनाव को एक जोखिम के रूप में चिह्नित करना और रक्षा खर्च पर चेतावनी इस बात को रेखांकित करती है कि भू-राजनीतिक अस्थिरता आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। ये शर्तें उपभोक्ताओं पर बिजली बिलों में अधिभार और करों के रूप में अतिरिक्त बोझ डाल सकती हैं, जबकि पुरानी गाड़ियों के आयात जैसी शर्तें कुछ राहत दे सकती हैं।