Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

1962 से 2025 तक नॉर्थ ईस्ट में रेल क्रांति, चिकन नेक कॉरिडोर ने मजबूत की भारत की पकड़!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 8, 2025
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
Railway
16
SHARES
546
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

विशेष डेस्क/नई दिल्ली: 1962 से 2025 तक नॉर्थ ईस्ट में रेलवे विस्तार ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और रणनीतिक स्थिति को काफी मजबूत किया है। ‘चिकन नेक’ कॉरिडोर, जो पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी के पास भारत को नॉर्थ ईस्ट से जोड़ने वाला संकरा गलियारा है, रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इस अवधि में रेलवे नेटवर्क के विस्तार ने न केवल क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत की सीमावर्ती क्षेत्रों में पकड़ को भी मजबूत किया। आइए इस विशेष विश्लेषण को एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से जानते हैं।

प्रारंभिक स्थितिसीमित कनेक्टिविटी

इन्हें भी पढ़े

adi kailash

22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च

November 1, 2025

ट्रंप के बेतुके बयान दरकिनार कर भारत-US ने किया 10 साल का रक्षा समझौता

October 31, 2025
REC

REC और SMFCL ने समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

October 30, 2025
sonika yadav

‘जहां चाह, वहां राह !’ प्रेग्नेंसी के बीच सोनिका यादव ने 145 किलो वज़न उठाकर देश को किया गौरवान्वित

October 30, 2025
Load More

1962 तक नॉर्थ ईस्ट में रेलवे नेटवर्क मुख्य रूप से असम तक सीमित था। ब्रॉड गेज और मीटर गेज लाइनें गुवाहाटी और कुछ अन्य हिस्सों तक थीं, लेकिन अन्य राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में रेल कनेक्टिविटी नगण्य थी।

1962 के भारत-चीन युद्ध ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की भौगोलिक कमजोरी को उजागर किया। यह संकरा गलियारा (20-40 किमी चौड़ा) भारत के मुख्य भूभाग को नॉर्थ ईस्ट से जोड़ने का एकमात्र रास्ता था, जिसे आसानी से निशाना बनाया जा सकता था। रेलवे की कमी के कारण नॉर्थ ईस्ट के लोग मुख्यधारा से कटे हुए थे, जिससे आर्थिक विकास और व्यापार सीमित था।

प्रारंभिक विस्तार असम पर फोकस

1962 के युद्ध के बाद रेलवे विस्तार पर ध्यान बढ़ा। असम में ब्रॉड गेज लाइनों का विस्तार हुआ, विशेष रूप से गुवाहाटी को जोड़ने वाली लाइनों को मजबूत किया गया। अन्य नॉर्थ ईस्ट राज्यों में रेलवे पहुंच धीमी रही। त्रिपुरा में अगरतला तक 1990 के दशक में मीटर गेज लाइन पहुंची, लेकिन अन्य राज्यों में प्रगति न के बराबर थी। इस दौरान सिलीगुड़ी कॉरिडोर में रेलवे और सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिशें शुरू हुईं, क्योंकि यह रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र था।

2000-2014 गति में वृद्धि विशेष प्रोजेक्ट्स

2000 के बाद, भारत सरकार ने नॉर्थ ईस्ट को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए विशेष प्रोजेक्ट्स शुरू किए। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) को इस क्षेत्र में विकास का मुख्य जिम्मेदार बनाया गया। कई मीटर गेज लाइनों को ब्रॉड गेज में बदला गया, जैसे गुवाहाटी-लुमडिंग-डिब्रूगढ़ लाइन। त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय जैसे राज्यों में रेलवे लाइनें बिछाने की शुरुआत हुई। उदाहरण के लिए, अगरतला को 2008 में ब्रॉड गेज से जोड़ा गया। चिकन नेक कॉरिडोर में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए डबल ट्रैकिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन पर काम शुरू हुआ।

तीव्र प्रगति मजबूती नॉर्थ ईस्ट में रेलवे क्रांति

2014 के बाद, भारत सरकार ने नॉर्थ ईस्ट में रेलवे विस्तार को प्राथमिकता दी। ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया गया।सभी राज्यों तक पहुंच: 2025 तक, नॉर्थ ईस्ट के सभी सात राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा) की राजधानियां रेल नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं या जुड़ने की प्रक्रिया में हैं।

मणिपुर की राजधानी इंफाल को 2021 में रेलवे से जोड़ा गया। अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर तक रेल लाइन का विस्तार हुआ, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बढ़ी। मिजोरम और नगालैंड में इन राज्यों में पहली बार रेलवे लाइनें पहुंचीं, जैसे मिजोरम में भैरबी-कटलियाल लाइन। मेघालय में शिलांग के नजदीक रेल कनेक्टिविटी पर काम चल रहा है।

चिकन नेक का मजबूतीकरण

सिलीगुड़ी कॉरिडोर में डबल ट्रैकिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन और आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम ने रेलवे को और सुरक्षित और तेज बनाया। रेलवे विस्तार ने नॉर्थ ईस्ट के उत्पादों (चाय, बांस, हस्तशिल्प) को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने में मदद की। पर्यटन को भी बढ़ावा मिला। रेलवे प्रोजेक्ट्स और संबंधित उद्योगों ने स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाए।

नॉर्थ ईस्ट में रेलवे विस्तार ने भारत की सैन्य और रसद क्षमता को बढ़ाया, जिससे चिकन नेक कॉरिडोर की सुरक्षा मजबूत हुई। रेलवे ने नॉर्थ ईस्ट को देश के मुख्य भूभाग से जोड़कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा दिया। वंदे भारत और तेजस जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत ने नॉर्थ ईस्ट में यात्रा समय को कम किया।

चिकन नेक कॉरिडोर की मजबूती !

चिकन नेक कॉरिडोर भारत को नॉर्थ ईस्ट से जोड़ने का एकमात्र स्थलीय मार्ग है, जो इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। रेलवे के आधुनिकीकरण ने इस क्षेत्र में सैन्य और नागरिक आवाजाही को तेज और सुरक्षित किया। सिलीगुड़ी-न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी लाइन पर डबल ट्रैकिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन ने रेलवे की क्षमता और गति को बढ़ाया। इस कॉरिडोर में नए रेलवे स्टेशनों और माल ढुलाई टर्मिनलों ने व्यापार को बढ़ावा दिया।

पहाड़ी और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रेलवे निर्माण चुनौतीपूर्ण रहा। चिकन नेक कॉरिडोर की रणनीतिक स्थिति के कारण सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती है। रेलवे प्रोजेक्ट्स ने कुछ क्षेत्रों में पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ाईं, जिन्हें संतुलित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएं हाई-स्पीड रेल

नॉर्थ ईस्ट में भविष्य में बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं की संभावना पर विचार हो रहा है। बांग्लादेश और म्यांमार के साथ रेल लिंक की योजनाएं क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ा सकती हैं। हरित ऊर्जा और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग रेलवे को और टिकाऊ बनाएगा।

1962 से 2025 तक नॉर्थ ईस्ट में रेलवे विस्तार ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है। चिकन नेक कॉरिडोर के आधुनिकीकरण और रेलवे नेटवर्क के विस्तार ने न केवल आर्थिक और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत किया। यह क्षेत्र अब पहले से कहीं अधिक सुलभ, समृद्ध और सुरक्षित है और भविष्य में यह प्रगति और तेज होने की उम्मीद है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Army

GST में कटौती कैसे साबित होगा सेना के लिए गेमचेंजर?

September 6, 2025
dattatreya hosabale

हिंदुओं को लेकर RSS के दत्तात्रेय होसबाले ने जताई चिंता!

April 21, 2025

महंगाई का विमर्श

December 31, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • 8 सालों में सबसे अच्छा रहा दिल्ली में इस बार का AQI
  • 22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च
  • कभी नहीं लौटाने होंगे 10 हजार रुपये, 1.50 करोड़ महिलाओं को मिली मदद

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.