नई दिल्ली। पहले दो चरण तक मुद्दाविहीन नजर आ रहा लोकसभा चुनाव तीसरे चरण संविधान बचाओ बनाम ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम कोटा की जंग का रूप ले चुका है। मंगलवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुस्लिम आरक्षण की तरफदारी ने इस मुद्दे को और बड़ा बना दिया है।
लालू के बयान ने जहां आरक्षण में मुस्लिम कोटा को ओबीसी की हकमारी से जोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा को विपक्ष पर हमलावर होने का मौका दिया है, वहीं कांग्रेस के सामने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती खड़ी कर दी है। पहले दो चरण के चुनाव में विपक्ष का संविधान बचाओ का मुद्दा हावी रहा। भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता हर मंच पर विपक्ष के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के आरोपों का जवाब देते दिखे।
हालांकि दूसरे चरण से ठीक पहले भाजपा ने कर्नाटक सहित कुछ राज्यों में ओबीसी आरक्षण में पूरे मुस्लिम बिरादरी के अलग आरक्षण कोटे का मामला उठाया। पीएम मोदी समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ओबीसी ही नहीं एससी-एसटी आरक्षण का लाभ भी पूरे मुस्लिम बिरादरी को देना चाहती है।
कुछ घंटों में ही लालू बैकफुट पर आए
मंगलवार की सुबह मुस्लिम आरक्षण की वकालत करने वाले लालू सियासी नुकसान की भनक के बीच दोपहर आते आते अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा कि आरक्षण का आधार धार्मिक नहीं सामाजिक और शैक्षणिक होना चाहिए। हालांकि इससे पहले भाजपा को विपक्ष पर पलटवार का बड़ा मुद्दा मिल गया। दरअसल भाजपा की रणनीति यह धारणा बनाने की है कि विपक्ष ओबीसी, एससी-एसटी के अधिकारों की कीमत पर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहता है।
कांग्रेस की बढ़ी मुश्किल
इस चुनाव में पहली बार सामाजिक न्याय की मुख्य धारा की राजनीति में समाने की कोशिश कर रही कांग्रेस की इस मुद्दे ने मुश्किल बढ़ा दी है। जाति जनगणना, आरक्षण का दायरा बढ़ाने की बात करने वाली कांग्रेस अब तक आरक्षण में मुस्लिम कोटा के सवाल पर चुप है। जाहिर तौर पर इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साधने वाली कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना होगा। मुस्लिम कोटा का समर्थन उसे ओबीसी से दूर करेगा तो विरोध मुसलमानों से।
मत प्रतिशत में बढ़ोतरी से भाजपा उत्साहित
पहले दो चरण के मतदान के इतर तीसरे चरण के मतदान में मत प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इसका एक बड़ा कारण आरक्षण में मुस्लिम कोटा का मुद्दा है। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि विपक्ष के मुस्लिम कोटा के समर्थन से ओबीसी में बढ़ी बेचैनी है। अब इस वर्ग के मतदाता मुखर हो कर मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं।
जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण का समर्थन संविधान की मूल भावनाओं के ही नहीं मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी उल्लंघन और अपमान है। आरक्षण का आधार धर्म नहीं सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन होता है। धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत आरक्षण का लाभ ले रहे पिछड़े वर्ग के खिलाफ गहरी साजिश है।