प्रकाश मेहरा
स्पोर्ट्स डेस्क
नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने ऐतिहासिक दोहरा शतक (269 रन) लगाकर कई रिकॉर्ड तोड़े और भारतीय खेमे में जीत की उम्मीद जगाई। यह पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला है, जिसमें भारत पहला टेस्ट (लीड्स) 5 विकेट से हारकर 0-1 से पीछे है। गिल की इस पारी ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी कौशल को भी दर्शाता है।
इंग्लैंड में भारत की पहली पारी !
भारत ने पहली पारी में 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसमें गिल की 269 रनों की पारी (387 गेंद, 30 चौके, 3 छक्के) मुख्य आकर्षण रही। रवींद्र जडेजा (89 रन) और यशस्वी जायसवाल (87 रन) ने भी अहम योगदान दिया।
जवाब में इंग्लैंड ने दूसरे दिन स्टंप्स तक 3 विकेट पर 77 रन बनाए, जो भारत से 510 रन पीछे है। आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने शुरुआती झटके दिए, जिसमें बेन डकेट और ओली पोप खाता खोले बिना आउट हुए। जो रूट (18*) और हैरी ब्रूक (30*) क्रीज पर हैं। गिल की पारी और गेंदबाजों के दबदबे ने भारत को ड्राइवर सीट पर ला दिया।
शुभमन गिल की पारी और ऐतिहासिक उपलब्धियां !
गिल इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर (269 रन) बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बने, जिन्होंने सुनील गावस्कर (221, 1979) और राहुल द्रविड़ (217, 2002) के रिकॉर्ड को तोड़ा। वह इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय और पहले एशियाई कप्तान बने।
गिल टेस्ट में 250+ रन बनाने वाले छठे भारतीय और सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय कप्तान बने, जिन्होंने विराट कोहली (254*, 2019) को पीछे छोड़ा। वह टेस्ट और वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले पांचवें बल्लेबाज बने (सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, क्रिस गेल के साथ)। 25 साल 298 दिन की उम्र में दोहरा शतक लगाकर वह सबसे युवा भारतीय कप्तानों में दूसरे स्थान पर हैं, मंसूर अली खान पटौदी (23 साल, 1964) के बाद।
क्या है पारी की खासियत ?
गिल ने 311 गेंदों में 200 रन पूरे किए और कुल 387 गेंदों में 269 रन बनाए। उनकी पारी में धैर्य, तकनीक और आक्रामकता का शानदार मिश्रण देखने को मिला।
उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ छठे विकेट के लिए 203 रन और वाशिंगटन सुंदर (42 रन) के साथ सातवें विकेट के लिए 144 रन की साझेदारी की। गिल ने तेज गेंदबाजों और स्पिनर जैक लीच को आत्मविश्वास से खेला, खासकर उनकी कवर ड्राइव और लॉफ्टेड शॉट्स की तारीफ हुई। तिहरे शतक की उम्मीद थी, लेकिन जोश टंग के बाउंसर पर वह ओली पोप को कैच दे बैठे।
भारतीय कैंप में उम्मीदें !
पहले टेस्ट में हार के बाद गिल की इस पारी ने भारतीय खेमे में उत्साह भरा है। भारत अब इस टेस्ट को जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी करना चाहेगा। गिल की कप्तानी में युवा और अनुभवहीन टीम ने दम दिखाया। उनकी यह पारी 2020 में अजिंक्य रहाणे की एमसीजी टेस्ट (112 रन) की याद दिलाती है, जिसने ऑस्ट्रेलिया में भारत की वापसी कराई थी।
आकाश दीप और सिराज की शुरुआती सफलता ने भारत को मजबूत स्थिति में रखा। जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी के बावजूद गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा। गिल की पारी ने न केवल स्कोरबोर्ड पर बड़ा योगदान दिया, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी बढ़ाया। युवराज सिंह, रविचंद्रन अश्विन और सचिन तेंदुलकर ने उनकी पारी और कप्तानी की तारीफ की।
विवाद और रणनीति
जसप्रीत बुमराह को इस टेस्ट में आराम देने के फैसले पर पूर्व कोच रवि शास्त्री और इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड ने सवाल उठाए। शास्त्री ने इसे गलत संदेश बताया, क्योंकि यह सीरीज का अहम मैच है। पहले दिन 56वें ओवर में अंपायर ने इंग्लैंड की मांग पर गेंद बदली, जिसके बाद भारत ने दो त्वरित विकेट (ऋषभ पंत और नीतीश रेड्डी) गंवाए। इसे कुछ विशेषज्ञों ने इंग्लैंड की मदद के रूप में देखा।
गिल ने बताया कि “उन्होंने आईपीएल के आखिरी चरण में अपनी बल्लेबाजी पर काम किया, जिसका फायदा टेस्ट में मिला। उन्होंने फील्डिंग में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया, खासकर लीड्स टेस्ट में खराब फील्डिंग के बाद।”
गिल का दोहरा शतक, रिकॉर्ड्स की झड़ी
गिल का इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय (गावस्कर और द्रविड़ के बाद) और पहले भारतीय कप्तान बने। वह SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में दोहरा शतक लगाने वाले पहले एशियाई कप्तान हैं।
उनकी 269 रन की पारी टेस्ट में भारत की सातवीं सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी और विदेशी धरती पर किसी बल्लेबाज की आठवीं सबसे बड़ी पारी है। गिल ने कप्तानी की तीसरी पारी में दोहरा शतक लगाकर सुनील गावस्कर की बराबरी की। रवींद्र जडेजा ने भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 2000 रन और 100 विकेट पूरे कर नया रिकॉर्ड बनाया।
कप्तानी और बल्लेबाजी की परिपक्वता
भारत को इस बढ़त को भुनाने के लिए गेंदबाजों को जल्दी विकेट लेने होंगे, खासकर जो रूट और हैरी ब्रूक की जोड़ी को तोड़ना अहम होगा। गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “उनकी टीम न केवल यह टेस्ट, बल्कि पूरी सीरीज जीतने के इरादे से खेल रही है।” एजबेस्टन में भारत का रिकॉर्ड खराब रहा है (8 में से 7 टेस्ट हारे), लेकिन गिल की इस पारी ने इतिहास बदलने की उम्मीद जगाई है।
शुभमन गिल की 269 रनों की जादुई पारी ने न केवल भारत को दूसरे टेस्ट में मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी की परिपक्वता को भी दर्शाया। यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है और सीरीज में वापसी की उम्मीदों को जिंदा रखती है। अब गेंदबाजों के प्रदर्शन पर सबकी नजरें होंगी, क्योंकि भारत इस टेस्ट को जीतकर सीरीज में बराबरी करना चाहेगा।