प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: भारत ने ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच ऑपरेशन सिंधु के तहत न केवल अपने नागरिकों, बल्कि नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी ईरान से सुरक्षित निकालने की पहल शुरू की है। यह निर्णय नेपाल और श्रीलंका सरकारों के औपचारिक अनुरोध के बाद लिया गया है।
भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया था, जिसके तहत अब तक 517 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है। अब इस अभियान में नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी शामिल किया गया है, जो मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच फंसे हैं।
नेपाल और श्रीलंका की स्थिति
नेपाल सरकार ने बताया कि ईरान में उसके 5 नागरिक जेल में हैं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय तस्करी के आरोप हैं। नेपाल ने इन नागरिकों को निकालने के लिए भारत से मदद मांगी है। इसके अलावा, ईरान में 16 नेपाली और इज़राइल में 5500 नेपाली नागरिक मौजूद हैं।
श्रीलंका के कितने नागरिक ईरान में फंसे हैं, इसका आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमान है कि हर साल लगभग 12,000 श्रीलंकाई पर्यटक ईरान घूमने जाते हैं।
भारतीय दूतावास की भूमिका
तेहरान में भारतीय दूतावास ने नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को निकालने के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर (+989010144557, +989128109115, +989128109109) और एक टेलीग्राम चैनल जारी किया है। निकासी से पहले सभी व्यक्तियों की जानकारी सत्यापित की जाएगी, ताकि प्रक्रिया सुरक्षित और व्यवस्थित हो।
ईरान का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण निकासी जमीनी रास्तों से की जा रही है। भारत ने आर्मेनिया की सीमा के माध्यम से कई नागरिकों को निकाला है, जिसमें 110 भारतीय छात्र शामिल हैं, जिनमें से 90 जम्मू-कश्मीर के हैं। शुक्रवार देर रात तेहरान द्वारा हवाई क्षेत्र खोले जाने के बाद 290 भारतीय छात्र मशहद से सुरक्षित लौटे। शनिवार सुबह एक विशेष विमान तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से दिल्ली पहुंचा।
कूटनीतिक और रणनीतिक महत्व
यह कदम भारत की क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने वाला माना जा रहा है, खासकर तब जब चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश दक्षिण एशिया में गठजोड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। नेपाल में 82% हिंदू आबादी और श्रीलंका के साथ भारत के मजबूत संबंध इस पहल को और महत्वपूर्ण बनाते हैं। भारत और आर्मेनिया के बीच बढ़ते रक्षा और कूटनीतिक संबंधों ने भी निकासी प्रक्रिया में सहायता प्रदान की है।
हेल्पलाइन और सहायता
भारतीय विदेश मंत्रालय ने 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जो ईरान और इज़राइल में फंसे नागरिकों की सहायता के लिए सक्रिय है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है।
भारत का यह कदम न केवल मानवीय सहायता का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय कूटनीति में उसकी बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत, नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे मध्य पूर्व के संकटग्रस्त क्षेत्र में उसकी विश्वसनीयता और प्रभाव बढ़ रहा है।
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