उमा एस तिवारी
रीवा। मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सात महीने का समय बचा है। ऐसे में सभी सीटों पर दावेदारों के शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। रीवा जिले की आठ विधानसभा सीटों पर कमोवेश यही स्थिति नजर आ रही है। दिलचस्प बात यह है कि यहां बीजेपी के मौजूदा विधायकों को विपक्षी पार्टियों के मुकाबले अपनी पार्टी से ज्यादा चुनौती मिलती दिख रही है। वैसे भी संघ और बीजेपी के हालिया सर्वों ने रीवा जिले के कई विधायकों की टेंशन बढ़ा रखी है।
रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा सीट पर गर्मी आने से पहले ही सियासी पारा बढ़ा हुआ है। सीट पर कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता ने मौजूदा विधायक केपी त्रिपाठी को जहां थोड़ी परेशानी में डाल रखा था, वहीं उनकी अपनी पार्टी के युवा नेता संजय द्विवेदी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने इस टेंशन को और बढ़ा दिया है।
रंगों के त्योहार होली की खुमारी सेमरिया विधानसभा के सियासी गलियारों में छाई हुई है। क्षेत्र में होली के बहाने दावेदारों के शक्ति प्रदर्शन चल रहे हैं। पिछले दिनों क्षेत्र में बीजेपी के युवा नेता संजय द्विवेदी ने होली मिलन पर फाग कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ ने सभी को सकते में डाल दिया। अमूमन इस तरह की भीड़ और गाड़ियों का काफिला किसी बड़े सरकारी कार्यक्रम या बड़े नेता के आगमन में देखने को मिलता है। पर संजय द्विवेदी के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ और गाड़ियों के काफिले ने क्षेत्र में उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता का संकेत दिया।
ऐसे में जब विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष बचे है उस वक़्त संजय द्विवेदी की बढ़ती हुई लोकप्रियता ने एक ओर जहां मौजूदा भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी की टेंशन ला दिया है वहीं कांग्रेस की तरफ से तैयारियों में जुटे पूर्व विधायक अभय मिश्रा की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
क्षेत्र के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर भाजपा मौजूदा विधायक केपी त्रिपाठी को टिकट देती है तो कांग्रेस के अभय मिश्रा के लिए जीत की राह काफी आसान हो जाएगी। पर अगर पार्टी साफ सुथरी छवि वाले किसी नए चेहरे को मौका देती है तो अभय मिश्रा के लिए यह मुकाबला काफी कठिन हो जाएगा। कुछ ऐसा ही मानना कांग्रेस के बड़े नेताओं का भी है। इसके पीछे स्थानीय जनता मौजूदा विधायक केपी त्रिपाठी के कार्यकाल को मानते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में विधायक केपी त्रिपाठी का रवैया किसी से छिपा नहीं है, लोग बीजेपी की योजनाओं से प्रभावित जरूर हैं, पर विधायक के प्रति नाराजगी साफ देखी जा सकती है।