नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन का घोषणापत्र जारी किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सभी के लिए आज खास दिन है. हमें केवल सरकार ही नहीं बनानी, हमें बिहार बनाना है. आज बहुत ख़ुशी की बात है कि महागठबंधन के सभी लोग बिहार के समक्ष बिहार का संकल्प पत्र रखा है. अपने प्रण को अगर प्राण झोंककर भी करना हो तो करेंगे.
इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर प्रदेश के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा और हमारी सरकार युवाओं को नौकरी देने के अपने संकल्प पर अमल करते हुए 20 महीने के भीतर नौकरी प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी.
सभी जीविका CM (Community Mobilisers) दीदियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. उनका वेतन 30,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाएगा. साथ ही, उनके द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज माफ किया जाएगा तथा दो वर्षों तक बिना ब्याज का ऋण प्रदान किया जाएगा. जीविका कैडर की दीदियों को अन्य कार्यों के निष्पादन हेतु प्रति माह 2,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, जीविका कैडर के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को भी मानदेय प्रदान किया जाएगा.
सभी संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा.
आईटी पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ), डेयरी-बेस्ड इंडस्ट्रीज, एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज, स्वास्थ्य सेवा, कृषि उद्योग, फूड प्रोसेसिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण और पर्यटन के क्षेत्रों में कौशल-आधारित रोज़गार का सृजन किया जाएगा. लघु और मध्यम उद्योग समूहों के वित्तीय एवं कौशल विकास के लिए सुसंगत नीति बनाई जाएगी. प्रदेश में 2000 एकड़ में एजुकेशनल सिटी, इंडस्ट्री क्लस्टर्स, 5 नए एक्सप्रेसवे बनाये जाएंगे. मतस्य पालन एवं पशुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
पुरानी पेंशन योजना (OPS Scheme) को लागू किया जाएगा.
माई-बहिन मान योजना के तहत महिलाओं को 1 दिसंबर से प्रति माह ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, और अगले पाँच वर्षों तक महिलाओं को प्रतिवर्ष ₹30,000 प्रदान किया जाएगा. साथ ही हमारी सरकार BETI और MAI योजनाएं लाएगी, जिससे बेटियों के लिए “बेनिफिट”, ‘एजुकेशन’, ‘ट्रेनिंग’ एवं ‘इनकम’ की व्यवस्था होगी तथा माताओं के लिए “मकान”, “अन्न” एवं ‘इनकम’ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत विधवा और वृद्धजनों को ₹1500 मासिक पेंशन दी जाएगी, जिसमें हर वर्ष ₹200 की वृद्धि की जाएगी.
- दिव्यांग जनों को ₹3000मासिक पेंशन दी जाएगी.
- हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जाएगी.
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा किस्त वसूली के दौरान महिलाओं की प्रताड़ना को रोकने तथा मनमाने ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए नियामक कानून बनाया जाएगा. सहारा इंडिया में निवेशकों की फंसी जमा राशि को वापस दिलाने का उच्चस्तरीय प्रयास होगा.
प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए फॉर्म एवं परीक्षा शुल्क समाप्त किया जाएगा और परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए मुफ़्त यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी. पेपर लीक और परीक्षा-अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. रोज़गार में बिहार के निवासियों की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए सुसंगत डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी.
प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना की जाएगी तथा जिन 136 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं है, उन प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे.
शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य सेवाओं के कर्मियों के गृह जिला के 70 किलोमीटर के दायरे में स्थानांतरण एवं तैनाती से सम्बंधित सुसंगत निति बनाई जाएगी. राज्य के सभी वित्त रहित सम्बद्ध महाविद्यालयों को “वित्त सहित महाविद्यालय” का मान्यता देते हुए प्राध्यापकों एवं अन्य कर्मियों को सरकारी वित्त सहित महाविद्यालयों के समान वेतन, भत्ता प्रदान करना.
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी दी जाएगी तथा मंडी और बाज़ार समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा. प्रमंडल, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर मंडियाँ खोली जाएँगी. APMC अधिनियम को बहाल किया जाएगा.
हर व्यक्ति को जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत ₹25 लाख तक का मुफ़्त स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा. स्वास्थ्य व्यवस्था को ज़िला स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा, और ज़िला अस्पतालों व सभी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी सुविधाएँ एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि राज्य के मरीज़ों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े. राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए CGHS तर्ज़ पर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित की जाएगी.
मनरेगा में मौजूदा ₹255 दैनिक मज़दूरी को बढ़ाकर तुरंत ₹300 किया जाएगा, और 100 दिन के कार्य को बढ़ाकर 200 दिन किया जाएगा. साथ ही बिहार सहित पूरे देश में मनरेगा मज़दूरी ₹400 सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.
‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा. अनुसूचित जाति / जनजाति के 200 छात्र छात्राओं को छात्रवृति के लिए विदेश भेजा जाएगा.
आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा. अनुसूचित जाति (sc) के लिए यह सीमा 16% से बढ़ाकर 20% की जाएगी, और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण में भी आनुपातिक बढ़ोतरी सुनिश्चित की जाएगी.
हमारी सरकार अपराध के प्रति Zero Tolerance की नीति अपनाएगी. अधिकार क्षेत्र के पुलिस अधीक्षकों (SP) एवं थानेदारों (SHO) के लिए निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया जाएगा. उन्हें अपराधों के संज्ञान लेने, रोकथाम करने एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में उत्तरदायी ठहराया जाएगा. साथ ही, कमजोर वर्गों की आवश्यकताओं के प्रति उनकी संवेदन शीलता सुनिश्चित की जाएगी.
सभी अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी. वक़्फ संशोधन विधेयक पर रोक लगाई जाएगी, और वक़्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाते हुए इसे अधिक कल्याणकारी और उपयोगी बनाया जाएगा. बौद्ध गया स्थित बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय के लोगों को सुपुर्द किया जाएगा.
लेबर गणना (Labour Census) करवायेंगे ताकि हमारे श्रमवीर भाइयों को हर महीना आर्थिक मदद कर सकें. उनके लिए स्किल ट्रेनिंग करा सकें. प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए एक विभाग स्थापित किया जाएगा जो केवल प्रवासी श्रमिकों के लिए समर्पित होगा. एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस बनाया जाएगा जिसमें प्रवासियों के नाम, पते, पेशे और आपातकालीन संपर्क विवरण दर्ज किए जाएंगे ताकि उनके कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके. बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, सूरत, बेंगलुरु, लुधियाना में विशेष रूप से बिहार मित्र केंद्र स्थापित किए जाएंगे जो कानूनी सहायता, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार सहायता प्रदान करेंगे.
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एव ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का मानदेय भत्ता दुगुना किया जाएगा. पूर्व पंचायत एव ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को पेंशन राशि देने की शुरुआत की जाएगी. त्रिस्तरीय पंचायत एव ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का 50 लाख का बीमा किया जाएगा. 2001 में पंचायत प्रतिनिधियों की शक्तियों के प्रतिनिधायन हेतु राज्य सरकार द्वारा जारी संकल्प पत्र को पुनः लागू किया जाएगा.
PDS जनवितरण प्रणाली वितरकों को मानदेय दिया जाएगा. अनुकंपा में 58 वर्ष की सीमा बाध्यता को समाप्त किया जाएगा.
नाई, कुम्हार, बढ़ई, लोहार, मोची, माली इत्यादि जाति के स्वरोजगार, आर्थिक उत्थान और उन्नति के लिए 5 साल के लिए 5 लाख की एकमुश्त ब्याज रहित राशि प्रदान की जाएगी.
दिव्यांग भाई-बहनों की बेहतरीन सुविधाओं, सुनहरे भविष्य, तथा सरल व सुखी जीवन के लिए “दिव्यांग विकास कार्यक्रम” लागू करेंगे जिसके अंतर्गत दिव्यांग विभाग का गठन किया जाएगा. हर पंचायत में “दिव्यांग मित्र” की नियुक्ति की जाएगी. दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरियों में विशेष रिक्तता का प्रावधान होगा. दिव्यांगों को लघु व्यापार हेतु विशेष लोन का प्रावधान तथा दिव्यांगों के लिए विशेष मिल्क बूथ आवंटित किए जाएँगे वर्तमान सरकारी योजनाएँ पूर्ववत् रुप से लागू रहेंगी.
महागठबंधन के घोषणापत्र को ‘प्रण पत्र’ नाम दिया. तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी, पवन खेड़ा और अखिलेश प्रसाद सिंह और अन्य नेताओं ने इसे जारी किया. पवन खेड़ा ने कहा कि महागठबंधन ने सबसे पहले अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया और सबसे पहले अपना घोषणा पत्र जारी किया. बिहार के लिए अगर सच में कोई सोच रहा है तो वो महागठबंधन है. सभी से चर्चा करके इसमें ऐसे मुद्दे शामिल हैं जो बिहार के हर व्यक्ति से जुड़ा है.
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में हमें 30 से 35 साल बिहार की जनता के बीच रहना है. बिहार की जनता का सेवा करना है. उन्होंने कहा कि हम लोग सरकार बनाने जा रहे हैं. बिहार में जो भी कमियां हैं उन सभी को हम तेजस्वी यादव को सीएम बनाकर पूरा करेंगे.







