मुरार सिंह कंडारी/नई दिल्ली : आनन्द विहार रेलवे परिसर में धन उगाही कर अवैध बसों का संचालन, वैण्डर्स, अवैध कैन्टीन, शौचालयों में भोले भाले यात्रियों से अवैध धन उगाही, अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर गुजर बसर कर रहे स्ट्रीट वैंडर्स से अवैध धन उगाही के लिए दवाब बनाए जाने के कारण दिव्यांग सेना के अध्यक्ष पंकज त्रिपाठी के नेतृत्व में रेल भवन के सामने सैंकड़ों की संख्या में दिव्यांग एवं महिलाओं का विशाल धरना-प्रदर्शन एवं उपवास, जहां एक ओर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा तमाम सारी कल्याणकारी योजनाएं चलाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने हेतु तमाम प्रयास किए जा रहे हैं एवं दिव्यांग जनों के लिए समता, समानता व समाज में सम्मानजनक जीवन यापन करने हेतु सरकार प्रयासरत हैं।
वहीं दूसरी ओर कुछ सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा जो पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। सरकार की मनशा पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। जिसमें दिव्यांग जनों व गरीब रेहड़ी-पटरी के माध्यम से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले गरीब और लाचार लोगों के मन में सरकार के प्रति एक नकारात्मक सोच पैदा हो रही है। जोकि सरकार व भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
आनन्द विहार रेलवे आर.पी.एफ. में तैनात एस.एच.ओ. श्री शैलेष जी व सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार के द्वारा निकास गेट के बाहर विगत कई वर्षों से लगा रहे रेहड़ी पटरी वालों पर अवैध रूप से दवाब बनाया जा रहा है। उनकी रेहड़ियों को उठा कर थाने में जमा करा दिया जाता है एवं जुर्माना भरने के बाद भी उनका सामान उनको नहीं दिया जाता है और यह काम सिर्फ अवैध धन उगाही के लिए ही किया जाता है। जबकि यह क्षेत्र थाना पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया के अर्तगत आता है और सभी प्रकार की जिम्मेदारी पटपड़गंज थाना पर डाली जाती है।
कैन्टीनों में डुप्लीकेट पानी आदि बेचा जा रहा है और इसी रेलवे परिसर के अन्दर अवैध कैन्टीन स्टाफ के नाम पर चल रही है एवं शौचालयों में निर्धारित मानक से कई गुना ज्यादा पैसा भोले-भाले यात्रियो से जबरन वसूला जाता है। यह सब इनकी नजर और सरपरस्ती में इनकी नाक के नीचे ही हो रहा है। किन्तु इन अधिकारियों के कान पर शिकायत करने के बावजूद जूं तक नहीं रेंगती क्योंकि उपरोक्त जगहों से एक मोटी रकम की उगाही होती है। और जब शिकायत करने की बात आती है तो इन अधिकारियों के द्वारा कहा जाता है कि ये पैसा ऊपर तक जाता है।
हमारा मानना था कि ये अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। किन्तु अप्रैल 2025 को बड़ौदा हाउस में जीएम साहब को दिए गए शिकायती पत्र में इन सभी चीजों की शिकायत की गई थी। किन्तु अब तक कोई कार्यवाही न होने से संदेह होता है कि ये पैसे उच्चाधिकारियों तक जाता हो। इसलिए हम आपकी शरण में आए हैं। और हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इन दोनों अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए मजबूर लाचार व कठिन परिश्रम कर अपना व अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे है। रेहड़ी-पटरी वालों को न्याय मिले इन सभी जगहों पर अवैध रूप से पैसा वसूला जाता है। जिसके बारे में नीचे विस्तार से दिया गया है।
जी.आर.पी. थाना के बराबर में स्टाफ कैंटीन के नाम से अवैध कैन्टीन चल रही है। जिसके द्वारा मोटी रकम वसूली जाती है।
जी.आर.पी. थाना के ठीक पीछे एवं फुट ओवर ब्रिज के ऊपर एवं नीचे लगभग 10 दुकानें संचालित हैं। इनका पैसा भी आर.पी.एफ. के पास जाता है। रेलवे यूनियन के आफिस के बराबर में पैसा लेकर अवैध कैंटीन आर.पी.एफ. ने संचालित करवा रखी है। रेलवे यूनियन के आगे रेलवै ट्रेक के पास जहां प्लेटफार्म खत्म होता है। वहां भी आर.पी.एफ. पैसा लेकर कैन्टीन चलवा रही है। आनन्द विहार रेलवे स्टेसन से संचालित ट्रेनों में आर.पी.एफ. ने अवैध वैण्डर 500/- रुपए प्रति वैण्डर के हिसाब से चला रखे हैं।
वाशिंग लाईन की तरफ अवैध वैण्डसों का माल रखने के लिए आर.पी.एफ. ने गोदाम की व्यवस्था भी कर रखी है। (इन छह जगहों की हमारे पास फोटो ओर वीडियो मौजूद हैं। मांगे जाने पर पेश की जाएंगी। सुनने में आया है कि सीमान्चल, भागलपुर एवं नार्थ ईस्ट, विक्रमशिला इन ट्रेनों द्वारा यहां से शराब की तस्करी की जाती है एवं बिहार से गांजा तस्करी कर लाया जाता है, ये जांच का विषय है ।